सच्ची भूतिया घटनाओं की अगली कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं एक ओर नई रोमांचक और डर से भरपूर कहानी, आज की कहानी नागालैंड के जंगलों की हैं, जिनके साथ ये घटना हुई आगे की कहानी उन्ही की जबानी जानते हैं।
Horror stories in hindi
नमस्कार, मेरा नाम हैं रचित और में दिल्ली का रहने वाला हूं। अपनी स्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद में मेने दिल्ली के ही एक नामी कॉलेज में एडमिशन ले लिया और अपनी आगे की पढ़ाई करने लगा।
मेरा परिवार दिल्ली का ही रहने वाला हैं। में अपनी बाइक से कॉलेज जाता था। मुझे बाइक चलाने का बहुत शौक था इसलिए कॉलेज में आते ही मेने एक बुलेट बाइक ले ली और दूर दूर की बाइक ट्रिप करने लगा।
मेने अपनी बाइक से लद्दाख, कश्मीर और दक्षिण में कन्याकुमारी तक ट्रेवल किया हैं। मेरे कॉलेज के कुछ दोस्त और मेने एक मिलकर ग्रुप बना लिया था जिसमें सभी biker ही थे। कई बार कुछ ऐसी घटनाए हो जाती हैं जो हमे जिंदगी भर याद रहती हैं। एसे छोटी मोटी भूतिया घटनाएं तो हम जब बाइक से ट्रैवल करते हैं तो होती रहती हैं। जिन पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हम लोग, परंतु एक बार हमारे साथ एक ऐसी घटना हुई जिसे आज तक हम सब भुलाए नहीं भूलते।
हमारी final exam पास में ही थी, और हम सब उसकी prepration में लगे हुए थे। एक दिन exam के बाद में और मेरे दोस्त कॉलेज कैंटीन में ही बैठकर बाते कर रहे थे। हम सब मस्ती कर रहे थे। एक दोस्त ने अचानक बात छेड़ दी की exam के बाद आने वाली छुट्टियों में सबका क्या करने का प्रोग्राम हैं?? कहीं घूमने जा रहे हो या घर पर ही पूरी छुट्टियां बिताने वाले हो??.
Horror stories in Hindi real story
उस दिन तो सब ने नॉर्मली उस बात को टाल दिया परंतु हमारी फाइनल एक्जाम के एक दिन पहले हम सब जब फिर से साथ में बैठे थे तो प्लान बना की इस बार bike ride पर नागालैंड की खूबसूरत वादियों में घूम कर आते हैं।
एक दो दिन सोच विचार कर के हमारे ग्रुप में से 5 member ने ट्रिप पर जाने के लिए हां कर दी।
Exam खत्म होने के बाद में अपने ग्रुप के साथ जाने की तैयारी करने लगा, निश्चित दिन पर में अपने घर से सुबह जल्दी उठकर दोस्तो के पास जाने के लिए निकला।
हमारे bike group के अड्डे पर हम सब मिले और trip पर खूब सारी मस्ती करने का प्लान बना लिया। हम सब ने रास्ते का सारा सामान रख लिया था। इस बार हम जंगल में रात में टैंट लगा कर रहने वाले थे। हमने 🏕️ camping का सारा सामान bikes पर अपने साथ ले लिया था। हम पांच दोस्त ट्रिप पर साथ जा रहे थे, में अनुज, रविंद्र, सुजॉय, और अंकित,
दिल्ली से हम सुबह 9 बजे हमारी आगे की ट्रिप के लिए निकल पड़े। रास्ते में हम आराम से मजे करते हुए अपने बाइक ट्रिप पर आगे बढ़ते हुए जा रहे थे। नागालैंड के रास्ते में आने वाले कई राज्यों से हम गुजरे और वहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया, 2 दिन बाद हम आखिरकार नागालैंड की सुंदर जगह पर पहुंच गए।
Horror stories forest
हमने एक होटल पहले से बुक कर रखा था। जिसमें मैं और मेरे दोस्त रुक गए, सफर के कारण हम बहुत ज्यादा थक चुके थे, इसलिए जिस दिन हम नागालैंड पहुंचे थे उस दिन हम लोग थक कर आराम करने लगे और खाना खाकर सो गए।
