भारत के जंगलों में अनेक रहस्य से भरी कहानियां हैं जिनका रहस्य आज तक कोई भी नही जान पाया हैं। आज की कहानी भी एक एसे ही घने जंगल की हैं जो आज से हजारों साल पहले से महाभारत के समय से इस धरती पर अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं।
इस जंगल में इतने रहस्य छुपे हुए हैं की आज तक इन रहस्य के बार में जानने की कोशिश तो कई वैज्ञानिकों और स्थानीय लोगो ने भी की हैं परंतु कोई भी इसके निष्कर्ष तक नही पहुंच पाया है ।
दंडकारण्य का रहस्य क्या हैं??
मध्यभारत के महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के अंदर दंडकारण्य का विशाल जंगली क्षेत्र है। दंडकारण्य का नाम हैं प्राचीन धार्मिक ग्रंथों से सुनते आ रहे हैं। प्राचीन धार्मिक ग्रंथों की माने तो इस विशाल जंगली क्षेत्र में कई साधुओं ने तपस्या कर के ईश्वर की साधना की हैं और कई सिद्ध शक्तियां प्राप्त की हैं।
इस दंडकारण्य के जंगल में आज के आधुनिक समय में भी कुछ ऐसे रहस्य हैं जिनके बारे में आज तक कोई नही जान पाया हैं।
आज की कहानी हैं मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के सीमा क्षेत्र में रहने वाले एक आदिवासी की, जो अक्सर इस जंगल में शिकार करने के लिए चला जाता था।
आगे की कहानी उसी व्यक्ति के नजरिए से जानने की कोशिश करते है,
नमस्कार, मेरा नाम राणा हैं और में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के बीच के जंगली क्षेत्र दंडकारण्य के अंदर रहता हूं।हमारी यहां पर एक छोटी सी बस्ती हैं। हमारे कुनबे के कुछ लोग पिछली कई शताब्दियों से इसी जंगल के क्षेत्र में रहते हैं।
बाहरी लोगों के लिए दंडकारण्य एक भयानक जंगल हैं जिसके अंदर कई शक्तियों का निवास स्थान हैं।
हमारे लिए यह जंगल हमारी रोजी रोटी का साधन भी हैं । समय के साथ साथ कुछ कुनबे के लोग अपने बच्चों को पास ही के शहर में भेज कर उन्हे आगे की पढ़ाई करवा कर सामान्य जीवन जीने की इच्छा रखते हैं।
हम में से अधिकांश लोग इस जंगल से ही अपना जीवन यापन करते हैं। हम लोग कुछ जंगली जानवरों का शिकार भी कई बार कर लेते हैं। वन विभाग के कर्मचारी कई बार हमे किसी जंगली जानवर को पकड़ने के लिए भी बुला लेते थे, जिसके लिए हमे कुछ पैसे मिल जाते थे।
एक बार की बात हैं हमारे गांव से हर रोज कुछ जानवर गायब होने लगे। पिछले 15 से 20 दिन के अंदर गांव से कई गाय, बकरियां और बाकी कई मवेशी गायब होने लगे।
रात में गांव वालो ने पहरा देने का भी सोचा और सभी गांव वालो ने मिलकर हर रोज गांव से 5 आदमी गांव का पहरा देने के लिए निश्चित किए।
गांव के कोई भी 5 व्यक्ति हर रात को पहरा देने लगे, और ध्यान रखते की कोई जंगली जानवर हमारे मवेशियों को उठाकर अपना शिकार न बना ले।
एसे ही एक दिन रात में पहरे की मेरे परिवार की भी बारी थी, उस दिन पिताजी की तबियत खराब होने के कारण जंगल के अंदर पहरा देने के लिए मुझे जाना था।
Who Was that Monster ??
