फहीम को अजीब अजीब हरकते करते हुए दो दिन से ज्यादा का समय अब तक बित चुका था, पर उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ था। परिवार का कोई भी सदस्य जब उसके पास जाता तो वह उसके ऊपर जोर से चिल्लाता और उसकी चिल्लाने की आवाज इतनी ज्यादा होती कि हम लोगों के कान के पर्दे फटने को तैयार हो जाते थे।
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घर के अंदर कई बार अनचाही जगह पर आग लग गई थी और उस आग से कुछ जलता तो नहीं था परंतु बार-बार आग जलने से हम सब भी बहुत ज्यादा डर चुके थे।
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एक रात तो बहुत ही अजीब घटना हुई, मेरे घर के ऊपर आसमान से मांस के टुकड़ों की बरसात होने लगी और पूरे घर के अंदर बदबू फैल चुकी थी।
फहीम के शरीर के अंदर घुसी उस बुरी आत्मा का खौफ घर में इतना ज्यादा बढ़ चुका था कि कोई भी उसके पास जाने से डरता था।
हमने कई मौलवियों को भी बुलाया और कई तांत्रिकों को भी बुलाया परंतु फहीम के ऊपर उनके इलाज का कोई भी असर नहीं हुआ।
फहीम अक्सर कुछ बोलता रहता था, हमारे पास में रहने वाले एक बुजुर्ग ने जब एक बार उसकी आवाज को समझने की कोशिश की तो उन्होंने हमे बताया की यह उस भाषा में बात कर रहा हैं जो आज से करीबन 100 साल पहले तक हमारे आस पास के क्षेत्र के मुसलमान काम में लेते थे।
एक रात जब फहीम सो रहा था तो, मैंने उसे छुपकर देखने की कोशिश की कि वह क्या करता है??
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मैं क्या देखता हूं कि, वह छत की तरफ मुंह करके किसी से बात कर रहा है। फहीम किस से बात कर रहा था??
यह तो मुझे नहीं पता परंतु इतना जरुर पता था कि वह किसी से बात जरूर कर रहा था। #scarystory
फहीम के हाथों पर मैंने कुछ निशान देखे जो ऐसे लग रहे थे कि किसी ने उसके हाथ को जोर से काफी लंबे समय तक पकड़ा हो, जिसके कारण उस मासूम के हाथों में निशान पड़ गए थे।
हम चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते थे क्योंकि अब वह हमारा फहीम नहीं रहा था, उसके अंदर कोई बुरी शक्ति आ चुकी थी जो उसे और हमारे पूरे परिवार को परेशान कर रही थी। फहीम बार-बार मांस खाने की जिद करता और जब उसे मांस लाकर दिया जाता तो वह मांस को ऐसे खाता था जैसे सालों से भूखा हो और उसे आज पहली बार खाना मिला हो। उसकी यह हालत देख कर हम सब बहुत ज्यादा परेशान हो चुके थे।
हमने कहीं जगह पर उस को दिखाया परंतु कोई असर नहीं हुआ। हम सब अब आशा ही छोड़ चुके थे कि अब हमारा फहीम फिर से सही होगा, परंतु ऊपर वाला जो चाहता है वही होता है। #ghoststoryofkids
फहीम को बुरी शक्ति के साए में आए हुए 10 दिन से ज्यादा का समय हो चुका था। घर के अंदर इतने ज्यादा मेहमान थे परंतु फहीम के पास जाने की कोई भी हिम्मत नहीं करता था।
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मैंने और कुछ रिश्तेदारों ने मिलकर उसको एक कमरे में ही बंद कर रखा था वहीं पर गेट के नीचे से उसको खाना दिया जाता था। जिसके बाद हम खिड़की से देखते थे कि वह खाना खाते समय किसी से बात भी करता था।
एक 3 साल का बच्चा 10 आदमियों के जितना खाना एक साथ खा जाता था, कुछ ना कुछ तो उसके शरीर के अंदर था जो इस दुनिया से तो नहीं था।
किसी और दुनिया से आई हुई कोई बुरी शक्ति थी, जिसने हमारे बेटे को हम से लगभग छीन ही लिया था। हमारे आस पास के लोगों तक भी यह बात पहुंच चुकी थी कि मेरे बेटे पर किसी बुरी आत्मा का साया है और वह बहुत ज्यादा परेशान हो चुका है।
जिस क्षेत्र के अंदर हम रहते थे वहीं पर एक हनुमान जी का बड़ा सा मंदिर था। जहां के पंडित जी को जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने भी एक बार जाकर उस बच्चे को देखने का सोचा।
वह पंडित जी मेरे अब्बू के बहुत पुराने दोस्त थे। जनाजे वाले दिन भी मेरे घर पर आए थे। फहीम के साथ ये हरकतें उस दिन रात को होना शुरू हुई थी इसलिए उन्हें इस बात का पता नहीं चल पाया था।
जब उन्हें पता चला तो वह मेरे घर पर आए और मुझसे इस बारे में बात कि
फहीम के साथ कुछ गलत हुआ है क्या??