दूसरे दिन सुबह जब सभी तरोताजा होकर उठे तो हमने आज आगे के प्लान के बारे में सोच विचार करते हुए सभी ने साथ बैठकर नाश्ता किया और आगे के सफर की तैयारी करने लगे। हमने अपनी अपनी Bike ली और पांचों दोस्त हमारी बाइक से नागालैंड के जंगलों की सुंदरता को देखने के लिए निकल पड़े।
एक बात तो कहनी पड़ेगी भारत के अंदर ऐसी ऐसी सुंदर जगह है, जिन्हें हम अगर पूरी जिंदगी भी निहारते रहे तो भी आंखें नहीं थकेंगी, नागालैंड भी ऐसी ही सुंदर जगहों में से एक थी। Nagaland के जंगलों की खूबसूरती ने हमारा मन मोह लिया था। जंगल से आने वाली खुशबू हमारी नाक से होकर सीधे हमारे दिल पर असर कर रही थी।
हमने हमारी Bike’s को जंगल के बाहर ही एक गांव में किसी के घर में खड़ी कर दी और उन्हें इसके लिए कुछ आर्थिक सहायता भी दी।
उस गांव के लोकल लोगों ने हमें वहां का लोकल खाना खिलाया जो खाने में बहुत ही स्वादिष्ट था। नागालैंड के लोगों का अतिथियों के प्रति जो सत्कार का भाव था, उसे देखकर हमारा मन मंत्रमुग्ध हो गया।
मैं और मेरे दोस्त अब जंगल के आगे के सफर के लिए पैदल ही निकल पड़े। हम पांचों ने अपना सारा सामान अपने साथ ले लिया था। हम आगे के सफर के लिए निकल पड़े। खूबसूरत नदियो, झरना और पहाड़ियों से होते हुए हम एक सपाट मैदान पर पहुंच गए। जंगल में पूरे दिन चलते चलते हम बहुत ज्यादा थक चुके थे। इसलिए हमने आज रात वहीं पर रुकने का प्लान बनाया
Horror stories hindi me
मैंने और मेरे दोस्तों ने मिलकर हमारे Camping Tant को वहां पर लगाया और उसके अंदर अपना सामान सेट किया। अपने टेंट के बाहर शाम को अंधेरा होते ही हमने आग जला ली थी, जिससे जंगली जानवरों के हमारे पास आने का खतरा नहीं हो और हमें सर्दी भी नहीं लगे, अगर जंगल में हो तो जंगली जानवरों का खतरा तो बना ही रहता है।
हमें भी अंधेरा होते ही जंगली जानवरों की आवाजें बहुत पास से सुनाई दे रही थी ऐसे लग रहा था जैसे वह हमसे 200 से 300 मीटर की दूरी पर ही थे। सीयारों के रोने की आवाज लगातार जंगल से आ रही थी।
हमने हमारा खाना जो हम साथ में लेकर आए थे, वहीं पर ही आग में खाना पकाया और सब ने साथ में खाना खाया। अब जब कॉलेज के जवान लड़के सब साथ में थे तो ड्रिंक करने का प्रोग्राम तो बन ही जाता है।
हमारा भी कुछ ऐसा ही हाल था हम अपने साथ जो शराब की बोतल भी लेकर आए थे जो सर्दी के अंदर हमारा रामबाण इलाज था। जंगल के अंदर रात के साथ-साथ सर्दी भी बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही थी और ठंड ने हमारा जीना हराम कर दिया था।
ठंड से हमारे हाथ पैर कांपने लगे थे। हम पांचों दोस्त टेंट के अंदर बैठकर शराब पीने लगे। शराब पार्टी के अंदर बातें करते-करते कब 2 से 3 घंटे बीत गए पता भी नहीं चला। शराब अभी खत्म नहीं हुई थी, अभी भी शराब बाकी थी और मौसम भी बहुत ज्यादा ठंडा हो रखा था।
Short horror stories indian
हम सब आपस में ऐसे ही बातें कर रहे थे तभी किसी एक दोस्त ने भूतों की बातें छेड़ दी, सब अपने साथ हुई कुछ घटनाएं बताने लगे कि, किसी के साथ कैसे भूतिया घटनाएं हुई थी। हम जंगल के बीचो बीच रात में हम पांचों अकेले और साथ में भूतों की बातें मन तो थोड़ा डर ही जाता है।
ऐसा ही कुछ हमारे साथ हो रहा था हम बातें तो भूतों की बहुत जोर शोर से कर रहे थे परंतु साथ में डर भी रहे थे, क्योंकि जंगल में कब क्या हो जाए किसी को कुछ नही पता, अब ईसे हमारे मन का वहम मान लो या कुछ और परंतु शराब पीते पीते हमें कुछ अनजान आवाज सुनाई दी, जैसे कोई चिल्ला रहा हो, हो सकता है कि कोई सियार चिल्ला रहे हो परंतु यह सियारों की आवाज नहीं थी, जबकि किसी औरत के जोर जोर से चिल्लाने की आवाज थी।
