रात में नदी में नहाने के बाद शरीर को बुरी आत्मा ने वैसे में कर लिया|Real Horror Stories|Hindi|Horror Stories Short|

Real Horror Stories के अगले क्रम में आज हम आपके लिए लेकर आए हैं डर से भरपूर एक और सच्ची और रोमांचक कहानी। यह घटना एक कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र के साथ घटी थी, आगे की कहानी उसी के नजरिए से जानने की कोशिश करते हैं।

Ghost Story of River 

 नमस्कार मेरा नाम अनुज है और मैं दक्षिण भारत के तमिलनाडु का रहने वाला हूं। तमिलनाडु के ही एक नामी इंजीनियरिंग कॉलेज में मैंने अपने 12th की पढ़ाई के बाद दाखिला ले लिया था। यह घटना जब हुई थी उस समय में कॉलेज के तीसरे सेमेस्टर के अंदर पढ़ाई कर रहा था।
 कॉलेज में आने के बाद मेरे कुछ दोस्त भी बन चुके थे और हम सब पढ़ाई के साथ-साथ बहुत मस्ती भी करते थे, अक्सर जब भी कॉलेज की छुट्टियां होती थी तो हम सभी कहीं ना कहीं घूमने चले जाते थे।
 एक बार की बात है, हमारा सेमेस्टर खत्म हुआ ही था कि हम हॉस्टल में रहने वाले सभी दोस्तों ने पास ही की एक पहाड़ी पर Night Out का प्रोग्राम बनाया।
 हम सब का Plan था कि हम रात भर उस पहाड़ी के ऊपर बैठकर, वहां की सुंदर वादियों का आनंद लेने वाले थे। दक्षिण भारत के अंदर कई जगह ऐसी है जिनकी सुंदरता देखते ही बनती है, और ऐसी ही वह जगह थी जहां पर हम जाने वाले हैं।
 यह जगह हमारे Hostel से करीबन 12 किलोमीटर दूर थी, अगले 2 से 3 दिन में पूरा हॉस्टल खाली होने वाला था क्योंकि सभी छात्र अपने-अपने घर जाने वाले थे।
 इसलिए हमने जिस दिन हमारी Exam खत्म हुई उसी दिन रात को वहां पर जाने का प्रोग्राम बनाया और हम सब का Plan था कि हम Night Stay पहाड़ी पर करने के बाद 2 दिन वहां के आसपास की जगह पर घूम कर अपने अपने घर के लिए निकल जाएंगे।
 जिस दिन हमारी Exam खत्म हुई थी उसी दिन हम रात के अंदर Hostel से निकल पड़े। हमारी Destination के लिए हमें निश्चित जगह पर पहुंचते-पहुंचते बहुत ज्यादा रात हो चुकी थी, इसलिए हम सब ने रात में वहीं आसपास में घूमने का Plan बनाया और सुबह जल्दी जल्दी पहाड़ी के ऊपर चढ़ने के लिए Plan बनाने लगे।
 हम सब ने उस रात वही पास ही के होटल में खाना खाया और आसपास के अंदर जो भी घूमने लायक जगह थी, जो रात के अंदर खुली रहती थी वहां का आनंद लिया।
 सुबह करीब 5:00 बजे हम सब ने पहाड़ पर चढ़ने के लिए Start किया। पहाड़ पर चढ़ते चढ़ते हमें कई जंगली जानवर भी दिखाई दिए, माना जाता है कि जानवरों को अगर आप परेशान नहीं करो तो वह आपका कभी नुकसान नहीं करते और यही हमारे साथ भी हुआ था, हम अपने रास्ते जा रहे थे और जंगली जानवर अपने रास्ते।
 हम पहाड़ी के ऊपर जैसे ही पहुंचते हैं वहां की सुंदरता को देखकर हम सब मंत्रमुग्ध हो गए, अपने खाने पीने का सामान हम सब साथ में लेकर आए थे।
 Hostel में रहने वाले लड़के Maggie की कीमत बहुत अच्छे से जानते हैं। इसलिए हम सब भी अपने साथ मैगी के पैकेट और कुछ खाने पीने का सामान लेकर आए थे। हमने वहीं पर आग जलाकर चाय बनाई और चाय के साथ Maggie भी बनाई, फिर खा पीकर मस्त होकर थोड़ी देर बैठ गए और आपस में बाते करने लगे।
 मेरे कुछ दोस्त अपने साथ शराब की बोतल भी लेकर आए थे। इसलिए हम सब ने Enjoy करने के लिए वहीं पहाड़ी के ऊपर बैठकर शराब पी। हम सब ने शराब सीमित सीमा के अंदर ही पी थी क्योंकि हमें पता था कि हम घर के अंदर नहीं हैं, हम एक पहाड़ी के ऊपर है और पहाड़ी के ऊपर कोई भी इधर उधर पैर फिसल जाने से गिर गया तो बहुत बड़ी दिक्कत हो जाएगी।

