हाईवे की वो सुनसान रात। Horror Stories

आज काफी दिनों बाद हम कोई नई सच्ची घटना को कहानी के रूप में लाए हैं। पहचान के कारण व्यक्ति के नाम और जगह के नाम मे परिवर्तन किया गया हैं।

दिल्ली का रहने वाला अमन अपने छोटे से परिवार के साथ बहुत खुशी से अपना जीवन यापन कर रहा था। अपने माता पिता पत्नी और एक साल की बच्ची के सात इस परिवार के दिन बड़ी खुशी से बीत रहे थे, पर शायद उपर वाले को इनकी खुशी ज्यादा दिन तक बर्दाश्त नहीं हुई, उन लोगो को अंदाजा भी नहीं था की आने वाले 10 दिन उनकी जिंदगी के कभी न भूलने वाले 10 दिन बनने वाले हैं।

ये सावन का एक सोमवार था और अमन का आज ऑफिस से ऑफ था तो वो अपने घर के बालकनी में बैठ कर चाय पीते हुए सुहाने मौसम का आनंद ले रहा था, तभी उसके फोन की घंटी बजती हैं और जब वो अपने फोन में देखता हैं तो ये उसके मामाजी का फोन था जिनके अमन बहुत ज्यादा करीब था। इनका रिश्ता एक मामा – भाँजे का न होकर दोस्तो का था। 
उसके मामा शैलेंद्र के घर पर हवन और पूजा थी बुधवार को उसी के लिए फोन किया था उसने और सपरिवार बुलाया था अमन को।
अमन न भी नही कर सका ओर उसने हैं कर दी और मंगलवार को रात को उनके घर पहुंचने की बात कही।
सोमवार का दिन निकल गया और मंगलवार को अमन शाम तक अपने ऑफिस से फ्री होकर घर के लिए निकला और घर पर पीने कर के सबको तैयार रहने के लिए कहा मामाजी के घर पूजा में चलने के लिए।  अमन घर पहुंचा और फ्रेश होकर कपड़े वगेरह बदल कर परिवार के साथ दिल्ली से अपने मामाजी के घर राजस्थान के अलवर जिले के किसी गांव के लिए निकल पड़े। 
अमन तकरीबन सूर्यास्त के बाद ही घर से निकला था मामा के घर के लिए। दिल्ली जयपुर हाईवे पर वो अपने परिवार के साथ खुशी से आराम से अपना सफर पूरा कर रहे थे, अमन के बच्ची की चंचल हरकते सबका मन लगा के रखे थी इस लंबे सफर में भी। 
उन्हें घर से निकले अब करीबन 2 घंटे से ज्यादा का समय हो चुका था और उन्हें अब दिल्ली जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से हटकर स्टेट हाईवे लेना था अपने गंतव्य तक जाने के लिए, थोड़ी दूर और चलने के बाद उन्हें स्टेट हाईवे के लिए एक रोड दिखा ओर अमन ने गाड़ी उस रास्ते पर मोड़ ली, हाईवे पर निर्माण कार्य चलने के कारण उनके जाने पहचाने रास्ते जिससे वो हर बार जाता था उनसे शायद वो आगे आ चुके थे इसलिए उसने इस रास्ते से मुख्य हाईवे तक जाने के लिए बेहतर समझा और निकल पड़ा अपने परिवार के साथ परंतु उन्हें क्या पता था कि वो लोग किसी मुसीबत में पड़ने वाले हैं। 
