बिना सर का भूत/Ghost Without Head

  Ghost Without Head

आत्माओं से किस को डर नहीं लगता बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जिन्हें आत्माओं से डर नहीं लगता है परंतु क्या हो अगर अचानक से कभी आपके सामने कोई भटकती हुई आत्मा आ जाए, और आपके सोचने समझने की शक्ति एकदम खत्म हो जाए तो आप क्या करेंगे??

Real Story Of A Ghost Without Head

 आज की यह कहानी एक सच्ची घटना है जो एक नई दुल्हन के साथ हुई थी। अपने नए शादीशुदा जीवन को सुखी रूप से बिताने के लिए पूजा पाठ करने वाली एक नवविवाहित कन्या  के साथ ऐसी दुर्घटना हुई जिसको वह अपनी पूरी जिंदगी में कभी नहीं भुला सकती हैं।
 आज की घटना राजस्थान के एक छोटे से गांव की है। राजस्थान में एक गणगौर का त्योहार होता है जो बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार होली के बाद आता है।

Gangaur Ke Festival Me Bhoot Se Saamna

 राजस्थान में मान्यता है कि होली वाले दिन होलिका दहन के बाद नवविवाहित कन्याए होलिका दहन के चारों तरफ परिक्रमा करके ईशर जी और गणगौर की पूजा शुरू करते हैं ईशर जी और गणगौर को माता पार्वती और भगवान शिव से जोड़ा जाता है।
 इन्हें भगवान शिव और माता पार्वती का ही अवतार माना जाता है। होलिका दहन से लगातार 18 दिन तक यह कन्या ईशर देवता और गणगौर माता की पूजा करने के लिए प्रातः काल सूर्योदय होने से पहले कुआं पूजन करके आती हैं और ईसर और गणगौर की पूजा करती हैं।
 इसमें इन विवाहित कन्याओं के साथ में इनकी कुछ अविवाहित सहेलियां भी होती हैं, जो ईसर और गणगौर की इनके साथ पूजा करती हैं।

Newly Bride Encounters With Ghost

 आज की घटना है राजस्थान के रहने वाले एक छोटे से परिवार की लड़की जिस की नई-नई शादी हुई थी और शादी के बाद यह उसकी पहली होली थी।
 होली वाले दिन होली होलिका दहन के बाद इस कन्या ने अपनी सहेलियों के साथ ईशर और गणगौर की पूजा करनी शुरू कर दी। यह लोग प्रातः काल  सूर्योदय से पहले पूजा पाठ करके आ जाती थी और यह इनका होलिका दहन के बाद से नित्य कर्म हो गया था।
 एक दिन सुबह सुबह की बात है अमिता जो कन्या गणगौर की पूजा कर रही थी उसका नाम अमिता है वह सुबह जल्दी उठने के लिए अलार्म लगा कर सोती थी परंतु एक दिन उसे अलार्म याद नहीं रहा और उसकी घड़ी खराब हो गई थी।
 वह सुबह गलती से 3:00 बजे उठ गई और उसे लग रहा था कि यह सुबह के 5:00 बज चुके हैं उसने अपनी सहेलियों को बुलाया और वह पूजा के लिए गांव के कुए पर जाने लगे।
सारी सहेलियां गीत गाते हुए कुए पर जाने लगी उन्हें समय का कोई मान नहीं था कि आज समय सुबह के 5:00 बजे नहीं जबकि रात्रि के 3:00 बजे हैं।

