मेरा नाम राहिल है और मैं मध्य प्रदेश के एक शहर इंदौर में रहता हूं। जो कि वर्तमान में भारत का सबसे साफ सुथरा शहर है।
इस शहर की बात ही अलग है यहां की आबोहवा मुझे हमेशा ही अपने आप से बांध के रखती थी। मैंने अपने बचपन से लेकर जिंदगी के 18 साल इसी शहर के अंदर बिताए हैं।
कुछ साल पहले जब मैंने 12वीं पास कर ली थी, उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए मैंने एक इंजीनियरिंग कॉलेज में दिल्ली में एडमिशन ले लिया था और मैं दिल्ली में रहकर ही अपनी आगे की पढ़ाई पूरी कर रहा था।
Ghost of a lady on Highway 🛣️
जब भी कॉलेज से छुट्टियां मिलती तो मैं अपने घर जाकर आ जाता था। कॉलेज के 3 साल बहुत आराम से गुजरे। ऐसे पता भी नहीं लगा कि जिंदगी के 3 साल कहां गुजर गए।
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दोस्तों के साथ वह मस्तियां करते हुए, कॉलेज के अंदर लेक्चर अटेंड करने में, कॉलेज के अंदर लेक्चर बंक करने में एक अलग ही मजा था, जो अब केवल यादें ही बनकर रह गई है।
आज जो कहानी आपको बताने वाला हूं, यह मेरे साथ उस समय घटी थी। जब मैं कॉलेज के तीन साल पूरे कर चुका था और अंतिम वर्ष था। 7 वे सेमेस्टर की परीक्षा पूरी होने के बाद में छुट्टियों में अपने घर आ गया था। 8th सेमेस्टर से पहले अपने घर से वापस दिल्ली अपने कॉलेज लौट रहा था।
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कॉलेज के तीसरे साल तक आते-आते मैंने कुछ ऑनलाइन पैसे कमाना भी शुरू कर दिया था। जिससे मेरी कमाई ठीक-ठाक होने लगी थी।
मैं अपनी पढ़ाई के साथ-साथ कुछ काम भी करता था जिससे मेरा जेब खर्च और इतना पैसा कमा लेता था कि मेरे परिवार वालों को भी कुछ पैसे भेज सकूं।
इन्हीं पैसों को बचाकर मैंने एक सेकंड हैंड गाड़ी खरीद ली थी। जिससे मैं अब घर से आना-जाना करता था।
सेमेस्टर के शुरू होने से पहले मैं करीबन 20 दिन तक घर पर ही था और जैसे-जैसे कॉलेज के आखिरी सेमेस्टर के शुरू होने के दिन नजदीक आते जा रहे थे, मेरी दिल की धड़कन अचानक से तेज होने लगती थी। #horrorstories
कॉलेज और इंजीनियरिंग की पढ़ाई से या जिंदगी से इतना एक लगाव सा हो गया था जिसे शब्दों में बयां कर पाना जरा भी मुमकिन नहीं है।
मैं कॉलेज के शुरू होने के 2 दिन पहले घर से कॉलेज जाने की तैयारी करने लगा।
सुबह जल्दी उठकर मैंने अपना सामान पैक किया और गाड़ी में रख कर मम्मी पापा और परिवार के बाकी सदस्यों से मिलकर दिल्ली के लिए निकल पड़ा।
आज का दिन मुझे बहुत भारी भारी सा लग रहा था इसीलिए मैंने इंदौर से निकलने से पहले अपने एक दोस्त को कॉल किया जो मेरे बचपन का दोस्त था और हमने एक से लेकर 12th तक की पढ़ाई एक साथ ही की थी।
मेरे फोन करने के बाद वह मेरे से मिलने आ गया और हमने आज कहीं बाहर ही घूमने का प्लान बनाया और मैंने अपना कॉलेज जाने का प्रोग्राम 1 दिन आगे बढ़ा दिया।
Kya Bhoot Hote Hain??