Real Horror Stories Indian in Hindi

 हमें पहाड़ी और वहां के आसपास के क्षेत्र के अंदर घूमते हुए पूरा दिन निकल चुका था, लगभग शाम के समय हमने पहाड़ी की दूसरी तरफ जाने का निर्णय लिया और अपना सामान वहां से पैक कर के हम पहाड़ी के दूसरी तरफ नीचे की और उतरने लगे।
 हम सात दोस्त एक साथ थे, दिन भर से थके हुए भी बहुत थे। हम में से कोई भी उस दिन नहाया नहीं था। पहाड़ी से नीचे उतरते हुए हमें करीबन 2:30 से 3 घंटे लग चुके थे और अब अंधेरा भी वापस से होने लगा था।
 हम सब जंगल के अंदर बने हुए छोटे-छोटे रास्तों से आगे की ओर जा रहे थे। एक दूसरे पहाड़ की तरफ हमारा रात में रुकने का Plan था। हमें चलते-चलते पानी की बहती धारा की आवाज सुनाई दी, सुबह से नहाए धोए नहीं थे और थकान बहुत ज्यादा हो रखी थी, इसलिए हम सब ने वही नदी के अंदर नहाने का मन बनाया। हमने पास ही में देखा तो एक नदी बह रही थी। इस क्षेत्र को हम बारीकी से नहीं जानते थे, इसलिए हमें नदी का नाम नहीं पता था परंतु इतना जरुर पता था कि अगर नदी में स्नान कर लेंगे तो सारी थकान उतर जाएगी।
 हम सब ने वही नदी के किनारे के ऊपर अपना सामान रखा और सभी नदी में नहाने के लिए नदी में उतर गए। नदी का बहाव कुछ ज्यादा नहीं था परंतु रात का अंधेरा हो रखा था इसलिए सावधानी भी बहुत जरूरी थी।
 हम सब सावधानी से वहीं पर नहा रहे थे। हम सब ने नदी के अंदर नहाया और वही नदी के किनारे के ऊपर बैठकर अपना खाना बनाया और खाना खाया और फिर आगे की चढ़ाई के लिए तैयार होने लगे।
 नदी से निकलने के बाद हम हमारी अगली Location दूसरे पहाड़ के ऊपर चढ़ाई करने लगे। रात का समय था परंतु हमारे पास पहाड़ पर चढ़ाई करने के लिए रोशनी के लिए लाइट वगैरह का साधन था। इसलिए हमे इतनी ज्यादा कोई परेशानी नहीं होने वाली थी।
 जब हम पहाड़ के ऊपर चढ़ रहे थे तो हमें ऐसा लगा की हम सब के अलावा भी कोई हमारे आसपास चल रहा है परंतु इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया, क्योंकि यह जंगल का क्षेत्र था।
 इसलिए हमने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि हमारे आसपास से किस की आवाज आ रही है क्योंकि हो सकता है कोई जंगली जानवर भी हमारे आसपास ही चल रहे हो। मेरा जो दोस्त सबसे पीछे चल रहा था अचानक से उसने नीचे की ओर देखकर कहा कि भाई हमारे पीछे भी शायद कोई और भी घूमने के लिए आ रहे हैं और वह भी पहाड़ पर चढ़ाई कर रहे हैं। जब हमने थोड़ी देर वहां पर रुक कर देखा तो हमारे पीछे कोई भी नहीं आ रहा था, रास्ता पूरा खाली था परंतु जंगली जानवरों की आवाजें आने लगी थी इसलिए हमने अपनी चढ़ाई पूरी करने की कोशिश की।
 हम पहाड़ के ऊपर आ चुके थे और वहां पर मौसम बहुत ज्यादा ठंडा हो चुका था। पहाड़ पर चढ़ते चढ़ते रात के 1:00 बजे के आसपास का समय हो चुका था।