जब मेरे दोस्तों ने भी आवाज सुनी तो सब यही सोचने लगे कि इस सुनसान जंगल में इतनी रात को एक औरत क्या कर रही है, परंतु हम सब जैसा कि आप जानते हैं नशे में थे इसलिए हमने उस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और शराब पूरी होते ही हम गहरी नींद में सो गए।
रात को अचानक से जब मेरी आंख खुली तो मुझे ऐसे लगा कि कोई हमारे टेंट के बाहर खड़ा है, और हमें हमारे नाम से आवाज लगा रहा है। हमारे नाम से हमें यहां कौन जाने वाला होगा🤔🤔 horror story short
जो इतनी रात को इस सुनसान जंगल में हमें हमारे नाम से पुकार रहा है और यह आवाज बिल्कुल हमारे Tant के just पास से आ रही थी, जिससे थोड़ा डर तो लग रहा था।
मैंने अपने एक दोस्त को उठाया अंकित, अंकित कितनी भी शराब पी ले परंतु उसे इतना नशा नहीं होता था जितना बाकी लोगों को हो जाता था।
इसलिए मैंने अंकित को नींद से जगाया और उसे बताया कि कोई हमें हमारे नाम से बाहर से पुकार रहा है, अंकित ने मुझे गाली दी और कहा कि तू क्या पागल हो गया है यार, यहां हमें हमारे नाम से कौन जानता है। Short horror story
मैंने भी फिर यही सोचा कि शायद यह मेरा वहम होगा, शराब पीने के कारण नशे में मेरे दिमाग में ऐसे ही आवाज सुनाई दे रही हो और मैं फिर से चद्दर ओढ़ कर सो गया।
दूसरे दिन सुबह हम जब सो कर उठे तो जंगल का माहौल एकदम बदला हुआ था। जंगली जानवरों की आवाज अब नहीं आ रही थी और जंगल थोड़ा सा अच्छा लग रहा था।
हम हमारे tant के पास में ही एक नदी जा रही थी उसके ऊपर गए।
वहां पर आसपास में अपने नित्य कर्म से निवृत्त हुए और नहा धोकर वापस आकर अपने टेंट में बैठ गए। हमने अपना खाना वहीं पर बनाया और खाना खाकर अपना सामान और टेंट पैक करके आगे के सफर के लिए निकल पड़े।
Horror stories to read online
हमारा विचार था कि हम 3 दिन तक जंगल में रुकेंगे और टेंट लगाकर आराम से जंगल की खूबसूरती का आनंद लेंगे। अगले दिन हम जंगल में और अंदर चले गए यहां पर हमें कुछ आदिवासी लोग भी मिले, जिन्होंने हमें जंगल में आगे जाने के लिए मना किया क्योंकि वहां पर खतरा ज्यादा था। उन लोगों ने हमें बताया कि वहां पर कुछ अजीब अजीब सी घटनाएं होती हैं उनके कबीले के कई लोग उस क्षेत्र से अचानक से गायब हो गए थे, और उनका आज तक पता नहीं लगा कि वह लोग कहां गए, जवान खून होने के कारण और जोश से भरपूर होने के कारण हमने उनकी नहीं सुनी और हम आगे के सफर के लिए निकल पड़े।
आदिवासी कबीले वालों की बातों पर ध्यान ना देना हमारी सबसे बड़ी गलती थी। हमें नहीं पता था कि जंगल कई बार इतना भयानक भी हो जाता है। हमने अगली रात जंगल के अंदर ही एक जगह पर रुक कर बिताने का सोचा।
हमने जब एक जगह थोड़ी साफ सुथरी सी देखी तो वहां पर अपना टेंट लगाया और आसपास की जगह को थोड़ा साफ करके अपने लिए रात को आग जलाने का प्रबंध करके टेंट के अंदर जाकर बैठ गए।
थोड़ी देर में हमने चाय बनाकर पी और आसपास के क्षेत्र के अंदर घूमने लगे। यह शाम का ही समय था जहां पर हम घूम रहे थे। हमें बाहर मस्ती करते हुए काफी समय हो चुका था और अंधेरा भी अब गहराने लगा था, फिर हम सब ने मिलकर tant के बाहर जल रही आग में अपना खाना पकाया और खाना खाकर वापस camping tant के अंदर आ गए।
