खेतो में रात में भूत दिखाई दिया।|Dead Person live Meeting In Night|Hindi| Real Horror Stories

Real Horror Stories के अगले समय क्रम में हम आपके लिए आज लेकर आए हैं डर से भरी हुई एक और सच्ची रोमांचक कहानी।

 यह घटना है राजस्थान के रहने वाले रामचंद्र जी की, इनके साथ यह घटना आज से करीबन 7 साल पहले हुई थी, आगे की कहानी उन्हीं के नजरिए से जानने की कोशिश करते हैं। नमस्कार मेरा नाम रामचंद्र है और मैं राजस्थान के श्रीमाधोपुर का रहने वाला हूं। यह घटना मेरे साथ आज से करीबन 7 साल पहले घटी थी, जब मैं सर्दियों में रात को अपने खेत में पानी देने के लिए जाता था।
 मेरे खेत के पास ही मेरे पिताजी के पुराने मित्र का घर था, उनका नाम सुगनाराम जी था। सुगना राम जी के तीन बेटे थे दो बेटे तो नौकरी वगैरह करते थे और पैसा कमा कर अपने परिवार का पेट पाल लेते थे परंतु उनका तीसरा बेटा जिसका नाम रमेश था, उसे नशे की आदत लग चुकी थी और वह हमेशा नशे में ही डूबा रहता था। इस कारण से उसकी शादी भी नहीं हो पाई थी। कई सालों तक ऐसे ही नशे में रहने के बाद उसके भाइयों और पिता ने मिलकर बिहार से एक लड़की लाकर उसकी शादी करवा दी थी।

Dead person Meeting

 राजस्थान के अंदर यूपी बिहार से लड़कियां लाकर लड़कों की शादी करवाने का चलन पिछले कुछ सालों में बहुत ज्यादा मात्रा में बढ़ा है, क्योंकि राजस्थान के अंदर लड़कियों की बहुत ज्यादा कमी हो गई थी या फिर लड़कियां ऐसे लड़कों से शादी नहीं करना चाहती थी जो गलत संगत में पड़े हुए हो। 
रमेश के जीवन में भी शादी के बाद में थोड़ा बहुत सुधार तो आया था परंतु उसकी नशे की आदत अभी भी नहीं सुधरी थी। वह अब भी नशा करता था। इसलिए उसके परिवार की आर्थिक स्थिति थोड़ी खराब थी, गांव वालों के समझाने और परिवार वालों के समझाने के बाद उसने नशे करना थोड़ा कम कर दिया था और अब वह काम पर भी जाने लगा था।
 गांव के ही एक ट्रक वाले के साथ वह काम करने लगा था। ट्रक के ऊपर वह खलाशी का काम करता था। एक बार ट्रक एक लंबे टूर पर गया हुआ था, कुछ दिनों बाद खबर मिली की ट्रक का एक्सीडेंट हो गया और रमेश और ट्रक का ड्राइवर दोनों की उसी समय पर मौत हो गई थी।
 रमेश और उस गाड़ी के ड्राइवर की बॉडी को गांव में लाया गया और उनका अंतिम संस्कार किया गया। यह घटना उनकी मौत के करीब 1 महीने बाद मेरे साथ हुई थी। एक रात को मैं अपने खेत में पानी देने के लिए गया हुआ था।
 रात के करीबन 3:00 बजे के बाद का समय था क्योंकि बिजली उसी समय पर आती थी। इसलिए हमें पानी देने के लिए तभी जाना पड़ता था। रात के समय में अपने बच्चों और पत्नी को पानी देने के लिए नहीं भेजता था इसीलिए मैं खुद ही उस समय पर पानी देने के लिए जाता था।
 रमेश की मृत्यु के बाद से ही गांव के कुछ लोगों का कहना था कि उसकी आत्मा कई लोगों को अक्सर दिखाई दे जाती है, कभी गांव के अंदर कभी हमारे खेतों के आसपास, हमारे खेतों के आसपास काम करने वाले लोगों ने भी रात में उसकी आत्मा को देखने का दावा किया था परंतु मुझे इस बात पर विश्वास नहीं था कि कोई मरा हुआ आदमी किसी को दिखाई भी दे सकता है क्या??
 एक रात की बात है मैं वही मेरे खेत में पानी देने का काम कर रहा था कि मुझे मेरे ही खेत के पास वाले खेत में जहां पर में पानी दे रहा था उसके नजदीक ही एक पेड़ के नीचे एक आदमी खड़ा हुआ दिखाई दिया, मुझे लगा कि शायद साथ वाले खेत में उसका मालिक काम करने के लिए आया हुआ होगा और सर्दी का समय था इसलिए मैंने एक क्यारी में पानी लगाने के बाद उधर जाकर उससे बातचीत करने का सोचा और एक चाय बनाकर साथ में पीने का मन बनाया था।
 इसलिए मैं उसकी तरफ जाने लगा परंतु जब मैं वहां पर जाकर उस व्यक्ति को देखा तो मैं उसे देख कर चौक गया क्योंकि यह तो वही रमेश था जिसकी मौत आज से करीब 1 महीने पहले ही हो गई थी। मैं यह सब देख कर थोड़ा डर सा गया था कि जिस इंसान की मौत 1 महीने पहले हो गई जिसके अंतिम संस्कार में, मैं खुद शामिल हुआ था। वह आखिर अपनी मौत के 1 महीने बाद किसी को कैसे दिखाई दे सकता है?? किसी और से सुनी हुई बात पर तो मैं विश्वास नहीं कर सकता था परंतु आज तो मैंने खुद से अपनी आंखों से देखा था। इसलिए थोड़ा सा अजीब तो मुझे भी लग रहा था ये क्या हो क्या रहा है??
 बचपन से ही रात में काम करने के लिए खेतों में जाने के कारण मुझे डर नहीं लगता था। इसलिए मैंने भी उसे थोड़ी देर तो देखा और फिर वापस आकर अपने खेतों में काम करने लगा। उसकी मौत से पहले वह चाहे  कितने भी नशे करता हो परंतु मेरी इज्जत वह हमेशा ही करता था।
 जब भी हमारी गांव में कहीं पर मुलाकात हो जाती थी तो वह हमेशा आदर से राम-राम करके ही मेरे सामने से निकलता था। मैं उस रात पानी लगाने के बाद में घर आ गया और सो गया। मैंने सुबह उठकर अपने परिवार वालों को बताया कि आज रात को मैंने हमारे खेत के पास वाले खेत में ही रमेश की आत्मा को देखा था। मेरे परिवार वालों ने भी मुझसे कहा कि आपको तो विश्वास ही नहीं था ना इन सब बातों पर आज कैसे विश्वास कर लिया, जब खुद की आंखों से देखा हो तो विश्वास कैसे ना करूं??

