Kya Aatmao Ka Astitva Hota Hain??
भूतों से सामना हर किसी का नहीं हो पाता कभी समय का फर्क रहता है तो कभी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमें हमारे जन्म के समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्तिथि से मिले गणों का और यह कोई मिथ्या नहीं है, यह अखंड सत्य है।
हमारे प्राचीन भारतीय बहुत ही ज्ञानवान थे। उन्होंने जो भी हमारे लिए हस्त लिखित रूप में संसार का अमूल्य खजाना पुस्तको के रूप में छोड़ा है उसके अनुसार तो वह गलत नहीं थे, आत्माएं होती हैं।
परंतु इनका हमारी नजरों में आना कभी कभार ही होता है यह रोज-रोज होने वाले घटनाएं नहीं है। जब समय का चक्र कुछ इस तरीके से होता है कि वह एक समय से दूसरे में परिवर्तन हो रहा हो तो उस समय के अंदर इन आत्माओं का असर ज्यादा होता है और सनातन धर्म के अनुसार और पृथ्वी के एक दूसरे के चक्कर लगाने को भी तांत्रिक क्रियाओं में किसी और रूप में देखा जाता हैं। जैसे अमावस्या के दिन हिंदू पंचाग के अनुसार एक पक्ष खत्म होता हैं समय का और दूसरा शुरू होता हैं। अमावस्या के दिन को आत्माओं और इनकी शक्तियों से जोड़कर देखा जाता है।
Real Ghost Story
आज हम आपको एक सच्ची भुतहा घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जो हमारे ही एक दोस्त के साथ दिल्ली में हुई थी।
गुजरात के रहने वाले सुरेश कुमार जब नौकरी की तलाश में दिल्ली आए तो प्रारंभ में उन्हें कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ा फिर बाद में दिल्ली के द्वारका क्षेत्र में किसी ट्रांसपोर्ट कंपनी में सहायक की नौकरी मिल गई।
सुरेश ने अपनी कंपनी के ऑफिस के नजदीक ही रहने के लिए एक कमरा ढूंढ लिया और वही रहने लगा, धीरे-धीरे कंपनी में रहने वाले कुछ अन्य लोगों से उसकी दोस्ती हुई। कुछ समय के बाद से सुरेश अपने दोस्तों के साथ रहने लगा।
जब धीरे धीरे दोस्ती गहरी होती है तो वह लोग साथ में बाहर जाना और बाकी अन्य काम भी साथ साथ ही किया करते थे। एक बार दीपावली के आसपास का समय था और अगले दिन से ही इनके ऑफिस की की दीपावली की छुट्टियां शुरू हो रही थी।
सुरेश और उसके कुछ साथियों ने ऑफिस से आने के बाद में आने वाली इन छुट्टियों को आज खुशी में तब्दील करने का सोचा। सुरेश और उसके दोस्त अपने शौक पूरे करने के लिए नजदीक की जगह से शराब लेने के लिए चलें गए। सुरेश और उसके दोस्तों को कभी कभार शराब पीने की आदत थी और आज उनका वह दिन था
सुरेश और उसके दोस्तों ने अपने कमरे के पास ही के ठेके से शराब ले ली और अपने कमरे पर वापस आ गए। उन सब ने साथ बैठकर शराब पी और काफी मौज मस्ती की, यह सब करने में उन्हें समय का जरा भी आभास नहीं हुआ।
रात तकरीबन 12 से ज्यादा का समय हो चुका था परंतु उनका मन अभी भी और शराब पीने का था। उनकी शराब खत्म हो चुकी थी तभी उनमें से एक दोस्त ने फिर से और शराब पीने के लिए कहा, क्योंकि अगले दिन वे सारे अपने-अपने घर जाने वाले थे।
सुरेश और उसके दोस्तों ने अपनी मोटरसाइकिले निकाली और दुबारा शराब खरीद कर लाने के लिए कमरे से निकल पड़े, उन्होंने अपने आसपास के शराब के ठेकों पर जाकर पूछताछ की परंतु वहां शराब नहीं मिल रही थी। दिल्ली में शराब के ठेके रात को 10:00 बजे बंद हो जाते हैं चारों तरफ घूमने पर भी जब उन्हें कहीं से शराब नहीं मिली तब उन्हीं में से किसी एक ने कहा कि चलो कापसहेड़ा बॉर्डर चलते हैं, और उधर(कापसहेड़ा बॉर्डर हरियाणा और दिल्ली को सीमा पर हैं) से शराब लेकर आते हैं।
सुरेश और उसके सारे दोस्त बाइक पर सवार होकर कापसहेड़ा बॉर्डर के लिए निकल पड़े।
दिल्ली में द्वारका सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन है जिसके पास से ही कापसहेड़ा बॉर्डर जाने के लिए उनको जाना था।
द्वारका सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन से आगे जाकर एक पुराना बरगद का पेड़ है और जिसके चारों तरफ गोलाकार रूप में एक चबूतरे का निर्माण किया गया है। इस बरगद के पेड़ के चबूतरे पर इसकी जड़ में कई भगवान की प्रतिमाएं और फोटोज पड़ी रहती हैं। इस बरगद के पेड़ के पास ही एक मंदिर है और मुख्य सड़क भी इसी बरगद के पेड़ के दोनों तरफ से होकर जाती है।
बरगद का पेड़ मुख्य सड़क के बीचो-बीच है स्थानीय लोगों की माने या फिर अन्य लोगों की माने तो उनका दावा है कि इस रास्ते पर उन्होंने कई बार एक आत्मा को देखा है।
Kya Dwarka Sec 9 Metro Station Vali Road Haunted Hain??
