परालौकिक शक्तियों से संबंधित सच्ची घटनाओं पर आधारित एक नई कहानी के साथ आप सबका स्वागत हैं हमारे इस ब्लॉग पर।
आज की कहानी गुजरात के रहने वाले एक इंजीनियरिंग के छात्र के साथ उसकी कॉलेज में घटी ऐसी कुछ घटनाओं के बारे में हैं जिसके बारे में आज तक किसी को नही पता की ये हुआ केसे था।
इस कहानी के बारे में विस्तार रूप से जानिए उन्ही को जुबानी,
नमस्कार, मेरा नाम अमन हैं और में गुजरात के अहमदाबाद का रहने वाला हूं। हमारा परिवार एक संयुक्त परिवार हैं तो बचपन से ही में अपने दादा दादी जी से भूत प्रेत की कहानियां सुनते हुए आ रहा था। जब भी कहानी सुनता था तो मुझे डर भी बहुत लगता था परंतु भूतिया कहानियों की पटकथा ही ऐसी होती हैं की चाहे आपको कितना डर लग रहा हो फिर भी कहानी पूरी सुनने की अभिलाषा रहती ही हैं।
Ghost in collage campus
मेरी स्कूल की पढ़ाई अब पूरी हो चुकी थी और ये बात लगभग 2011 की हैं। मेने अपनी 12th 2011 में गुजरात से ही पूरी की थी। मेरे परिवार का मेरे ऊपर आगे की पढ़ाई के लिए कोई दबाव नहीं था। मेरे परिवार का मानना था की जो मुझे अच्छा लगता हो मुझे वही करना चाहिए।
मेरा हमेशा से ही एक इंजीनियर बनने का सपना रहा हैं जब से मुझे तकनीक के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी हासिल हुई थी तभी से मेरे दिमाग में बस एक ही सवाल चलता था की मुझे भी एक नामी इंजीनियर बन कर देश की सेवा करनी हैं।
मुझे अपनी मेहनत से देश के लिए कुछ ऐसा करना हैं जिसे मुझे तकनीक क्षेत्र में हमेशा याद रखा जाए।
इंजीनियरिंग के लिए मेने jee की एग्जाम भी दी थी परंतु उसमे मुझे कोई आईआईटी नही मिल पाने के कारण मेरा वहां जाने का इरादा बिल्कुल परिवर्तित हो गया।
मेने कलकता के एक बहु प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान में दाखिला ले लिया था।
कॉलेज के प्रथम वर्ष की पढ़ाई तो मुझे लगभग हमारी स्कूल की पढ़ाई के समान ही लगती थी। समय के साथ विषय में कठिनाई आने लगी और मेने भी अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया।
हमारे कॉलेज के बारे में कई छात्रों का कहना था की इस कॉलेज में कई भूतिया घटनाएं होती हैं परंतु कॉलेज मैनेजमेंट उन बातो को सबके सामने आने से पहले छुपा देते थे।
मेरे कुछ सीनियर का मानना था की उनके बैच के एक लड़के ने भूत के कारण सुसाइड कर लिया था।
हर कॉलेज में ऐसी कुछ कहानियां होती हैं। मुझे किसी की बातो पर विश्वास नहीं था। मेरा नजरिया सबसे बिल्कुल विपरीत था। मेरा मानना था की जब तक आप अपनी आंखो से खुद देख लो ना तब तक किसी अफवाह पर विश्वास मत किया करो।
मेरे साथ के लड़को ने भी कॉलेज के अंदर उनके साथ हुई अजीब घटनाओं के बारे में काफी बार बताया था, की उनके साथ जो घटना हुई थी उसके बारे में वो कोई व्याख्या भी नही कर सकते।
हमारा हॉस्टल ओर कॉलेज कैंपस दोनो साथ में में मिले हुए थे। रात में काफी छात्र कॉलेज की लाइब्रेरी में देर रात तक पढ़ाई किया करते थे।
Vo kya Bhoot tha??