पूरा परिवार खुशी के साथ अपना सफर कर रहा था रात का मौसम था और जंगल के बीच से जाता हुआ रास्ता उसमे खुली हवा का आनंद खिड़की खोल कर ना लिया तो क्या किया, अमन ने गाड़ी की खिड़की खोल दी और धीरे धीरे गाड़ी चलाने लगा, मौसम का आनंद लेते हुए। ये कैसी मनमोहक खुशबू हैं इस तरह को खुशबू कभी नही मिली किसी भी हाईवे पर।  अमन ने गाड़ी की हैडलाइट में देखा की कोई औरत हाथ हिलाकर उन्हे रोकने की कोशिश कर रहीं हैं, अमन ने अपने पापा राजेश को बोला की शायद कोई औरत लिफ्ट मांग रहीं हैं परंतु तभी पीछे से अमन की मम्मी ये कह कर मना कर देती हैं की रात का समय हैं कोई टोने टोटके या भूतप्रेत भी हो सकते हैं वरना इस जंगल में ये औरत अकेली क्या कर रही हैं इस समय।
” ये औरतों का वहम कभी नही खत्म हो सकता तभी तो आजकल इन पाखंडी बाबाओं का कारोबार चल रहा हैं” 
ये कहते हुए अमन से कहा की गाड़ी रोको इतनी रात में हम किसी औरत की बीच जंगल में अकेले छोड़कर नही जा सकते ये मेरे उसूलों के खिलाफ हैं और अमन भी जी पापा बोल कर गाड़ी उस औरत के पास रोक दी। 
वो औरत जल्दी से गाड़ी की खिड़की पर आ के बोली की वो भटक गई हैं पास ही के गांव में जाना हैं और उसके पास एक बैग और था, उस लड़की ने बंजारो वाले कपड़े पहन रखे थे,अमन के पापा ने उसे पीछे बैठने को कहा और उसके गाड़ी में बैठने के बाद आगे चल पड़े। अमन की मम्मी एक पूजा पाठ वाली महिला थी उसकी ईश्वर में आस्था थी, ये उसके मन का वहम कहे या फिर कुछ और उसे उस औरत के उसके बगल में बैठते ही बहुत बुरी दुर्गंध आई की उसने अपने नाक को अपने हाथ से बंद कर लिया और अपनी गोद में बैठी पोती को उसकी मम्मी को दे दिया। 
उन्हें बहुत अजीब सा लग रहा था किसी नकारात्मकता का एहसास उन्हे निरंतर हो रहा था। करीबन 10 किलोमीटर चलने के बाद उस लड़की ने गाड़ी को रोककर उसे उतारने को बोला परंतु अमन के पापा बोल पड़े की ये तो पूरा जंगल हैं कहां कोई गांव है?? उस औरत ने कहा कि यही पास में मेरा गांव है और मैं चली जाऊंगी, उसके ये कहने पर अमन की मम्मी ने उसे घूर कर देखा और वो औरत गाड़ी से उतर गई। राजेश ने अपनी पत्नी को ताना मारा की तुम्हारी भूतनी तो बिना कुछ किए ही चली गई😀😀
 अमन अपने मामा के घर पहुंच चुका था और सब इतने दिनो बाद मिलकर बहुत खुश थे, परंतु कहीं ना कहीं अमन की मम्मी को यह बात कचोट रही थी कि वह लड़की कोई इंसान तो नहीं थी अगर वह इंसान होती तो उसके गाड़ी में बैठते ही इतनी ज्यादा दुर्गंध नहीं आती क्योंकि मैंने शास्त्रों में भी पढ़ा है वेदों में भी पढ़ा है कि किसी भी नकारात्मक शक्ति के आपके आसपास होने पर आपके आसपास का वातावरण बहुत दुर्गंधमय हो जाता है।
मामा के घर पर पूजा संपन्न होने के बाद में अमन अपने परिवार के साथ वापिस दिल्ली चला गया और अपनी दैनिक दिनचर्या में व्यस्त हो गया उसके पापा राजेश जी रिटायरमेंट के बाद में दिन भर घर में ही बैठकर आराम करते और कभी कबार कुछ किताबें पढ़ने लग जाते हैं जिनसे उनका भी मन बहल जाता और अपने साथ में अपनी पोती को भी रखते तो सास और बहू को घर के काम करने में भी कोई दिक्कत नहीं होती थी।