में गांव के ही अपने कुछ साथियों के साथ पहरा देने के लिए तय समय पर गांव के चौक में पहुंच गया। गांव के ही 4 और लड़के मेरे साथ आज रात में पहरा देने वाले थे।जब से हम लोगो में रात में पहरा देना शुरू किया था तब से जंगली जानवरों का आना जाना थोड़ा कम हो गया था, और गांव से मवेशी भी कम गायब होते थे।
रात का अंधेरा गहरा चुका था और जंगल से जंगली जानवरों की आवाज आना शुरू हो चुकी थी। में अपने गांव के साथियों के साथ बैठा हुआ था और पहरा दे रहा था।
हम लोगों ने चिलम जला ली, जिससे हमारा भी समय निकल रहा था रात बहुत ज्यादा हो चुकी थी और रात के इस घने अंधेरे के अंदर जंगल के अंदर से आने वाली आवाज हमे कई बार डरा देती थी, देर रात को हमारे पास से हमें किसी जंगली जानवर के गुर्राने और उसके चलने की आवाज सुनाई दी।
हमने जब दबे पांव पीछे पीछे जाकर देखा तो यह एक भगेरा था, जो गांव की ही कुछ बकरियों को अपना शिकार बनाना चाह रहा था। वह अपने शिकार की तलाश में था। हमने उसे पीछे से आकर बेहोश कर दिया और उसे सुबह वन विभाग को देने के लिए एक पिंजरे के अंदर बंद कर दिया।
भगेरे को पकड़ने के बाद में हम थोड़ा निश्चिंत सा हो गए थे, हमें लगा था कि शायद यही वह जानवर था जो हमारे पालतू मवेशियों का रोज रात में शिकार करता था, शायद यह हमारी गलतफहमी थी, क्योंकि थोड़ी ही देर में हमें गांव के दूसरी तरफ से गायों के जोर जोर से रंभाने की आवाज सुनाई दी। हम उस तरफ गए तो हमने देखा कि एक बड़ा भारी सा जानवर एक गाय को अपने जबड़े में पकड़कर इस तरह जा रहा है जैसे वह गाय कोई खिलौना हो।
यह जानवर बहुत ज्यादा लंबा था और इसका शरीर बहुत ही भयानक था हमने आज तक जंगल के अंदर ऐसा कोई जानवर नहीं देखा था जो इतना बड़ा और भयानक दिखता हो। हम सब ने गांव के कुछ लोगों को जगाया और जानवर के पीछे पीछे जाने लगे।
जंगल के अंदर के बाद हमने देखा कि वह एक गहरी खाई के अंदर जाकर उस गाय को मारकर खा गया, थोड़ी देर में हम देखते हैं कि एक तेज रोशनी पूरे जंगल में चारों तरफ फैल रही है।
यह रोशनी जहां से आ रही थी या फिर इस रोशनी का जो केंद्र बिंदु था वह एक इंसान की आकृति जैसा दिखाई दे रहा था, दूर से देखने पर ऐसा लग रहा था कि रोशनी किसी इंसान के शरीर से आ रही है
Mysterious Light In midnight in Dandakaranya Forest
रोशनी के अंदर उस इंसान का मुंह से लेकर पैर तक पूरा शरीर दिख रहा था, ऐसा लग रहा था कि कोई इंसान खड़ा है और उसके शरीर से चारों तरफ रोशनी निकल रही है जो पूरे जंगल को अपनी रोशनी से जगमग कर रही थी।
रोशनी के साथ साथ ही कुछ भयानक आवाजें जंगल से आना शुरू हो गई और यह आवाजें धीरे-धीरे हमारे पास में ही आना शुरू हो गई थी।
हम करीबन 10 से 12 लोग थे परंतु इतनी भयानक आवाजें हमने आज से पहले जंगल में कभी नहीं सुनी थी। इस जंगल में हमारी पीढ़ियों को रहते हुए कई शताब्दी हो चुकी थी परंतु आज तक ऐसे संस्मरण हमने किसी के मुंह से भी नहीं सुने थे।