जैसे जैसे रात का अंधेरा बढ़ता जा रहा था वैसे वैसे जंगल के अंदर जंगली जानवरों की आवाजें तेज होती जा रही थी, थोड़ा सा अजीब सा माहौल अब जंगल में बन चुका था, क्योंकि जंगली जानवरों की आवाज के साथ साथ किसी औरत के भी बार-बार चिल्लाने की आवाज आ रही थी।
हम सब इस असमंजस की स्थिति में थे की आखिरी जंगल के अंदर रात के अंदर यह औरत कौन है, जो जोर जोर से चिल्ला रही है।
मैंने और मेरे दोस्तों ने सोचा कि शायद कोई जंगल में घूमने आए हो और मुसीबत में फंस गए हो, इसलिए हमने जिस जगह से वह आवाज आ रही थी उस तरफ जाने का निर्णय किया और उस औरत की सहायता करने का निर्णय लिया। हम सब ने अपने हाथों में थोड़ा सामान लिया और लाठी वगैरह लेकर उस आवाज की दिशा में निकल पड़े।
जंगली जानवरों का खतरा कुछ ज्यादा ही बढ़ चुका था परंतु किसी अनजान जंगल में फंसी हुई औरत की सहायता करना भी हमारा काम था, हमें सहायता करनी चाहिए थी यह हमारे संस्कारों में था, इसलिए हम उस चिल्लाने की आवाज की तरफ निकल पड़े।
हमारे tant से करीबन 500 से 1000 मीटर की दूरी पर जाने के बाद हमने देखा कि एक औरत एक पेड़ के नीचे बैठी रो रही है और जोर से चिल्ला रही थी
हमने जब उसके पास जाने की कोशिश की उसका भयानक चेहरा देखकर हम डर गए उसका चेहरा कुछ जला हुआ था और उसके चेहरे और हाथों से खून टपक रहा था।
यह औरत कोई सामान्य औरत तो हो नहीं सकती थी जो इतनी रात में जंगल में बैठी हुई थी। हमने उससे बात करने की कोशिश की परंतु वह जोर से चिल्लाई, जिससे हम बहुत ज्यादा डर गए।
Horror stories of nagaland forest
इस बार वह भयानक औरत चिल्लाने के साथ-साथ हमारे पीछे पीछे दौड़ने लगी। हम सब वहां से भागकर जल्दी से अपने टेंट में आए और अंदर से बंद करके सारे बैठ गए।
मेरे दोस्त ने बताया कि जब हम सब दौड़ रहे थे तो उस औरत ने पीछे से उसके हाथ मारा था और जहां पर उसने हाथ मारा था वहां पर बहुत ज्यादा जलन हो रही थी।
उसने अपने कपड़े उतार कर अपनी पीठ पर बने उस निशान को दिखाया तो हम देख कर चौक गए क्योंकि जहां पर उस औरत ने हाथ मारा था, वह जगह जल चुकी थी।
वहां पर जलने का निशान था और मेरे दोस्त को बहुत ही ज्यादा दर्द हो रहा था। हमने हमारे साथ लाएं first aid kit में से उसे कोई दवाई लगाकर और एक पेन किलर देकर सुला दिया।
रात का अंधेरा बहुत ज्यादा बढ़ चुका था और उस औरत की आवाज भी अब हमारे आसपास से आ रही थी कई बार तो हमने महसूस किया कि हमारे टेंट को पीछे से जोर जोर से धक्का दे रही थी, हो सकता है कि शायद वह कुछ हमारा नुकसान करना चाहती हो।
हम सब बहुत ज्यादा डर चुके थे और जैसे ही रात का अंधेरा छठा और सुबह की पहली रोशनी जंगल के अंदर पड़ी। हम सब ने भागकर अपना सामान पैक किया और वहां से जंगल के बाहर निकल पड़े।
जिस दोस्त के पीठ पर उसने हाथ मारा था उसकी जरा भी हिम्मत नहीं थी कि वह चल सके उसका शरीर बहुत ज्यादा कमजोर हो गया था। हम उसे पकड़ कर जंगल से बाहर निकले और जहां पर हमने अपनी bike’s को जिस गांव में खड़ा किया था, उस गांव में गए और वहां पर लोगों को हमारे साथ जो जंगल में हुआ उसके बारे में बताया।
वह लोग भी बहुत ज्यादा डर गए थे और उन्होंने हमसे कहा कि आप लोग यहां से निकल जाओ नहीं तो आप में से किसी की मौत निश्चित है, क्योंकि वह कोई सामान्य औरत नहीं थी वह एक डाकिनी थी जो अक्सर लोगों की जान लेती है और यह जंगल उसका क्षेत्र है