मेरे बचपन दोस्त के साथ पूरे दिन इंदौर के अंदर हमने खूब मजे किए शाम को डिनर का टाइम हो चुका था।
मेरे और मेरे दोस्त ने दिल्ली साथ में ही चलने का प्लान बनाया। मेरा दोस्त भी दिल्ली के ही दूसरे कॉलेज में पढ़ाई करता था परंतु मेरे से थोड़ा दूर रहा करता था, जिसके करने हमारी इतनी मुलाकाते दिल्ली में नहीं हो पाती थी।
आज जब हम मिले तो हमने उसी रात को एक साथ दिल्ली निकलने का प्रोग्राम बनाया,ताकि थोड़ा समय साथ में आराम से गुजार सके और बचपन की यादों को फिर से जी सके।
मेरा दोस्त भी अब अपने घर से रात को अपना सामान लेकर अपने घर से आ गया और हम दोनों दोस्त मेरी गाड़ी में बैठ कर दिल्ली के लिए निकल पड़े।
इंदौर से निकले हुए हमें करीबन 3 घंटे हो चुके थे। गाड़ी में चलते हुए चाय पीने की आदत हैं मुझे और में कई बार चाय पीता हूं रास्ते में। रात बहुत गहरा चुकी थी और हमे भूख भी लगने लगी थी। मेने और मेरे दोस्त ने हाईवे पर ही किसी होटल में खाना खाने का मन बनाया और आगे जो भी होटल आएगा उस पर रुक कर खाना खाने का मन बनाया।
Car Accident on Highway
हाईवे पर रात को खाना खाने के लिए जिस होटल के अंदर हम रुके थे उसी होटल में हमारे आगे आगे एक एसयूवी कार और थी जिसके अंदर एक पूरा परिवार था।
इस परिवार मे कुल 5 सदस्य थे और सभी बहुत हंसमुख थे। उनके साथ एक छोटी सी बच्ची थी जो हमें देख कर मुस्कुरा रही थी। मुझे छोटे बच्चो से कुछ ज्यादा ही लगाव हैं, दिल्ली में मेरे पड़ोस में रहने वाले परिवार में भी एक छोटा बच्चा हैं जिसके साथ में खेलता रहता हूं और मुझे अच्छा लगता हैं छोटे बच्चो के साथ समय बिताकर।
हम भी उस बच्ची के साथ खेलने लगे। उस बच्ची के साथ थोड़ी देर खेलने के बाद हम होटल के अंदर गए और खाना ऑर्डर कर दिया।
मेने और मेरे दोस्त ने खाना खा लिया और खाना खाते ही मुझे चाय पीने की तरह जाग उठी। हम दोनों चाय लेकर चाय पीने के लिए होटल के बाहर की तरफ आकर खड़े हो गए थे।
हमने चाय पीनी शुरु की ही थी की मेरे दोस्त ने एक एक सिगरेट जला ली। रात के अंदर सफर करने में मुझे बहुत मजा आता था परंतु आज पता नहीं क्यों मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा था और थोड़ी घबराहट भी हो रही थी।
मुझे नहीं पता था कि आज मैं एक ऐसी घटना से रूबरू होऊंगा जिसके ऊपर में कभी विश्वास भी नहीं कर सकता और ना ही कभी उसे भूल पाऊंगा।
हम जब चाय और सिगरेट पी रहे थे, वह परिवार वापिस अपनी गाड़ी की तरफ आ रहा था।
Lady Ghost 👻 in Car
वे लोग भी अपना खाना पीना खत्म करके वापस आकर के आगे के सफर की तैयारी करने लगे थे। पांचों के पांचो गाड़ी के अंदर बैठ चुके थे उस परिवार के अंदर एक बुड्ढी मां उसका बेटा और बहू और पोता और पोते की बहू थी जिनके साथ एक छोटा बच्चा था।
वे लोग अपनी गाड़ी में बैठ कर आगे के सफर के लिए निकल पड़े। हम दोनो का चाय सुट्टा भी अब खत्म हो चुका था l।