हमारे बैच का ही अमित एक बार देर रात को कॉलेज की लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ाई कर रहा था। एग्जाम का समय था इसलिए देर रात तक पढ़ाई करना छात्रों के लिए आम बात थी। एक रात वह करीबन 3.30 के आस पास हॉस्टल के अंदर वापिस आया और अजीब सी हरकते कर रहा था।
जब हॉस्टल के बाकी लड़को को इस बारे में पता चला तो वो भी सब उसके रूम के उसे देखने आए की आखिर हुआ क्या?? एक्जाम के समय में पूरी रात होस्टल के अंदर लड़के जागे ही रहते हैं।#realhorrorstory
मुझे आज भी अच्छे से याद हैं अमित कुछ बडबडा रहा था परंतु कोई भी वो क्या कह रहा था, उसे सही से समझ नही पा रहा था।
उसका शरीर बुखार से तप रहा था और उसे कोई होश नहीं था की वो क्या कह रहा हैं ओर क्या नही?? उसकी मदद करने के लिए पास जाने वाले लड़को पर भी वह हमला कर रहा था और एक साथ करीब 4 लड़को को उसने पीछे धकेल दिया तो सभी को आश्चर्य हुआ। #indianhorrorstoried
एक दुबला पतला लड़का जिसे सब कॉलेज में कमजोरी कहा करते थे वो अचानक से जब 3 भरे हुए शरीर के लड़को को उठाकर फेंक दे तो सोचना लाजमी था।
सुबह जब वह एग्जाम देने भी नही गया तो कॉलेज के मैनेजमेंट ने हमसे पूछा उसके बारे में तो हमने बता दिया की रात में हॉस्टल में वो अजीब सी हरकते कर रहा था और उसको बुखार भी बहुत तेज था हो सकता हैं शायद इसलिए ही ही एक्जाम देने नही आया हो।
कॉलेज मैनेजमेंट ने हमारे हॉस्टल में डॉक्टर को भेजा और जब डॉक्टर ने उसे चेक किया तो उसे कोई प्राब्लम नही थी।
एसे ही अगले दो से तीन दिन तक अमित अजीब अजीब सी हरकते करता रहा। एक दिन हमारे साथ के ही एक लड़के ने उसे मंदिर से लाया हुआ प्रसाद किसी चीज में मिलाकर खिला दिया।
शाम तक अमित बिल्कुल सही था और आप यकीन नहीं मानेंगे उसे ये तक नहीं पता था की उसने अपनी एक्जाम भी मिस कर दी हैं।
उसे आज तक याद नहीं हैं की उन 3 से 4 दिन उसके साथ हुआ क्या था। उसने हमे सही होने के बाद बताया था की वह रात में लाइब्रेरी ने पढ़ाई कर रहा था और वहां चारो तरफ बहुत ज्यादा सन्नाटा था। में जब एक पुस्तक लेने लाइब्रेरी के दूसरी तरफ गया और अपनी पुस्तक रैक से निकल रहा था तभी मुझे वहीं पास से किसी की रोने की आवाज आई जैसे कोई सुबक सुबक रो रहा हो, मुझे लगा कि हमारे साथ का ही कोई बच्चा होगा जो हो सकता हैं की एक्जाम के प्रेशर के कारण रोने लग गया हो।
मेने जब पास जाके उससे बात करने की कोशिश की तो वो खिसककर दूर जाने लगा, में धीरे धीरे उसके पिछे पिछे गया और उसके कंधे पर हाथ रख कर उससे बात करने की कोशिश की तो उसने मुड़ कर पीछे देखा,
उसके पिछे मुड़े कर देखने से में बहुत ही ज्यादा डर गया था।
सामान्यतया हम जब पीछे पूरा घूम कर देखते हैं तो हमारा शरीर भी हमारे सर के साथ मूव होता हैं, परंतु उसके साथ ऐसा नहीं था।
उसकी केवल गर्दन घूमी पीछे की तरफ और उसकी लाल भयानक आंखो को देखकर में बहुत ज्यादा डर गया था। मेने आवाज लगाकर सहायता भी मांगी परंतु मुझे कोई सहायता नहीं मिली कहीं से भी, मेरे मुंह से आवाज निकल नही पा रही थी जबकि में जोर जोर से चिल्ला रहा था।
अमित के साथ हुई घटना को लगभग एक साल अब बीत चुका था और अमित की जिंदगी भी अब फिर से सामान्य हो गई थी।
ऐसी ही कई घटनाओं के बारे में हमें अक्सर साथ के लड़कों से सुनने को मिल जाता था। हमारे कॉलेज में कई बच्चों के साथ ऐसी भूतिया घटनाएं हो चुकी थी।
Who was she?? Lady Ghost??