मेरे सुनने में आ रहा है कि उसके ऊपर किसी बुरी शक्ति का साया है, क्या मैं उसे एक बार देख सकता हूं??
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मेरे मन से तो यह उम्मीद निकल चुकी थी कि मेरा बेटा अब कभी भी सही होगा क्योंकि फहीम के अंदर जो पूरी शक्ति थी।
वह बार-बार कहती थी कि इस बच्चे को अपने साथ लेकर ही जाएगी। फहीम इतना ज्यादा खाना खाता था परंतु फिर भी उसका शरीर बहुत कमजोर हो चुका था।
पंडित जी ने जब फहीम के कमरे में जाकर देखा तो देखते ही उन्हें सारी कहानी समझ में आ गई। उन्होंने कुछ मंत्र पढ़ें और कुछ पवित्र जल के छींटे फहीम के ऊपर मारे जिसके बाद फहीम का गुस्सा बहुत ज्यादा बढ़ चुका था और वह पंडित जी की तरफ गुस्से में उन को मारने के लिए भागने लगा, परंतु पंडित जी के पास जाते ही वह उनका कुछ बिगाड़ नहीं पाया और वहीं पर बैठ गया। #besthorrorstory
अब पंडित जी फहीम के साथ बात करने लगे। उन्होंने उससे पूछा कि वह कौन है?? और इस बच्चे के साथ क्या कर रहा है??
हम सब पंडित जी की कार्यवाही देख रहे थे और हमें विश्वास नहीं हो रहा था कि क्या ऐसा भी कुछ हो सकता है। फहीम अब एक बुजुर्ग की आवाज में पंडित जी से बात करने लगा। उसने पंडित जी को बताया कि यह मेरी कब्र के ऊपर पेशाब करके आया है और पेशाब भी उसने उस समय किया है जब मेरा समय कुछ और था और मुझे इसके पीछे आना पड़ा।
अब यह मेरा शिकार है आप लोग इसे मेरे से बचा नहीं सकते हो।
पंडित जी ने गुस्से में आकर उसे कुछ कहा और कुछ पानी के छींटे फिर से उसके ऊपर मारे, तब वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा जैसे कि उसका शरीर अंदर से जल्द रहा हो, परंतु पंडित जी ने उसे छोड़ा नहीं और मुझसे कहा कि इसको मेरे साथ लेकर चलो।
मेरे जान पहचान में एक बड़े पंडित जी हैं। जिनको इन सब चीजों का बहुत ज्यादा ज्ञान है और इस जिन्नात को वही नियंत्रण में कर सकते हैं नहीं तो आपके बच्चे की जान अब खतरे में है।
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यह जिन्नात इस बच्चे की जान लिए बिना जाएगा नहीं, अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया गया तो।
मैंने और मेरे कुछ रिश्तेदारों ने फहीम को जबरदस्ती पकड़कर पंडित जी के साथ लेकर चलने लगे। जोधपुर से कुछ दूरी के बाद एक गांव था। उस गांव के अंदर वह पंडित जी रहा करते थे। हम सब उनके घर गए, पंडित जी ने उनसे बात की कि इस बच्चे के अंदर किसी बहुत बुरे जिन्नात का साया है। वह जिन्नात इस बच्चे को मारना चाहता है, अब आप ही इस बच्चे को इस मुसीबत से छुटकारा दिला सकते हैं नहीं तो यह बच्चा बचेगा नहीं।
इस बच्चे के दादा जी मेरे बहुत पुराने मित्र थे जिसके कारण मेरा कर्तव्य बनता है कि मैं इस बच्चे को इस बुरी शक्ति से निजात दिलाने का प्रयत्न करूं और आप से बेहतर इन बुरी शक्तियों से निपटने वाला कोई भी आसपास में नहीं है, अतः कृपया करके आप इस बच्चे की परेशानी को दूर करें।
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पंडित जी ने हम सब के बात बहुत ध्यान से सुनी और हमसे कहा कि आप सब थोड़ी देर बैठो मैं तब तक पूजा की तैयारी करता हूं।
पंडित जी ने थोड़ी देर में पूजा की तैयारी कर ली और फिर हम को फहीम को अंदर लेकर आने को कहा। हम फहीम को 4 लोग पकड़कर अंदर पूजा कक्ष में गए, उन्होंने एक निश्चित स्थान पर फहीम को बैठाया और उससे बात करने लगे, जो जिन्नात मेरे बेटे के शरीर के अंदर था, उसने उन पंडित जी को भी बहुत सी गालियां दी और उन्हें बहुत गुस्सा भी दिलाया। वह बार-बार प्रयत्न कर रहा था कि वहां से उठकर भाग जाए परंतु उस जगह से उठ नहीं पा रहा था तो हमें भी अब उम्मीद हो चुकी थी कि यही वह पंडित जी हैं जो मेरे बेटे को इस मुसीबत से निजात दिला सकते हैं।