हम भी अब निकलने की तैयारी करने लगे हमने होटल का बिल दिया और हमारी गाड़ी में बैठ कर आगे के लिए निकल गए।
गाड़ी अब मेरा दोस्त चला रहा था और वह थोड़ी तेज ही गाड़ी चलाता है। वह परिवार हमसे आगे निकल चुका था। मैंने अपने दोस्त से गाड़ी थोड़ा धीरे चलाने के लिए भी कहा परंतु उसका तरीका ही वैसा है, गाड़ी चलाने का।
थोड़ी देर में ही हम उस परिवार वाली गाड़ी के पीछे ही आ गए थे क्योंकि वह लोग हाईवे पर थोड़ा आराम से चल रहे थे।
हम उनके पीछे पीछे समान गति से चल रहे थे और थोड़ी देर बाद मैं क्या देखता हूं कि वह गाड़ी हाईवे पर अचानक से रुकी इसलिए हमने भी अपनी गाड़ी थोड़ा धीरे कर दी थी उनकी पार्किंग लाइट देख कर ताकि किसी दुर्घटना से बचा जा सके।
Who was she on Highway 🛣️ in night??
मेने देखा की उन्होंने गाड़ी को हाईवे के एक तरफ खड़ा किया हुआ हैं और गाड़ी के बाहर खड़ी एक औरत से बातें कर रहे थे। इतनी रात में शायद एक अकेली औरत को रास्ते में देखकर घर में औरतों ने गाड़ी रोकने के लिए कह दिया होगा। उस औरत को आगे आना होगा और कोई साधन मिल नहीं रहा होगा। उस परिवार के अंदर समझदार व्यक्ति थे इसलिए उन्होंने सोचा कि इतनी रात को किसी अकेली औरत को ऐसे सुनसान हाईवे के ऊपर अकेले छोड़ना नैतिकता नहीं है।
इसलिए उन्होंने उसे अपनी कार में बैठा लिया। हम उन से अब थोड़ा आगे आ चुके थे और अब गाड़ी मैं चला रहा था। वे लोग हमारे पीछे पीछे ही थे। मैं गाड़ी थोड़ा आराम से ही चलाता हूं इसलिए वे लोग हम से थोड़ा सा आगे निकल गए।
अब हमारी गाड़ी उनके पीछे पीछे चल रही थी। हाईवे के ऊपर गाड़ियों का आना जाना पूरी रात लगा रहता है और आज भी यह हाईवे पूरा भरा हुआ था।
गाड़ियां फर्राटेदार स्पीड में निकल रही थी थोड़ी देर बाद में क्या देखता हूं कि जो गाड़ी हमारे आगे चल रही थी जिसमें वह परिवार था उसका बैलेंस थोड़ा सा बिगड़ गया था और वह हाईवे पर इधर-उधर लुढ़क रही थी और देखने से ऐसा लग रहा था की गाड़ी का ड्राइवर शायद गाड़ी से अपना नियंत्रण खो चुका हैं और गाड़ी की गति भी बहुत तेज हो गई थी।
थोड़ी देर में ही वह गाड़ी अपने आगे चल रहे एक बड़े से ट्रक के पीछे जाकर घुस गई और वहां से चीख-पुकार की आवाज आने लग गई।
हम उनसे जस्ट पीछे थे तो हमने हमारी गाड़ी रोकी और उनकी मदद करने का सोचा।
Car Accident On Highway in Night 🌃
ट्रक का ड्राइवर और खलासी भी धमाके की आवाज सुनकर बाहर निकल कर आ चुके थे। वह लोग भी हमारे साथ उनकी मदद करने के लिए लग गए, परंतु वह गाड़ी ट्रक के अंदर पीछे इस तरीके से घुसी हुई थी कि उसे अलग करके उन लोगों को बाहर निकालना बहुत मुश्किल सा हो रहा था।
मैंने तुरंत पुलिस को कॉल कर दिया था और एंबुलेंस को भी, पुलिस और एंबुलेंस की गाड़ियां वहां पहुंचने ही वाली थी, परंतु हम उनके आने तक का इंतजार नहीं कर सकते थे।