हमारे कॉलेज के अंदर भगवान का एक मंदिर भी था, जिसके बारे में लड़कों का कहना था कि जब पहले भूतिया घटनाएं इस कॉलेज के अंदर ज्यादा होने लगी थी तो कॉलेज मैनेजमेंट ने यहां पर भगवान का मंदिर बना कर सामंजस्य बनाने की कोशिश की परंतु फिर भी कॉलेज के अंदर भुतिया घटनाओं का होना कभी बंद नहीं हुआ।
आज भी गाहे-बगाहे कई बार कुछ आत्माएं कॉलेज के विद्यार्थियों को दिख जाती थी और कई लोगो कि तो जिंदगी भी खराब कर देती थी। मैं अब कॉलेज के तीसरे साल में आ चुका था और अब कॉलेज रोजाना जाना मुझे अच्छा नहीं लगता था।
मैं कभी कभार कॉलेज में जाता था और केवल लैब अटेंड करके वापस आ जाता था। हमारे कॉलेज के अंदर वार्षिक उत्सव का प्रोग्राम पास में ही आ रहा था और उसकी तैयारियां कॉलेज में जोर शर से चल रही थी।
कॉलेज मैनेजमेंट ने अलग अलग टीम बनाकर वार्षिक उत्सव की तैयारियां करने के लिए छात्रों को जिम्मा सौंप दिया था। में भी ऐसी ही एक टीम का हिस्सा था, मैं कॉलेज की सजावट वाली एक टीम का हिस्सा था।
जिसका काम हमारे कॉलेज के मंदिर, कॉलेज केंपस, और हॉस्टल एवं आयोजन स्थल की सजावट करनी थी।
हम रात को देर तक वार्षिक उत्सव की तैयारियां करने में लगे रहते थे और कई बार तो हम पूरी रात ही इस काम में लगे रहते थे।
एक रात को जब मैं एक रूम के अंदर बने हुए वॉशरूम के अंदर हाथ धो रहा था, उसी समय पर मुझे किसी ने मेरे सरनेम से बाथरूम के बाहर उस फैकल्टी रूम से आवाज लगाई। जब मैंने जवाब दिया तो वहां से कोई आवाज नहीं आई। वॉशरूम से बाहर आकर जब मैंने जानने की कोशिश की कि मुझे आवाज किसने लगाई थी🤔🤔 तो उस रूम के अंदर कोई भी नहीं था।
मेरे साथ के सभी लड़के और मेरे दोस्त कॉलेज के ग्राउंड के अंदर इकट्ठा होकर बैठे थे और वही वार्षिक उत्सव की आगे की तैयारियों के बारे में विचार विमर्श कर रहे थे। मैंने जब उनसे जाकर यह बात बताई तो किसी ने भी इस बात पर हां नहीं की कि वह लोग रूम में थे और उन्होंने मुझे इस नाम से पुकारा हो।
मैं थोड़ा विचलित सा हो गया था। मुझे लगा हो सकता है शायद मेरे दोस्त मेरे साथ मजाक कर रहे हो।
रात को हुई घटना के बारे में सोचकर इतना तो मैं जानता था कि वह आवाज मेरे साथ के किसी भी लड़के की नहीं थी। वह कोई अनजान आवाज ही थी।
वार्षिक उत्सव बिल्कुल पास में आ चुका था और हम सब ने मिलकर तैयारियां भी पूरी कर ली थी।
कॉलेज के वार्षिक उत्सव से 1 दिन पहले की बात है। दोपहर के करीबन 1:00 बजे का समय था। मैं अपना दोपहर का खाना खाने के लिए कॉलेज कैंटीन में ही जा रहा था।
मैं जिस रास्ते से कॉलेज कैंटीन की तरफ जा रहा था उसी रास्ते में हमारी एक प्रयोगशाला भी थी।
जिसमें कॉलेज के लड़के प्रशिक्षण प्राप्त किया करते थे। जब में उस प्रयोगशाला के पास से गुजर रहा था तो मुझे किसी लड़की के बचाने बचाने की आवाज सुनाई दी।
जब अचानक से कोई आवाज आपको ऐसी सुनाई दे तो स्वाभाविक सा हैं की आपकी सोच भी सीधे इसी बात पर जायेगी की हो न हो किसी लड़की के साथ कुछ गलत हरकत हो रही हैं और मुझे भी पहली बार मैं सच में ऐसा लगा कि कोई उपद्रवी लड़के कॉलेज की किसी लड़की के साथ कुछ गलत हरकतें कर रहे हैं।
Kya Bhoot Kisi Ko mar sakte hain??