सुरेश और उसके दोस्त इसी रास्ते से होकर जा रहे थे। सुरेश का एक दोस्त बाइक चला रहा था और सुरेश उसके पीछे बाइक पर बैठा हुआ था,बरगद के पेड़ से थोड़ा आगे निकलने पर सुरेश को एहसास हुआ कि चलती बाइक पर किसी ने उसके कमर पर हाथ मारा है।
परंतु उसने नशे में हूं यह सोच कर इसे नजरअंदाज कर दिया कापसहेड़ा बॉर्डर पहुंचकर इन लोगों ने शराब खरीदी और वापस अपने कमरे में आने के लिए वहां से निकल पड़े। इन सब को शराब पीने की जल्दी थी। इन सब को द्वारका सेक्टर 9 वाले उसी रास्ते से घर वापिस आना था।
बरगद के पेड़ से कुछ दूर पहले सुरेश और उसके दोस्तों को लगा कि सड़क के साइड में ही सफेद कपड़ों में कोई औरत खड़ी है। उन लोगों ने अपनी बाइक की स्पीड थोड़ी कम कर दी क्योंकि यह नशे में थे और इन को लगा कि औरत के चोट लग सकती है, अगर किसी का जरा सा भी कंट्रोल बिगड़ा बाइक का तो दुर्घटना हो सकती हैं क्योंकि ये लोग सड़क के एकदम किनारे पर बाइक चला रहे थे।
जब बाइक उस औरत के पास से गुजर रही थी और सुरेश के किसी दोस्त की नजर उस औरत के ऊपर पड़ी, पहली नजर में उसे उसका चाल चलन कुछ अजीब सा लगा। जिसके बाद उसने अपने दोस्त से कहा कि बाइक की थोड़ी स्पीड बढ़ाओ परंतु इतने में वह क्या देखते हैं कि जैसे-जैसे उनकी बाइक की स्पीड बढ़ती जा रही थी वैसे वैसे ही सड़क के साइड में उसकी स्पीड भी बढ़ती जा रही थी।
उस अजीब सी औरत को अपनी बाइकों के साथ दौड़ते देखकर उन सभी दोस्तों की हालत खराब हो चुकी थी। उस बरगद के पेड़ वाले रास्ते से द्वारका सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन के पास तक वह औरत औरत उनके साथ दौड़ती रही।
Kya Vo Lady Ghost Sab Ko Dikhta Hain??
वह सारे बहुत ज्यादा डर गए थे और कमरे पर जाते ही सारे एक कोने में दुबक कर बैठ गए। सुरेश के एक दोस्त की हालत बहुत ज्यादा खराब हो चुकी थी, बुखार से उसका शरीर कांप रहा था और बाकी दोस्त भी बहुत ज्यादा डरे हुए थे।
किसी तरह उन्होंने वह रात निकाली और दूसरे दिन ही सुबह सुरेश अपने दोस्तों को लेकर अपने एक जान पहचान के पंडित जी के पास गया जहां उन्होंने कल रात को हुई सारी घटना पंडित जी को विस्तार से सुनाई। पंडित जी ने बताया कि उस रास्ते के ऊपर आज से कई साल पहले एक औरत अपने बच्चे के साथ जा रही थी और किसी अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी जिससे बच्चे और उसकी मां की मौत वही पर हो गई थी।
कहा जाता है कि उसके बाद से ही उस रास्ते के ऊपर उस औरत की आत्मा का साया कई बार जाता है और यह एक नहीं कई लोगों के साथ हुआ है।
द्वारका सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन बरगद का पेड़ दिल्ली के सबसे भूत हाथ जगहों में से एक है इसके बारे में आप गूगल पर भी सर्च कर सकते हैं ऐसी ही और अन्य सच्ची घटनाओं के बारे में जानने के लिए हमें जरूर बताइए
धन्यवाद 🙏🙏