 हमने जंगली जानवरों से बचने के लिए पहाड़ी के ऊपर ही एक सपाट मैदान के ऊपर बैठकर वहां पर आग जला ली और अपने साथ लाए हुए Flavour हुक्के के अंदर Flavour डालकर हुक्का बना लिया और सभी हुक्का पीने लगे, तभी मेरे एक दोस्त को ऐसा लगा कि किसी ने उसको पीछे से धक्का दिया है, जबकि हम सब एक साथ ही बैठे हुए थे तो हमें भी ऐसा लगा कि साथ वाले किसी दोस्त ने उसके साथ मजाक किया हो परंतु सभी ने मना कर दिया परंतु  हम में से कोई भी एक दूसरे पर विश्वास नहीं कर रहा था, क्योंकि हम सब जानते थे कि हम सब एक दूसरे के साथ मस्ती करते रहते हैं। 

इसलिए हम में से ही किसी ने उसे धक्का दे दिया होगा, यह हम सब सोच रहे थे लेकिन थोड़ी देर बाद हमारे आसपास से कुछ आवाज आने लगी, जेसे किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज हो और साथ में कभी कभी जंगली जानवरों की भी आवाजे आ रही थी।
Spirit entered in my friend’s body
 रात में लगभग 2:30 बजे का समय हो चुका था और हम लोग हमारी शराब पीने लगे थे, अचानक से हमारे आसपास से कोवो के कांव-कांव करने की आवाज आने लगी। इतनी रात में कौवे आवाज नहीं करते हैं।
 हम में से कोई भी भूत-प्रेत आदि में विश्वास नहीं करता था और जवानी का जोश था। इसलिए हम निष्फिक्र हो कर बैठे हुए थे। हम सब शराब के नशे में डूबे हुए थे कि अचानक से मेरे एक दोस्त का किसी ने पैर पकड़कर खींचा, इतना होने के बाद भी हमें यह विश्वास नहीं था कि शायद यह हरकत किसी और ने किया हो, हमें अब भी यह लग रहा था कि यह हम में से ही किसी एक दोस्त का काम होगा जो शायद साथ वाले के साथ मजाक कर रहा हो परंतु अब स्थिति थोड़ी बहुत भयंकर होने लगी थी।
 हम सब के साथ कुछ ना कुछ हरकत होने लगी थी कभी कोई हमारे कान के अंदर आकर कुछ बोलता हो हमे  ऐसा लग रहा था या कभी कोई हमें पीछे से आकर स्पर्श कर रहा था।
 एक बार तो हद ही हो गई, हमारी शराब की बोतल हवा के अंदर लहराने लगी थी। हमें अब थोड़ा सा डर का एहसास होने लगा था। हमें लगा कि शायद हम गलत जगह पर आ गए हैं, परंतु बहुत ज्यादा देर हो चुकी थी इतनी ज्यादा रात हो चुकी थी कि अब हम नीचे भी नहीं जा सकते थे, क्योंकि हम सभी नशे में थे, अगर किसी का पैर फिसल गया तो जान पर भी बन सकती थी, इसलिए हमने अब थोड़ा ध्यान रखने का फैसला किया और वहीं पर बैठकर एक दूसरे पर ध्यान रखने लगे कि कौन किसके साथ मजाक कर रहा है परंतु हमारे साथ जो भी हरकतें हो रही थी वह हम में से कोई भी नहीं कर रहा था। 
यह कोई दूसरी शक्ति थी जो हमारे साथ हरकतें कर रही थी, हम सब बैठे हुए थे की तभी मेरा एक दोस्त अचानक से उठा और एक अजीब सी स्थिति के अंदर उसने अपने शरीर को कर लिया।
 वह बिल्कुल तिरछा हो चुका था और अपना सर बिल्कुल पीछे करके उल्टा चलने लगा। हम सब यह देखकर बहुत डर गए थे वह अब जोर जोर से हंस रहा था, हमें कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह हो क्या रहा है??
 हमने उसे पकड़ कर सीधा करने की भी कोशिश की परंतु उसके ऊपर कोई असर नहीं हुआ और वह और जोर जोर से हंसे जा रहा था।
 इतने में हमारे पास से ही किसी के जोर से चीखने की आवाज सुनाई दी, देखने में लग रहा था कि कोई आदमी था और इसकी आवाज बहुत ही भारी और भयानक थी, पूरी रात हमारे साथ ऐसी ही कुछ और हरकते होती रही।
 मेरा दोस्त बहुत बुरी तरीके से घायल भी हो चुका था, कभी उसके हाथ में चोट लग रही थी तो कभी उसके पैर में और एक बार तो उसने एक चट्टान पर सर मारने तक की कोशिश भी की जिससे उसके चोट ज्यादा लग गई थी।