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 गांव में भी मैंने मेरे कुछ साथियों को यह बात बताई तो सब ने इस बात पर हां की कि हां उसकी आत्मा कई लोगों को दिखाई दे रही है और आज तुम्हें भी दिखाई दे गई, परंतु तुम्हारा तो उसने कोई नुकसान नहीं किया ना??
 क्योंकि उसने गांव के कुछ लोगों का जाने अनजाने में नुकसान कर दिया था। उसी शाम की बात है सूर्यास्त के आसपस मैं अपने कमरे के अंदर लेटा हुआ था क्योंकि मुझे रात में फिर से खेत में काम के लिए जाना था। इसलिए शाम को ही मैं थोड़ा अपनी नींद पूरी कर रहा था, अचानक से मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि मेरी चारपाई की पैरों की साइड रमेश खड़ा हुआ है। उसे खड़े देखकर और उसके चेहरे की भयानकता को देखकर अब मैं थोड़ा सा डर गया था,
 उसने मुझे ना तो कुछ कहा और ना ही मेरा कोई नुकसान करने की कोशिश की, परंतु फिर भी थोड़ा बहुत तो आज मुझे डर लगने लगा था।
 मेरे परिवार वालों को जब मैंने यह बात बताएं कि आज मैंने उसे हमारे घर के अंदर देखा है और अभी-अभी देखा है तो घर वाले भी थोड़ा सा डर गए, उनका मानना था कि सूर्यास्त के समय पर ऐसी चीजें कई बार दिखाई दे जाती हैं।
 इसलिए उसी शाम को हम सब हमारे पास ही के गांव में रहने वाले एक पंडित जी के पास गए जिनके बारे में कहा जाता था कि उनको आत्माओं को वश में करने की सिद्धि प्राप्त है। वह अपनी साधना करते रहते हैं। इसलिए किसी भी आत्मा को अपने नियंत्रण में कर सकते हैं।
 मैंने उन्हें जाकर सारी बात बताई कि पहले तो मैंने उसे कल रात को अपने खेतों में काम करते समय पर देखा था परंतु आज तो उसे मैंने अपने ही घर के अंदर देखा है और वह भी सोते समय पर।
 शाम के समय पंडित जी ने घर आकर देखने के लिए कहा कि मैं घर आकर देख कर बता सकता हूं कि आखिर बात क्या है?? ऐसे तो मैं भी कुछ भी नहीं बता सकता।
 हमने पंडित जी को घर बुलाया पंडित जी उसी रात को हमारे घर आए और उन्होंने हमारे घर का पूरा मौका मुआयना किया उसके बाद घर के अंदर हवन किया।
 हवन करने के बाद पंडित जी ने हमें बताया कि वह गांव वालों को  कुछ बताना चाहता है परंतु तुम लोग शायद उससे डर रहे हो इसलिए शायद वह बोल नहीं पा रहा हो, परंतु वह अपने साथ हुई किसी घटना के बारे में बताना चाह रहा था। उसकी मौत किसी साधारण दुर्घटना के अंदर नहीं हुई है, जबकि उसकी मौत सुनिश्चित पूर्वनियोजित तरीके से की गई है।
 इसलिए उसकी आत्मा भटक रही है और रमेश की मौत के बाद उसकी आत्मा की मुक्ति के लिए क्रिया भी नहीं की गई थी। इसलिए उसकी आत्मा अभी तक भटकती रही है।
 यह सब सुनकर हम थोड़ा सहम से गए थे परंतु रमेश भी गांव का ही  था।