इस प्रयोगशाला के अंदर बंद करके किसी लड़की के साथ गलत हरकत ही रही हैं तभी वह बाहर जोर जोर से आवाज लगा रही है, बचाने को।
मैंने जब प्रयोगशाला के दरवाजे को खोलकर अंदर जाने की कोशिश की तो मेरा यह प्रयास असफल हो गया क्योंकि शायद दरवाजा अंदर से बंद था,🤔🤔 परंतु जब मेरा ध्यान नीचे दरवाजे पर लगे ताले की तरफ गया तो मैं अचंभित सा हो गया क्योंकि दरवाजे के ऊपर एक बहुत बड़ा लोहे का ताला लगा हुआ था। मेने फिर भी सोचा कि हो सकता है कि उन्ही उपद्रवी लड़कों के साथ के दोस्तों ने बाहर से ताला लगा दिया हो ताकि किसी को शक ना हो कि अंदर कुछ गलत काम हो रहा है।
मैंने जल्दी से फैकल्टी रूम में जाकर एक प्रोफेसर से इसके बारे में शिकायत की कि प्रयोगशाला के अंदर कुछ गलत काम हो रहा है और एक लड़की जोर-जोर से बचाओ बचाओ की आवाज लगा रही है, परंतु उन टीचर ने उस बात पर कुछ ज्यादा ध्यान नहीं दिया। मुझे आश्चर्य हुआ की यह क्या है??
परंतु फिर भी मैं दौड़ कर उस प्रयोगशाला के पास वापिस आया तो आवाज अब भी आ रही थी और अब आवाजे बहुत जोर जोर से आने लगी थी।
मेने परिस्थिति की भयावहता को देखते हुए कॉल करके अपने सभी दोस्तों को बुलाया और उनको साथ में ताला तोड़ने के लिए कोई औजार भी साथ लाने को कहा।
मेरे दोस्त दौड़कर उस प्रयोगशाला में जहां पर मैं खड़ा था वहीं आए और साथ में ताला तोड़ने के लिए हथौड़ी और सरिया भी ले कर आए।#horrorstories
हम सब ने मिलकर दरवाजा का ताला तोड़ा, ताला तोड़कर दरवाजा खोल के अंदर गए तो वहां का मंजर कुछ और ही था।
हम सब ने देखा की प्रयोगशाला में एक जलती हुई इंसानी आकृति उस पूरे प्रयोगशाला के अंदर एक दिशा से दूसरी दिशा के अंदर घूम रही थी।
हम सब यह देख कर डर से भयभीत हो गए कि आखिर यह माजरा क्या है🤔🤔
मुझे अब समझ में आया कि आखिर उन टीचर ने मेरी बात पर ध्यान क्यों नहीं दिया। #hauntedengineeringcollage
हम सब वहां से दौड़ कर बाहर निकले परंतु आज हम सब बहुत ज्यादा डरे हुए थे। उस दिन हम सारे दोस्त एक ही कमरे में बैठे रहे। कोई भी एक सेकेंड के लिए भी किसी को अकेला छोड़कर नहीं जा रहा था।
आज जो मैंने देखा उसे मैं कभी नहीं भूल सकता, क्योंकि वह आवाज में आज भी अच्छी तरह याद रख सकता हूं कि वह किसी लड़की की ही आवाज थी जो जोर-जोर से बचाओ बचाओ चिल्ला रही थी, परंतु प्रयोगशाला के अंदर उस जलती इंसानी आकृति के अलावा कुछ भी नहीं था।
वह इंसानी आकृति भी आखिर कहां गायब हो गई थी🤔🤔 अचानक से उसका गायब होना भी एक रहस्य ही है। जिसके बारे में आज तक हम लोग कभी पता नहीं लगा पाए।
अगले 3 से 4 दिन तक मेरे साथ के ज्यादातर लड़के बीमार रहे थे, और कॉलेज में नहीं गए।
Vo Jalti Huyi Chij Kya Thi??
