सुमित एक साधारण जिंदगी जीने वाला लड़का था जिसे अपने भविष्य की ही इतनी चिंता थी की आगे वो क्या कर पायेगा और क्या नही फिर अचानक से उसके साथ ऐसी कुछ घटनाएं होने लगती हैं जिसके बारे में उसके पास न तो कुछ जवाब हैं और न ही वो उन सब घटनाओं को दुबारा याद कर के अपने जीवन के कुछ पलों को फिर से डर में नही देखना चाहता।
सुमित के पापा दिल्ली में नौकरी करते थे और सुमित भी अपने जन्म से ही दिल्ली में रहता था। सुमित के पापा दिल्ली पुलिस में नौकरी किया करते थे, जिसके कारण इसके घर में हमेशा माहोल ऐसा रहा हैं की भूतप्रेत के बारे में तो इसका हमेशा से रवैया ऐसा था की ये सब बस किस्से कहानियों में होते हैं जबकि हकीकत में इनका इन सब से कोई लेना देना नही हैं।
सुमित के पापा राजस्थान के एक छोटे से गांव से निकल कर दिल्ली जैसे शहर में नौकरी के कारण रहा करते थे परंतु उनका अपने गांव से भी उतना ही लगाव था जितना अपने बच्चो से, सुमित के पापा अक्सर परिवार के साथ छुट्टी होने पर अपने गांव जाया करते थे ।
सुमित के गांव में इनके ही परिवार में किसी चाचा की शादी थी जिसमे सुमित और उसके परिवार को भी जाना था, सुमित के पापा ने छुट्टी लेकर शादी में जाने के लिए अपने परिवार के साथ Plan बनाया। सुमित के गांव पहुंचने पर इनके परिवार के साथ और उनमें छोटे छोटे बच्चो के साथ सुमित का मन इतना लग गया की वो अपने दिल्ली के दोस्तो को भी भूल गया, कहने का मतलब इतना हैं की सुमित के घर शादी में सम्मिलित होने के लिए परिवार के बहुत से लोग आए थे , गांव में संयुक्त परिवार था तो सुमित के पापा के चाचा बुआ और उनके भाईयो का परिवार भी आया हुआ था, सुमित की उम्र के लगभग 10 से 15 साल के काफी बच्चे इस शादी में आए हुए थे जिनके साथ सुमित का दिल लग गया और वो शादी में Enjoy करने लगा अपने नए दोस्तो के साथ में।
सुमित इन सब बच्चो में सबसे छोटा था जिसके कारण इसे जिन चाचा की शादी थी उसने दूल्हे के साथ विनायक जी (शादी की एक रस्म जिसमे दूल्हा या दुल्हन के साथ किसी छोटे लड़के को भगवान गणेश जी का स्वरूप मानकर पूजा की जाती हैं और दूल्हे दुल्हन के साथ शादी में रस्मो में पूजा में साथ रहते हैं) बनाया गया था जिसके कारण ये अपने चाचा के साथ में गांव में खाने के लिए भी काफी बार परिवार के दूसरे लोगो के घर जा रहे थे।
सुमित ने वहां गांव में एक चीज पर ध्यान दिया की परिवार को औरते दूल्हे और सुमित को ऊपरी हवाओं से बचने के लिए कुछ चाकू जैसा उनके साथ दे रखा था। जब भी सुमित अपने चाचा के साथ गाँव मे खाने के लिए किसी के भी घर जाता या शादी वाले घर से बाहर निकलता तो अपने साथ वो चाकू लेकर ही जाता था। शादी से एक रात पहले की बात हैं , सुमित गाँव मे ही शाम के समय बाजार से बचहो के साथ कुछ समान लेने के लिए गया हुआ था, सुमित का बताना हैं की जब वो अपने दोस्तों के साथ गाँव के बाजार से वापिस घर की ओर जा रहा था तो रास्ते मे उसके साथ कुछ तो अजीब हुआ था जिसके बाद शादी वाले दिन भी उसकी तबीयत खराब हो गई थी, शादी शांती से सम्पन्न हो गई थी, शादी सम्पन्न होने के दो तीन दिन बाद सुमित की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण उसके माँ पापा जल्दी दिल्ली वापिस या गए थे। दिल्ली आने के बाद सुमित को एक अछे अस्पताल मे दिखाया गया परंतु Doctor की जांच मे सब कुछ साधारण आया था इसलिए सुमित के घर वालों को भी कुछ समझ मे नहीं या रहा था की क्या हुआ हैं हमारे बेटे को, सुमित की तबीयत दिन पर दिन बहुत ज्यादा खराब होती जा रही थी, किसी के कहने पर सुमित के घरवालों ने उसे दिल्ली मे ही किसी तांत्रिक को भी दिखाया था की कहीं कोई कुछ ऊपरी हवा का चक्कर न हो वो बहु सुमित के पापा से छुपकर ।