जब वह रोशनी और वह भयानक आवाजें हमारे कानों और आंखों को महसूस हुई तो हमें डर का एहसास हुआ और हमने वापस अपने गांव की तरफ जाने का फैसला लिया। हम सब अपने गांव की तरफ वापस जा रहे थे, तभी हमारे पीछे से वही भयानक शरीर वाला जानवर हमें हमारे पीछे पीछे आता हुआ दिखाई दिया, सभी लोग उससे बहुत ज्यादा डर गए थे और तेजी से भागकर गांव के अंदर घुस गए।
हम सब ने गांव के चारों तरफ थोड़ी आग जला दी थी जिससे जंगली जानवर अब इस तरफ ना आए और इसका फायदा भी हुआ वह जंगली जानवर आग को देखकर वहां से अचानक से ही गायब हो गया।
दूसरे दिन सुबह पूरे गांव में इसी बात पर चर्चा हो रही थी कि रात में वह भयानक जंगली जानवर कौन था?? जो हमारे गांव की गायों को ले गया था।
हम पहले समझ रहे थे कि शायद कोई भगेरा या कोई और जानवर होगा जो हमारे पालतू मवेशियों का शिकार कर रहा है परंतु यह कोई साधारण जंगली जानवर नहीं था।
यह तो बहुत ही भयानक जंगली जानवर था जिसे हमने पहले कभी नहीं देखा था। रात में जंगल के बीच से आने वाली वह रोशनी बहुत ही रहस्यमई थी और उस रोशनी के साथ-साथ जो संगीत की आवाज भी चारों तरफ से आ रही थी जिसका कोई भी स्रोत हमें दिखाई नहीं दे रहा था।
दूसरे दिन हमने दिन के अंदर जाकर उस पूरे क्षेत्र के अंदर जाकर देखा तो हमें कहीं पर भी किसी रोशनी या फिर कुछ जलने के निशान नहीं मिले। जिस जगह से वह इंसान रूपी आकृति से रोशनी निकल रही थी वहां पर बस एक बरगद का बड़ा पेड़ था उसके सिवा वहां पर आसपास में कुछ भी नहीं था।
गांव के कुछ बड़े बुजुर्गों ने यह कहकर बात को टाल दिया कि यह शायद कोई पुरानी शक्ति हैं जो इस जंगल के अंदर कई सालों से विद्यमान है और थोड़े दिनों के लिए बाहर आने का उसका समय है।
इसलिए यह सब हमारे साथ हो रहा है। रात में गांव के चारों तरफ आग जलाकर जलाकर गांव की सुरक्षा करनी होगी नहीं तो धीरे-धीरे गांव के सारे पालतू मवेशी भी गायब होते जाएंगे।
हमने दूसरे दिन ही इसकी शिकायत वन विभाग के अंदर भी की परंतु विभाग के रिकॉर्ड में भी ऐसा कोई जानवर नहीं था जो हमने देखा था या उतना लंबा या बड़ा हो और इतना भयानक हो।
वन विभाग वालों ने सोचा कि शायद हमारा कोई वहम होगा परंतु हमारा कोई वहम नहीं था हमने सच में उस भयानक जानवर को देखा था जो हमारे सामने ही एक बड़ी सी गाय को एक छोटे खिलौने की तरह ले गया और उसका शिकार करके खा गया।
बड़े बुजुर्गों का मानना था कि शायद वह कोई राक्षस था जिसे बहुत भूख लगती है और अपना शिकार करके जानवरों को खाता है।
इस घटना के बाद से रात के समय जो भी गांव के लोग शिकार करने के लिए जंगल के अंदर जाते थे उन्होंने जंगल के अंदर जाना बंद कर दिया था, अंधेरा होने के बाद में अब जंगल में कोई भी नहीं जाता था, सभी लोगो को उस भयानक जानवर और उस रोशनी के साथ संगीत का डर लगता था जो उस रात उस इंसान रूपी आकृति से आ रही थी।
हमने बहुत दिनों तक कोशिश की इसके बारे में जानने की परंतु आज तक हम भी यह पता नहीं लगा पाए कि वह रोशनी और वह आवाज कहां से आ रही थी और वह बड़ा सा भयंकर जानवर कौन था??
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