राम राम जी। 🙏🙏
रमन एक बड़ी कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत था और उसकी जिंदगी बहुत सुकून से गुजर रही थी। रमन उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव का रहने वाला था अपनी प्रारंभिक शिक्षा उसने अपने गांव से ही की थी और उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह शहर चला गया और अपनी मेहनत के दम पर उसने एक उच्च शिक्षा संस्थान से पढ़ाई करके इस कंपनी में अच्छे पद पर नौकरी करने लगा।
रमन का परिवार रमन की नौकरी लगने के बाद से बहुत खुश था उनके दुख के दिन बीत चुके थे और परिवार के इकलौते लड़के रमन ने अपनी मेहनत के दम पर खुद को और खुद के परिवार को संभाल लिया था रमन के पिता की मौत के बाद से ही रमन के परिवार का सारा भार रमन की मां पर आ गया था और उसने छोटे-मोटे काम करके रमन को पाला पोसा और पढ़ाया आज रमन की मां की मेहनत का फल उसे मिल रहा है रमन की उम्र अब शादी लायक हो चुकी थी और उसकी मां भी अब यह चाहती थी कि उसका हाथ बंटाने के लिए घर में कोई बहू आए जो उसके बेटे का भी ख्याल रख सके और परिवार को भी संभाल सके।
रमन के लिए उसकी मां ने एक बहुत ही सुंदर और सुशील लड़की ढूंढ ली और गांव बुलाकर उसकी सगाई कर दी थोड़े दिन गांव में रहकर रमन शहर जाने की तैयारी करने लगा उसके मन में एक विचार चल रहा था कि क्यों ना मां को भी शहर में मेरे साथ लेकर चलूं और गांव में जो जमीन और खेत है उसको किसी को फसल उगाने के लिए दे दूं ताकि जमीन भी मेरे पास रहे और यहां का खर्च भी निकलता रहे रमन ने अपनी मां को यह बात बताई उसकी मां ने कहा की खुद का घर होना बहुत जरूरी है अगर हमे पूरे परिवार सहित शहर में रहना हैं तो।
रमन को मां का यह सुझाव बहुत अच्छा लगा और उसने सोचा कि वह शहर जाकर अपना खुद का घर लेने के बारे में सोचेगा।
रमन ने शहर आते ही अपने ऑफिस जाना शुरू कर दिया था उसने एक दृढ़ निश्चय कर लिया था की शादी से पहले उसे दिल्ली में खुद का घर लेना है उसने एक प्रॉपर्टी डीलर से संपर्क किया और कोई घर दिलाने के बारे में कहा प्रॉपर्टी डीलर ने उसको शहर में कुछ प्रॉपर्टी दिखाई पर वह रमन के बजट के बाहर थी। रमन ने कुछ दिन इंतजार करके पैसे इकट्ठे करके फिर घर लेने का सोचा ऐसे ही 6 महीने बीत गए और रमन ने अब इतना पैसा इकट्ठा कर लिया था कि वह अपने घर का एडवांस दे सके और बाकी लोन करा सकें।
रमन ने एक फ्लैट देखा जो शहर की अच्छी लोकेशन पर था और उसके पैसे भी कम थे बाहर मार्केट से, रमन को यह प्लेट उसके किसी साथी कर्मचारी ने बताया था और रमन ने फ्लैट के मालिक से संपर्क कर लिया था और उसके बजट में ये घर उसे मिल रहा था।
रमन ने अगले 10 दिनों में फ्लैट खरीदने के लिए सारी कागजी कार्यवाही खत्म कर ली और नए घर में शिफ्ट कर दिया, रमन को अब इस शहर में खुद का घर होने के कारण एक अजीब सी खुशी का एहसास हो रहा था उसने अपनी मां को फोन करके यह बात बताई और अपनी होने वाली पत्नी को भी, उसकी मां खुशी से फूली नहीं समाई जब उसने यह सुना कि उसके बेटे ने अपनी मेहनत से इतने बड़े शहर में खुद का घर ले लिया है फिर रमन ने अपनी शादी फिक्स करने के लिए अपनी मां से कहा कि मां अब तो घर भी है तो हम मेरी शादी के बाद में आप भी मेरे साथ शहर ही आएंगे और अब हम साथ में शहर में ही रहेंगे तो उसकी मां ने भी इस बात पर अपनी सहमति दे दी, अगले कुछ महीनों में रमन की शादी हो चुकी थी और वह अपनी पत्नी और मां के साथ में शहर में अपने नए घर में रहने लगा था उनके दिन बहुत खुशी से गुजर रहे थे।