हम सब ने उसे अब पकड़ लिया था लेकिन ऐसे लग रहा था की उसने हम सब से ज्यादा जान आ रखी थी, हम सब एक साथ मिलकर भी उसको नियंत्रण में नहीं कर पा रहे थे।
 ऐसे ही रात का समय निकल गया और जैसे ही सूरज की पहली रोशनी निकली, हम सब घर जाने के लिए वहां से निकलने की कोशिश करने लगे।
 हमने अपने दोस्त को साथ लिया और सबसे पहले उसको अस्पताल में भर्ती करवाया एवं हमारे घर वालों को फोन करके बताया कि हमारे साथ क्या हुआ था।
 हम सबके घर वाले वहां पर आ चुके थे और जब उन्होंने मेरे दोस्त को देखा तो वह Hospital में आने के बाद भी अजीब सी हरकते कर रहा था।
 मेरे दोस्त की आवाज को हम अच्छे से जानते थे परंतु जब वह रात वाली घटना के बाद कभी भी बोलता था तो उसकी आवाज बदली हुई थी। वह मेरे  दोस्त की आवाज नहीं थी। उसके घर वालों ने और हमारे घर वालों ने उसकी हालत देखी, उनमें से समझदार लोगो के समझ में आ गया था कि उस पर किसी बुरी शक्ति का साया आ चुका है।
 इसके ऊपर किसी बुरी शक्ति का साया है। हमारे घर वालों ने अपनी जान पहचान वाले पंडित जी को Hospital के अंदर बुलाया और हमारे दोस्त को उनको दिखाया।
Horror stories Short
 पंडित जी ने बताया कि उसके ऊपर किसी बुरी शक्ति का साया आ गया है और शायद यह पानी के अंदर रहने वाली आत्मा है। पंडित जी बहुत विद्वान पंडित थे ये हमारे घरवाले हमे इससे पहले भी कई बार बता चुके थे। वे इन सब काम के लिए किसी से कोई पैसा नहीं लेते थे। 
 पंडित जी ने हमसे पिछली रात के बारे में विस्तार पूछा तो हमने बताया कि हमने रात के समय में जंगल के अंदर एक नदी में स्नान किया था।
 पंडित जी ने हमें बताया कि रात में पानी के अंदर बुरी शक्तियों का वास हो जाता है। इसीलिए प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में रात में पानी के स्त्रोत के अंदर नहाने के लिए मना किया हुआ है।
 पंडित जी ने उस लड़के को अस्पताल से Discharge करवाने के लिए कहा और उसे घर लेकर चलने को कहा  ताकि वे उसका इलाज सही से विधि विधान से कर सके। 
मेरे उस दोस्त को हो बाहरी चोट लगी थी उन चोट का इलाज Doctor ने कर दिया था, जहां जहां पर उसके घाव थे वहां पर Doctor ने पट्टियां कर दी थी और उसके बाद हम सब उसे घर लेकर चले गए।
 पंडित जी ने घर ले जाने के बाद कुछ पूजा पाठ किए और कुछ अभिमंत्रित जल उसको पिलाया और एक ताबीज उसके गले में डाल दिया। ताबीज उसके गले में डालने के बाद उसकी आवाज भी बदल गई परंतु उसका शरीर बिल्कुल टूट चुका था।
 उसके शरीर में इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि वह खुद से कोई काम कर सके। पंडित जी ने हम सब को भी एक एक ताबीज बना कर दी और आगे से रात के अंदर ऐसे किसी भी जगह जाने के लिए हम सब को मना किया था ताकि हम सब ऐसी परेशानी से बच सके और आगे से हमारे साथ ऐसी कोई हरकत ना हो।
 हम सब ने उस दिन के बाद कसम खा ली थी कि हम कभी भी ऐसी कोई हरकत नहीं करेंगे जिससे हमारे ऊपर कोई बुरी शक्ति का असर हो, पहले हम सब इन चीजों में विश्वास नहीं करते थे परंतु जब से हमारे दोस्त के साथ यह कांड हुआ था उसके बाद हमारा भी आत्मा और भूत प्रेत के अंदर विश्वास बन गया।
 मैं रोज तो नहीं परंतु जब भी मुझे समय मिलता है भगवान की पूजा पाठ अवश्य कर लेता हूं।
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Fecebook – @bhootpret

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