पंडित जी ने करीब 2 घंटे तक पूजा-अर्चना की और फहीम को पवित्र अभिमंत्रित जल पिलाया, जैसे ही वह पवित्र जल फहीम के गले से नीचे उतरा तभी हम सब क्या देखते हैं को फहीम के गले के अंदर से मुंह से काले रंग का धुंआ बाहर निकला, पंडित जी ने उस धुंए को अपने घुटने के नीचे पहले से रखी एक बोतल का ढक्कन खोल कर उस बोतल के अंदर डाल दिया।
उस धुंए के बोतल के अंदर जाते ही पंडित जी ने उस बोतल के ढक्कन को बंद कर दिया और उसके ऊपर लाल धागे से बांध कर कुछ मंत्र पढ़ कर उस बॉटल के ढक्कन को बंद कर दिया।
फहीम अब बेहोश हो चुका था। उसे कोई होश नहीं था। वह शायद नींद में सो गया था। पंडित जी ने बोतल हमें दी और हमसे कहा कि इस बोतल को किसी सुनसान जगह पर जाकर एक खड्डा खोदकर दफना देना नहीं तो यह जिन्न किसी और को अपना शिकार बनाएगा।
मैंने जब पंडित जी को कुछ पैसे देने की कोशिश की तो उन्होंने पैसे लेने से साफ साफ मना कर दिया और मुझसे बोले “अगर मैं इस काम के पैसे लूंगा तो यह काम होगा ही नहीं यह काम तभी करता है जब इसे परोपकार की भावना के साथ किया जाए अगर इन सिद्धियों का प्रयोग मैं पैसे कमाने के लिए करूंगा तो यह सिद्धि मेरे पास रहेगी ही नहीं” मैं उन पंडित जी की ज्ञानपूर्ण बातें सुनकर उनके सामने नतमस्तक सा हो गया, मेरे मुंह में बोलने को कुछ शब्द नहीं बचे थे।
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मेरे बच्चे के लिए मैंने ना ना करते हुए मौलवी और तांत्रिकों को लाखों रुपए दिए थे परंतु कोई भी उसका इलाज नहीं कर पाया था और एक और यह पंडित जी थे जिन्होंने ₹1 भी नही लिए बिना एक दिन में ही मेरे बेटे को सही कर दिया।
फहीम भी अब होश आ चुका था और वह मेरे से बोला अब्बू हम यहां क्या कर रहे हैं??
हम तो दादा जी के साथ कहीं बाहर गए हुए थे ना आप उन्हें खड्डे में दफना रहे थे, हम यह किस जगह पर आ गए।
उस बच्चे की मासूमियत भरी बातें सुनकर मेरे मन में पूरा विश्वास हो गया कि अब मेरा बेटा बिल्कुल सही हो चुका है और इसके अंदर जो भी बुरी शक्ति का साया था वह अब जा चुका है।
मैं और पंडित जी और बाकी के लोग अब घर के लिए रवाना हो चुके थे हमने रास्ते में एक सुनसान जगह देखकर उस बोतल को जंगल के अंदर खड्डा खोद कर दफना दिया।
मुझे अब थोड़ी आत्म संतुष्टि हो गई थी कि मेरे बेटे को इस समस्या से निजात मिल चुका था।
हम सब घर आ चुके थे। घर के जब बाकी रिश्तेदारों ने हमको देखा तो वह सब उसको सही देख कर बहुत ज्यादा खुश हो गए।
किसी को भी विश्वास नहीं हो रहा था कि शहर के बड़े-बड़े मौलवी और तांत्रिक जो काम नहीं कर पाए वह काम एक छोटे से गांव के पंडित जी ने चुटकियों में कर दिया।
इस घटना से पहले मैं भी इन बुरी शक्ति और आत्माओं के अंदर इतना ज्यादा विश्वास नहीं करता था परंतु जब मेरे बेटे के साथ यह घटना हुई थी, उसके बाद इन सब चीजों पर मेरा विश्वास करना लाजमी सा हो चुका था।
आज फहीम बिल्कुल स्वस्थ है और वो स्कूल भी रोजाना जाता है और अपनी कक्षा के अंदर हमेशा प्रथम आता है।
फहीम अक्सर अपने दादाजी को याद करता है और उनकी कहानियां मेरे से सुनता रहता है।
आज भी जब कभी उस घटना के बारे में मुझे कुछ याद आ जाता है तो डर से मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। एक छोटे से बच्चे के अंदर इतनी ताकत कहां से आ गई थी जो उसने अपने से कई गुना उम्र वालों को इतनी जोर जोर से थप्पड़ मारे थे कि वे लोग बेहोश तक हो चुके थे।
यह सब शक्तियां इस धरती के ऊपर होती तो है परंतु इनका समय क्या होता है वह हमें नहीं पता होता है। कुछ समय ऐसा आता है जब इनके आयाम और हमारे आयाम मिलते हैं और यह बुरी शक्तियां हमारे आयाम में आकर हमारी दुनिया में आकर हमें पूरी तरह ध्वस्त कर सकते हैं।
आज की कहानी में बस इतना ही आगे भी ऐसी ही डरावनी और रोमांचक कहानियों के बारे में जानने के हमें हमारे फेसबुक पेज पर फॉलो करें।
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