एक दिन रात मे सुमित अपने कमरे मे सो रहा था, जब से सुमित बीमार ज्यादा हो रखा था, तब से ही उसकी मम्मी उसके साथ उसके कमरे मे सोती थी ताकि अगर रात मे उसे कोई दिक्कत हो जाए तो वो उसका ध्यान रख सके, सुमित की अचानक से नींद खुलती हैं तो सुमित देखता हैं की उसकी मम्मी वहीं बेड पर उसके साइड मे सो रही थी परंतु सुमित को एहसास होता हैं की किसी का तो हाथ उसके सर पर हैं, सुमित की नजरों के सामने उसकी मम्मी तो सोई हुई हैं तो फिर उसके सर पर ये किसका हाथ हैं, उसे एसा लग रहा था की जेसे कई किलो वजन उसके सर पर रखा हुआ हैं, सुमित ने अपनी आंखे ऊपर कर के देखा तो उसने देखा की कोई मोटी सी औरत जेसे गाँव मे कपड़े पहनते थे राजस्थान मे उसके वेसे ही इस औरत ने कपड़े पहने हुए हैं ओर घूँघट डाल रखा हैं, सुमित को उसका हाथ बाहर खिड़की से या रही चाँदनी मे थोड़ा सा दिखा ओर वो एसा लग रहा था जेसे बिल्कुल सफेद हैं, सुमित इस अनजान औरत को देखकर बहुत डर गया, उसने अपनी मम्मी को आवाज लगाई जोर से परंतु उसके मुंह से कुछ भी आवाज नहीं निकल रही थी, उसके बाद उसको नींद आ गई थी ।
सुबह जब सुमित की आँख खुलती हैं तो वो देखता हैं की वो अपने घर मे नहीं हैं शायद वो कहीं ओर हैं उसके दादाजी उसके साथ हैं ओर वो लोग किसी मंदिर मे आए हुए हैं। सुमित को उसके घर वालों ने अब जाकर पूरी कहानी बताई हैं की उस टाइम हुआ क्या था, आज सुमित की उम्र लगभग 28 साल हैं और जब ये घटना हुई थी उस समय उसकी उम्र 9 साल थी ।
उस रात को जब वो औरत सुमित को अपने सिरहाने बेठी हुई मिली हुई थी उसके बाद सुमित का व्यवहार कुछ अजीब स हो गया था, सुमित की मम्मी जो उसके पास में ही सोई हुई थी वो बताती हैं की बो गहरी नींद मे सोई हुई थी तब उनकी नींद किसी अजीब सी आवाज से खुलती हैं, ऐसा लग रहा था की जेसे कोई बड़ी उम्र की औरत रो रही हैं ओर साथ मे कुछ बड़बड़ा भी रही थी,वो बोल क्या रही थी ये समझ मे नहीं आ रहा था , सुमित की मम्मी ने जब उठकर देखा तो सुमित बेड पर नहीं सो रहा था जबकि सुमित एक कोने मे नीचे जमीन पर बैठा हुआ था और वही उस अधेड़ उम्र की औरत की आवाज मे कुछ बड़बड़ा रहा था , सुमित की मम्मी ने अपने पती को आवाज लगाई।
जब सुमित के पापा कमरे मे आए तो उन्होंने देखा की सुमित कमरे के एक कोने मे बैठा हुआ था ओर औरत की आवाज मे कुछ बोले जा रहा था, उनको ये देखकर अपने गाँव की याद या गई थी जो उन्होंने बचपन मे देखा था उसकी की यही आवाज उन्होंने पहले भी सुन राखी हैं, उन्होंने तुरंत घर के मंदिर मे रखे गंगाजल से सुमित के ऊपर छिड़काव किया और सुमित को लेकर तुरंत गाँव के लिए निकल पड़े , वहाँ गाँव के मंदिर मे जाने के बाद पुजारी जी ने कुछ पूजा पाठ , हवन किया जिसके बाद थोड़ी ही देर मे सुमित जो रात से थोड़ा सही था वो वापिस उसी अधेड़ उम्र की औरत मे बात करने लगा , पुजारी जी ने कुछ क्रियाए की जिसके बाद वो आत्मा सुमित के शरीर से बाहर निकली,वास्तविकता मे सुमित के दादाजी की काकीजी के कोई संतान नहीं थी, तो वो बच्चे की चाहत मे तांत्रिकों की बातों मे आकार तांत्रिक क्रियाए करने लागि थी वो भी सुमित के दादाजी के परिवार पर क्योंकि उसको तांत्रिक ने बताया था की उसके बच्चे न होने का कारण सुमित के दादाजी के परिवार द्वारा करवाए गए काले जादू के कारण हैं जिसके कारण वो ईर्ष्या के वशीभूत होकर उन पर काला जादू करने लगी।
अकाल मृत्यु के कारण वो प्रेत बन गई थी परंतु मरने के बाद भी उसकी कड़वाहट की भावना वेसी ही थी जेसी वो जिंदा थी तब थी। इसीलिए वो बार बार किसी न किसी तरह सुमित के दादाजी के परिवार मे कई बार किसी न किसी के माध्यम से प्रवेश कर के नुकसान किया।
पुजारी जी ने एक ताबीज बना कर सुमित को दिया ताकि वो इन सब शक्तियों से सुरक्षित रहे, उसके बाद सुमित के साथ कभी दुबारा ऐसी कोई घटना कभी नहीं हुई।