मैं भी बहुत ज्यादा डरा हुआ था इसलिए मैं भी कॉलेज नहीं जा पा रहा था, फिर करीबन 10 दिन के बाद हम सभी मिलकर कॉलेज गए और हमने मैनेजमेंट से उस प्रयोगशाला वाली घटना का जिक्र किया।
कॉलेज मैनेजमेंट ने हमें उसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
हमारी जानने की इच्छाशक्ति और ज्यादा बढ़ गई थी। हम सब दोस्त मिलकर हमारे कॉलेज के ही कुछ पुराने विद्यार्थियों और आसपास के लोगों से उसके बारे में पता करने लगे कि आखिर ऐसी कोई घटना उस कॉलेज के अंदर पहले हुई थी क्या??🤔🤔
जिसके अंदर कोई जल कर मरा हो।
आसपास के लोगों से जो हमें पता चला वह बहुत ही ज्यादा विचारणीय था। कुछ लोगों का कहना था कि आज से करीब 14 साल पहले इस कॉलेज के अंदर एक छात्रा और एक प्रोफेसर की उसी प्रयोगशाला में जल कर मौत हो गई थी।
इस घटना को कॉलेज मैनेजमेंट ने एक दुर्घटना बता कर मामले को दबा दिया था।
उस लड़की के माता पिता का मानना था की उनकी बेटी पढ़ाई में बहुत अच्छी थी और बहुत संस्कारी भी, उसके साथ कुछ जरूर अप्रिय घटना हुई थीं, जिसके कारण उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
जब मैंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर ली और एक बड़ी कंपनी में मेरी नौकरी भी लग गई थी। मेरी कंपनी के सीनियर मैनेजर भी हमारी ही कॉलेज से पासआउट थे।
इस कारण से मेरी उनके साथ थोड़ा अच्छे से बनने लगी थी।
एक तरीके से दोस्ती का सा रिश्ता हो गया था समय के साथ हम दोनो में।
एक दिन बातो ही बातो मे उन्होंने मुझे बताया कि उनके बैच की एक लड़की कॉलेज के अंदर ही जल कर मर गई थी तो मैंने उनसे इस घटना के बारे में विस्तार से बताने का आग्रह किया जिस पर वो मुझसे पूछने लगे कि तुम्हारा इस घटना में इतना ज्यादा इंटरेस्ट क्यों हैं??
मेने उन्हें अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया कि मेने उस प्रयोगशाला के बाहर और अंदर क्या महसूस किया था।
उन्होंने मुझे बताया की उनके साथ की एक लड़की जो की एक गांव से ताल्लुक रखती थी और पढ़ाई में बहुत ज्यादा होशियार थी।
वह लड़की हर सेमेस्टर में टॉप कर रही थी। उस पर कॉलेज के कई लड़को की नजर थी परंतु वह बहुत संस्कारी लड़की थी। कॉलेज के ही एक प्रोफेसर जो की एक चरित्रहीन व्यक्ति थे उन्होंने कई बार उस लड़की को फंसाने की कोशिश की, परंतु वह उनके कभी हाथ नही आई और एक बार तो उसने सारे कॉलेज के सामने उसे प्रोफेसर को उससे बदतमीजी करने के कारण चांटा भी मार दिया था।
उस थप्पड़ वाले कांड के बाद वह टीचर उस लड़की से बहुत ज्यादा चिढ़ने लगा था। एक बार एक्जाम का समय था और वह दिन में लाइब्रेरी में पढ़ाई करने के लिए गई हुई थी।
लाइब्रेरी से वापिस लौटते समय उस टीचर ने उसे पकड़कर उस प्रयोगशाला में खींच लिया और उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की।
वह एक स्वाभिमानी और संस्कारी लड़की थी। उसने कॉलेज के टीचर के हवस का शिकार होने से अच्छा अपनी जिंदगी देना उचित समझा और एक लोहे को रोड से टीचर को मारने लगी।
इसी पकड़ा पकड़ी में प्रयोगशाला में रखे सिलिंडर टूटे गए और उन्होंने आग पकड़ ली, इस आग से वो लड़की और वो टीचर दोनो ही अपनी जान गंवा बैठे। #realhorrorstories
पूरा कॉलेज जानता था की उस लड़की के साथ जबरदस्ती करने के कारण ये घटना हुई हैं ,परंतु कॉलेज मैनेजमेंट ने इस घटना को एक दुर्घटना मात्र बताकर केस को बंद करवा दिया था।
कॉलेज की बदनामी न हो इसलिए एक बच्ची के साथ हुई दुर्दांत घटना को भी दबा दिया गया।
ऐसी ही और सच्ची घटनाओं के बारे में जानने के लिए हमसे लगातार जुड़े रहे।