 ऐसे ही तीन-चार दिन बीत गए अमन की मम्मी को एक रात को एहसास हुआ कि घर की किचन में रात को करीबन 2:30 बजे के आसपास किसी के कुछ बनाने की आवाज आ रही थी जैसे कोई कुछ खाना पका रहा हो किचन में अमन की मम्मी को लगा की बहू होगी कई बार बेटे को चाय पीनी होती है रात में, तो वह शायद उसके लिए चाय बना रही होगी यह सोचकर उसने नजरअंदाज कर दिया परंतु ऐसी ही कुछ विचित्र आवाज  रात को अमन और उसकी बीवी को भी अपने घर में सुनाई दी पिछले एक-दो दिन से कुछ ना कुछ अजीब सा हो रहा था परंतु घर में किसी ने ध्यान नहीं दिया क्योंकि सब अपने काम में व्यस्त रहते थे।
अमन की मम्मी ने अगले दो-तीन दिन में नोटिस किया कि राजेश जी खाना भी बहुत कम खाने लगे हैं और उनका शरीर भी पहले से बहुत ज्यादा कमजोर होने लगा है अचानक से उनके शरीर में ऐसे परिवर्तन को देखकर वह चिंतित हो गई उसे लगा कि कुछ ना कुछ तो गड़बड़ है रात को आवाजें भी आ रही थी हो सकता है बहू हो और मैं बहू को पूछ लेती हूं आज फिर उसने अपनी बहू को आवाज लगाई और उससे पूछा कि बहू क्या तुम रात को चाय बना रही थी तो बहू ने मना कर दिया।
अमन की पत्नी ने अपनी सास को बताया कि रात को उसने और अमन ने भी घर में किसी के चलने की कुछ आवाजें सुनी है अमन की मम्मी ने इस बारे में जब राजेश जी से बात करनी चाहि तो राजेश जी ने गुस्से से डांट कर उन्हें मना कर दिया और उनकी आंखें बहुत ज्यादा लाल हो रखी थी उनका ऐसा व्यवहार देखकर अमन की मम्मी बहुत चिंतित हो गई और उन्होंने पंडित जी से सलाह लेने की सोची उन्होंने पंडित जी को फोन किया और उन्हें अपने घर पर आने के लिए और देखने के लिए कहा कि क्या घर में कुछ दिक्कत है कहीं कुछ नकारात्मक शक्तियां तो मेरे घर में प्रवेश नहीं कर गई है यह ऐसा क्यों हो रहा है अचानक से मेरे परिवार में ?? यही सब चिंता उसे लगातार खाए जा रही थी उसी रात में अमन को चिल्लाने की आवाज सुनती है और वह दौड़ कर बाहर आता है हम उनकी पत्नी भी उनके पीछे दौड़ कर बाहर आती है तो देखते हैं कि राजेश जी बालकनी में खड़े हैं और अजीब सा व्यवहार कर रहे हैं वह अपने शरीर से कुछ अजीब सी हरकतें कर रहे हैं और उनके मुंह से भी कुछ अजीब सी आवाजें निकल रही हैं इतने में अमन और उसकी मम्मी और अमन की पत्नी देखते ही रह गए और अमन के पापा राजेश ने बालकनी से नीचे छलांग लगा दी अमन की मम्मी चिल्ला पड़ी अमन दौड़ के नीचे भागा और चिल्ला के सबको आवाज लगाकर नीचे देखा उतने में उनकी इतनी ऊपर से नीचे गिरने के कारण उनका ललाट फट गया था और उनकी तुरंत मृत्यु हो गई थी अमन से यह सदमा बर्दाश्त नहीं हुआ और वह अपने पापा की लाश को देखकर रोने लगा वो एकदम से टूट गया था कि मेरे परिवार में अचानक से यह क्या हो गया मेरा एक मात्र संरक्षक मेरे से दूर कैसे हो गया उससे यह बर्दाश्त नहीं हुआ और वह बुरी तरह टूट गया।
दूसरे दिन सुबह सुबह ही पंडित जी अमन के घर पर पहुंचे तो उन्हें अमन की पिता की लाश देखकर एक धक्का सा लगा उन्हें घर में प्रवेश करते ही घर में कुछ नकारात्मक शक्ति का आभास हो गया था परंतु वह अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के कारण उस समय पर चुप रहे अंतिम संस्कार से लौटने के बाद में उसने अमन की मम्मी और अमन से अकेले में बात करने की इच्छा जताई फिर उन्होंने दोनों को अकेले में बुलाकर पूछा कि पिछले कुछ दिनों में उनके साथ क्या-क्या हुआ है कि मुझे इस घर में  कुछ नकारात्मक शक्ति का एहसास हुआ है, और इसका कुछ ना कुछ कारण तो है तब अमन की मम्मी ने अपने सारे तर्क अपनी सारी बातें सब उनको बताई कि उनको क्या प्रॉब्लम है और उनको क्यों लग रहा है कि उस लड़की में कुछ प्रॉब्लम थी पंडित जी ने कहा कि देखते हैं क्या हुआ है क्या कैसे हैं पूजा पाठ करने पर ही पता चल सकता है।
 पंडित जी एक प्रसिद्ध साधु से थोड़ा इन शक्तियों के बारे में सीख कर आए थे तो उनको थोड़ा उनका ज्ञान था पंडित जी ने हवन करने का कहा और वह हवन की तैयारियों में लग गए  हवन करने पर पंडित जी को पता चला कि वह लड़की एक प्रेतात्मा ही थी।
 यह उसी की नकारात्मक शक्ति का प्रभाव था कि अमन के पिता राजेश जी अपने होश में ना रह कर उसके वश में होकर अपनी जान गवा बैठे पंडित जी ने उस आत्मा से उनके घर का बचाव किया और उन्हें सुरक्षित रहने के लिए कुछ और उपाय बताएं और अपने घर के लिए निकल पड़े।
इस कहानी से हमें इतना ही पता चलता है कि अगर हम रात में कोई भी लंबा सफर कर रहे हो और हमें अचानक से कोई रात में औरत या मर्द कोई भी देर रात में कहीं किसी सुनसान हाईवे पर लिफ्ट मांगते मिले तो पहले पूरा कंफर्म होने के बाद में ही आप कोई कदम उठाएं ऐसी कोई घटना आपके साथ भी हो सकती है मेरे साथ भी हो सकती है यह आपके करीबी किसी और के साथ भी हो सकती है

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