उसके क्षेत्र में जो भी शिकार उसको मिलता है वह उसको मारे बिना नहीं छोड़ती है। हम सब बहुत ज्यादा डर गए थे। सबसे पहले हमने पास ही के शहर में जाकर अपने दोस्त को एक हॉस्पिटल में भर्ती करवाया और इसका उसका इलाज शुरू करवाया।
डॉक्टर ने जब उसको चेक किया, तब डॉक्टर ने हमें बताया कि यह किसी धातु से जलाने का निशान है, और इसके शरीर में बहुत ज्यादा जहर फैल चुका है, हमने दवाई दी है परंतु दवाई कब तक असर करेगी इसके बारे में हम कुछ कह नहीं सकते, इसलिए इसे किसी बड़े हॉस्पिटल में भर्ती करना ही सही रहेगा।
Horror stories for kids
वहां से हमने अपने दोस्त को एंबुलेंस से पास ही के एक बड़े हॉस्पिटल में भेज दिया और वहां पर उसका इलाज शुरू करवा दिया।
हमने अपने घर पर फोन करके बता दिया कि हमारे साथ कुछ ऐसी घटना हुई है कि हमारा एक दोस्त का बुरा हाल है और उसका इलाज एक अस्पताल में चल रहा है।
उसके परिवार वाले भी अब वहां पर आने के लिए घर से निकल चुके थे शाम तक उसके घर वाले जब अस्पताल में आ गए तब उन्होंने हमसे सारी बात जानी और अपने पंडित जी से संपर्क किया।
उन्होंने अपने पंडित जी को दिल्ली से बुलवाया और उस लड़के का इलाज अस्पताल में शुरू करने लगे क्योंकि कई बार दवा से ज्यादा दुआ असर करती है। मेरे दोस्त के शरीर में जरा भी ताकत नहीं बची थी उसे डॉक्टर ने खून भी चढ़ा दिया था परंतु फिर भी उसके शरीर में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह अपने हाथ पैर move कर सके।
पंडित जी ने आकर कुछ पूजा अर्चना की और उसे कुछ अभिमंत्रित जल पिलाया, जिसके बाद उसकी तबीयत में कुछ सुधार हुआ।
पंडित जी ने हमें बताया कि जंगलों के अंदर ऐसे होता रहता है। आप लोग बहुत भाग्यशाली थे जो उसके चंगुल से बच गए, नहीं तो आप में से कोई भी जिंदा वापस नहीं आ सकता था।
2 दिन बाद हमारा दोस्त भी अस्पताल से फ्री हो चुका था, और हम सब दिल्ली वापस लौट चूके थे। इस घटना को करीबन 2 महीने से ज्यादा का समय हो चुका था, परंतु हमारे मन से उस जंगल का खौफ अभी तक नहीं निकला था।
आज भी कई बार रात को सपने में हमें उस औरत का भयानक चेहरा दिखाई दे जाता था।
एक दिन शाम का समय था। मैं और मेरे दोस्त चाय पीने के लिए कहीं बाहर गए हुए थे और वापस आते समय हमें थोड़ा लेट हो चुका था। सूर्यास्त होने वाला था इतने में हम क्या देखते हैं कि वह औरत जो जंगल में थी, वह हमारे पीछे पीछे दौड़ रही है।
हम सब ने वहां से भागने में ही अपनी भलाई समझी और घर जाकर पंडित जी को सारी बात बताई कि वह औरत हमें फिर से दिल्ली में दिखाई दे रही है।
Ghost story of kids
पंडित जी ने हमें कुछ ताबीज बनाकर दिए और हमें पूजा पाठ करने के लिए कुछ मंत्र बताएं। हमने जब से पूजा पाठ शुरू की तब से उस औरत का हमारे सपने में आना और हमें दिखाई देना बंद हो गया।
उस घटना को अब काफी समय बीत चुका है परंतु फिर भी आज भी हमें उस घटना के बारे में कुछ याद आता है तो हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ऐसी दर्दनाक घटना किसी के साथ भी नहीं हो हम तो यही चाहते हैं। मैंने जबसे हनुमान चालीसा का पाठ रोज करना शुरू कर दिया और आज तक मुझे किसी भी भूतिया घटनाओं का दोबारा एहसास नहीं हुआ।
इस दुनिया में हर तरह कि शक्तियां रहती हैं चाहे उनका आयाम दूसरा हो परंतु कभी कभी समय चक्र ऐसा बन जाता हैं की वह हमारे सामने आ ही जाती हैं।
ऐसी ही और भूतिया और रोमांचक घटनाओं के लिए हमारे Facebook page को फॉलो करे।
जय बजरंग बली🙏🙏