Ghost Riding On Horse

 थोड़ी देर में इन लड़कियों को टप टप की आवाज सुनाई देती है, जैसे लग रहा था कि कोई कुछ ठोक रहा है।
 थोड़ी देर में इनको एक घोड़े के हिनहिनाने की आवाज सुनाई देती है। लड़कियों के दिमाग में सबसे पहले यही आता हैं की गांव के किसी आदमी का घोड़ा होगा जो हिना हिना रहा होगा परंतु इनके साथ जो होने वाला था इन्होंने इसकी कल्पना कभी अपनी जिंदगी में की भी नहीं होगी।
सारी सहेलियां हंसते खेलते आगे बढ़ रही थी तभी इनके पास से एक साया सा गुजरा सारी सहेलियां थोड़ा सहम गई, थोड़ी देर बाद क्या देखते हैं कि एक घोड़ा उनकी तरफ दौड़ता हुआ चला आ रहा है तो वे उस रास्ते से दूसरी और हट गई जब घोड़ा उनके पास से गुजरा तो उनकी नजर घोड़े के ऊपर बैठे इंसान पर पड़ी, पहली नजर में ही वह उन्हें दूर से थोड़ा अजीब सा लगा क्योंकि उसने कपड़े बिल्कुल अजीब से पहन रखे थे और उसके हाथ में एक हथियार भी था जब यह घोड़ा इनके पास से निकला तो इनकी एक सहेली की नजर घोड़े के ऊपर बैठे सवार पर अच्छे से पड़ी तो उसे उसने देखा कि घुड़सवार की तो गर्दन ही नहीं है।

Ghost

 यह एक बिना गर्दन का इंसान था जो घोड़े के ऊपर बैठा हुआ था तो वह जोर से चिल्ला पड़ी उसके चिल्लाते ही सारी सहेलियों का ध्यान भटका और उन्होंने उस पर ध्यान दिया तो उसकी गर्दन कटी हुई थी खाली उसका धड़ घोड़े पर सवार था और वह वहां से गुजर रहा था। वह सारी सहेलियां वहां से चिल्लाकर दौड़ पड़ी और अपने अपने घर भाग गई।
 उन लोगों ने अपने आप को एक कमरे में बंद कर लिया जब सुबह उनके घरवाले उठे तो अपनी बेटियों को अपने कमरे में ना पाकर वह सारे चिंतित हो उठे जब उन्होंने घर के एक कमरे में उन सबको बंद देखा तो उन्होंने उनसे उसका कारण जानना चाहा तब जो लड़कियों ने बताया उसको सुनकर परिवार के सारे लोग सहम से गए तब किसी पंडित वगैरा के पास भी परिवार के लोग गए क्योंकि सभी लड़कियों की तबीयत खराब हो चुकी थी।
 उनके बुखार का बहुत ज्यादा असर था उनका शरीर एकदम गरम हो गया था और तप रहा था।  जब यह बात गांव के बड़े बुजुर्गों तक पहुंची तो उन्होंने जो बताया उसे सुनकर सारे गांव के लोग आश्चर्यचकित रह गए।

Real Story Of Ghost

 एक बुजुर्ग नंद लाल जी ने बताया कि जब इस गांव की बसावट हुई थी तब यहां के राजा युद्ध में गए हुए थे रानी ने इस गांव को बसाया था और राजा युद्ध में थे कुछ महीनों बाद राजा तो नहीं आए परंतु  राजा का घोड़ा आया और वह भी राजा के कटे हुए धड़ के साथ।
 राजा के शरीर में से उनका सर कट चुका था और केवल धड़ घोड़े के ऊपर सवार था उनका घोड़ा उन्हें महल के घुड़साल (घोड़े को रखने की जगह) में ले आया और उसके बाद गांव के लोगों को पता चला कि राजा की मौत हो चुकी है। 
यह एक सैनिक था जो युद्ध  में गया हुआ था युद्ध में सर कटने से उसकी जान चली गई थी। यह घटना आज से करीबन डेढ़ सौ साल पहले की या इससे भी ज्यादा की थी, क्योंकि उन बुजुर्गों ने भी अपने बुजुर्गों से यह कहानी सुनी थी ऐसी ही कई सच्ची घटनाएं हैं जो हमारे आसपास के लोगों के साथ ही हुई हैं परंतु हम उन्हें जान नहीं पाते हैं। हम आपके लिए ऐसी ही कुछ अविश्वसनीय सच्ची घटनाएं लेकर आते हैं हमारा मकसद अंधविश्वास को बढ़ावा देना नहीं जबकि सत्य को सामने लाना है।
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