रमन को अपने परिवार के साथ इस घर में रहते हुए अभी करीबन 3 महीने ही हुए थे कि 1 दिन रात में अचानक से रमन की पत्नी को कुछ आवाज आई जो सामान्य नहीं थी परंतु उसने यह सोच कर नजरअंदाज कर दिया कि हो सकता है यह उनके पालतू पेट का काम हो क्योंकि वह बहुत शैतान है 1 दिन रात में रमन की मां गहरी नींद में थी अचानक उसे लगा कि कोई उसकी चद्दर खींच रहा है उसने उठ कर लाइट जला कर देखा कि क्या पता बेटा या बहू किसी काम से उसको जगा रहे हो परंतु वहां कोई नहीं था फिर उसने यह सोच कर कि अब तो मैं बुड्ढी हो गई हूं, यह मेरा वहम ही होगा परंतु यह उसका वहम नहीं था। एक दिन रात में रमन अपने ऑफिस का काम लैपटॉप पर कर रहा था कि उसे रसोई में से कुछ बर्तनों की आवाज आई जैसे कोई खाना पका रहा हो, रमन ने देखा तो उसकी पत्नी उसके बगल में सो रही थी, हो सकता है कि मां हो परंतु मां को इतनी रात को खाना बनाने की क्या जरूरत पड़ गई??🤔🤔 रमन ने बाहर जाकर देखा तो रसोई की लाइट बंद थी और रसोई में कोई नहीं था। रमन ने अपनी मां के कमरे का दरवाजा खोल कर देखा तो उसकी मां गहरी नींद में सो रही थी रमन को यह सब अब अजीब सा लग रहा था।
एक दिन रात में रमन की पत्नी को स्टोर रूम में से किसी औरत के रोने की आवाज आई तो वह देखने भी गई परंतु वहां कोई नहीं था और उसे अपने आसपास किसी की परछाई होने का एहसास हुआ तो वह बहुत ज्यादा डर गई और जाकर सो गई। अगले दिन सुबह जब रमन उठा तो उसने देखा कि उसकी मां खाना बना रही है जबकि उसकी पत्नी सो रही है रमन जब कमरे में यह देखने के लिए आया तो उसने देखा कि उसकी पत्नी का शरीर बहुत तप रहा है।
उसकी पत्नी को बहुत तेज बुखार था रमन ने डॉक्टर को दिखाने के लिए कहा तो रमन की मां ने मना कर दिया और यह कहा कि डॉक्टर को दिखाने वाला बुखार नहीं है यह डर के कारण हुआ है। इस घर के अंदर कोई नकारात्मक शक्ति है, कोई आत्मा है जो हमें परेशान कर रही है मुझे पिछले कुछ दिनों से घर में इसका एहसास हुआ है और रात को बहू के साथ भी ऐसी ही घटना हुई है तो रमन ने भी अपने साथ हुई घटना के बारे में भी अपनी मां को बताया। उसकी मां ने किसी पंडित को घर बुलाने को कहा और इस समस्या का समाधान कराने की बात कही। रमन को अब थोड़ा समझ में आया कि क्यों इस फ्लैट की कीमत बाजार के बाकी फ्लैट से कम थी उसने सोसायटी में रहने वाले लोगों से उस प्लेट के बारे में जानकारी जुटानी चाहि तो उसका सर चकरा गया, उसे पता चला कि इस घर में रहने वाले पुराने किराएदार पति-पत्नी इसी घर में सुसाइड करके मर गए थे और उनकी आत्मा इस घर में आज भी है आसपास के फ्लैट्स में रहने वाले परिवारों ने भी इसकी पुष्टि की है। रमन अब बहुत ही ज्यादा डर गया था और उसने अपनी मां को यह सारी बातें बताई। उन्हें किसी करीबी से किसी बड़े पंडित जी का पता मिला और रमन उनके पास गया और उनको अपने घर की सारी समस्या के बारे में बताया। पंडित जी ने उसके घर आकर सब कुछ देख कर कुछ समाधान करने के बारे में बोला, आने वाले मंगलवार को पंडित जी रमन के घर आने वाले थे।
जब पंडित जी ने आके पूजा पाठ की तो उन्होंने उस घर में किसी नकारात्मक शक्ति के होने का आभास हुआ, पंडित जी ने कुछ हवन वगेरह किया और घर के शुद्धिकरण किया। पंडित जी को अपनी विद्या से पता चला कि अकाल मृत्यु होने के कारण इनकी अंतिम क्रिया पूर्ण विधि विधान से नही होने के कारण दोनो पति पत्नी की मुक्ति नहीं हो पाई थी जिसके कारण उनकी आत्मा अभी भी उसी घर को अपना आवास मान रही थी।
पंडित जी ने काफी देर तक घर में पूजा वगेरह की ओर घर को पूर्ण रूप से नकारात्मक शक्ति से मुक्त कर दिया। रमन और उसके परिवार से पंडित जी ने घर में खुद से पूजा पाठ करने की सलाह दी जिससे आध्यात्मिक शक्ति बढ़ने के कारण नकारात्मक शक्ति का प्रभावी होना लगभग असंभव सा हो जाता हैं। पंडित जी ने उनकी क्रिया करवाई और दोनो की मुक्ति करवाई।
रमन अब अपने परिवार के साथ इस घर में खुशीपूर्वक अपना जीवनयापन कर रहा हैं। कभी कभार कुछ वो पुरानी यादें आज भी उसे झिंझोड़ कर रख देती हैं। अब रमन के घर में रोजाना सुबह शाम पूजा होती हैं।
अकाल मृत्यु होने के कारण आत्मा शरीर का तो त्याग कर देती हैं परंतु उसका धरती पर समय से पूर्व मृत्यु हो जाने के कारण उसे प्रेत योनि में तब तक भटकना पड़ता हैं जब तक की उसकी मुक्ति का कोई शास्त्रों के अनुसार उपाय न किया जाए।
आधुनिकता के दिखावे में हमे अपने सनातनी क्रियाएं नही भूलनी चाहिए।
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