 इसलिए मैंने सभी गांव वालों को भी दूसरे दिन सुबह ही इन सब के बारे में बता दिया कि पंडित जी ने हमें यह बताया है कि उसकी मुक्ति के लिए हमें कुछ पूजा पाठ करवानी होगी। गांव वालों ने मिलकर अगले दो-तीन दिन के अंदर ही उसकी मुक्ति के लिए पूजा पाठ करवाने का निर्णय लिया और उसके परिवार को भी जाकर इस बारे में सूचित किया कि रमेश की मुक्ति करवाने के लिए पूजा पाठ करवाना जरूरी हो गया है, क्योंकि गांव में कई लोगों को उसकी आत्मा दिखाई देने लगी है।
 वह अपने घर वालों को भी दिखाई देता था परंतु किसी का कोई नुकसान नहीं कर रहा था। वह शायद कुछ बताना चाहता था परंतु कोई उसको समझना नहीं चाह रहा था।
 हम सबको पंडित जी के बताने के बाद यह तो समझ में आ चुका था कि उसकी मौत में कुछ ना कुछ तो रहस्य है।
 इसलिए हम गांव वालों ने मिलकर उस दुर्घटना के लिए एक ज्ञापन सरकार को दिया कि उस दुर्घटना की जांच सही से की जाए ताकि उसकी मौत का पता लग सके, थोड़े दिन बाद पूजा पाठ करवा कर उसकी मुक्ति करवाने का कार्य भी कर दिया गया।
 जब दुर्घटना के बारे में प्रशासन ने जांच की तो पता चला कि उनकी गाड़ी में पहले लूटमार हुई थी क्योंकि गाड़ी से सारा सामान गायब था, जबकि जहां से वह निकला था वहां से सामान लेकर निकला था साथ में और दुर्घटना के बाद गाड़ी में कुछ भी नही मिला था उसके अंदर कोई भी सामान नहीं था।
 इसलिए यह इस बात को निर्देशित करते हैं कि इस दुर्घटना के पीछे ऐसे लोगों का हाथ है जो उसे उस ट्रक के अंदर रखे हुए सामान को लूटना चाहते थे और जब ड्राइवर और रमेश ने उसका विरोध किया तो उन दोनों ने उसे मार दिया और मारने के बाद खुद के बचाव के लिए उन्होंने ट्रक को दुर्घटना का रूप दे दिया।
 रमेश के मुक्ति के लिए अंतिम क्रिया करवाने के बाद वह गांव में किसी को भी दिखाई देना बंद हो गया था और शायद प्रशासन का निर्णय आने के बाद में उसकी आत्मा को संतुष्टि मिल गई हो कि आखिर लोगों को पता तो चला कि उसकी मौत किसी साधारण दुर्घटना में नहीं हुई थी, तभी किसी ने उसको जानबूझकर मारा था, चाहे वह नशे करता हो या कुछ करता हो परंतु अपनी मौत नहीं मरा था।

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 उसकी मौत का कारण कोई और था इसीलिए वह भटक रहा था। इस घटना से पहले मुझे भूत प्रेत और आत्माओं के अंदर कभी विश्वास नहीं था परंतु जब से यह घटना मेरे खुद के साथ हुई थी उसके बाद मेरा भी इन सब चीजों के अंदर विश्वास थोड़ा बढ़ गया था कि कुछ ना कुछ तो होता है आखिर इंसान की मृत्यु के बाद भी उसके शरीर को जलाने के बाद भी वह लोगों को दिखाई दे जाते हैं।
 यह बात बिल्कुल सत्य है आज रमेश का बेटा भी बड़ा हो चुका है और वह अपनी 12वीं की पढ़ाई भी पूरी कर चुका है। गांव वाले ही और उसके परिवार वाले मिलकर उनका खर्च उठाते हैं ताकि उसके बच्चे तो उसकी तरह गलत संगत के अंदर नहीं पड़े और नशे पत्ते के काम में नहीं पड़ जाए, अब शायद उसकी आत्मा को मुक्ति मिल गई है। इसलिए वह किसी को भी दिखाई नहीं देता।
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 जय बजरंगबली
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