गाड़ि से घायलों को निकालना बहुत जरूरी था।
मैंने और मेरे दोस्त और वहां पर बाकी रुके हुए लोगों ने जैसे तैसे करके दो लोगों को गाड़ी से बाहर निकाला और तब तक एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ी भी आ चुकी थी।
हम लोगों ने एंबुलेंस के अंदर उन दोनों लोगों को बैठाकर हॉस्पिटल के लिए भेज दिया और पुलिस भी अब आकर हमारी सहायता कर रही थी और बाकी लोगों को कार के अंदर से निकालने का प्रयत्न कर रही थी।
उस परिवार के अंदर सब लोग घायल हो चुके थे बहुत बुरी तरीके से, परंतु एक बात बहुत ही ज्यादा सोचने वाली थी कि उस कार के अंदर मेरे सामने ही 6 लोग बैठे हुए थे जिनमें से 1 वह औरत भी थी जो हाईवे पर उनको मिली थी परंतु जब हम कार में उन लोगों को बाहर निकाल रहे थे तो उस गाड़ी के अंदर केवल वह परिवार था उस औरत का कहीं नामोनिशान भी नहीं था।
हमने सभी लोगों को बाहर निकाल कर एंबुलेंस में बैठाया और हॉस्पिटल के लिए भेज दिया।
हम वहां से आगे हमारी मंजिल के लिए निकल गए। मेरा मन ये हादसा देख कर बहुत ज्यादा विचलित सा हो गया था। दूसरे दिन जब मैं दिल्ली के अंदर अपने कमरे में बैठा हुआ था और सोशल मीडिया चला रहा था उसी समय मैंने सोशल मीडिया के ऊपर एक वीडियो देखा जो उसी लड़के का था जो उस परिवार के साथ उस गाड़ी के अंदर ट्रेवल कर रहा था।
उसने बताया कि उस कार हादसे ने उससे उसका पूरा परिवार छीन लिया उसके माता-पिता उसकी दादी उसकी पत्नी और उसके बच्चे को उससे छीन लिया और अब वह इस दुनिया में अकेला हो गया।
उस वीडियो के अंदर वह व्यक्ति बता रहा था कि उन्होंने हाईवे के ऊपर एक औरत को लिफ्ट दी थी जो कुछ किलोमीटर दूर जाने के बाद अचानक से बहुत ही भयानक चेहरे के रूप में बदल गई थी और गाड़ी भी अचानक से अपना बैलेंस बिगड़ने लगी और फिर तेज गति से जाकर ट्रक के पीछे घुस गई थी।
मैं उसकी बातों पर विश्वास नहीं कर पा रहा था परंतु विश्वास करना पड़ा क्योंकि उस औरत को मैंने अपनी आंखों से उस कार के अंदर बैठते हुए देखा था इस घटना के बारे में,
मैं आज भी जब भी सोचता हूं तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं आखिर वह औरत थी कोन?? और बाद में कहां गायब हो गई थी??
Ghost lady Disappeared
उस परिवार से उसकी क्या दुश्मनी थी चाहे वह कोई आत्मा हो या फिर कोई और शक्ति हो परंतु उसने कुछ चंद ही मिनटों में उसने एक पूरे परिवार को खत्म कर दिया।
उस परिवार की खुशी हमने उस होटल पर देखी थी वह लोग बहुत खुश थे परंतु अचानक से ऐसे हुए एक हादसे ने उस लड़के की पूरी जिंदगी ही बदल कर रख दी।
अब वह किसी वास्तविक मुसीबत में फंसी हुई औरत की सहायता भी पूरी जिंदगी में कभी नहीं कर पाएगा क्योंकि जब भी उसके साथ ऐसी कोई स्थिति आएगी उसकी आंखों के सामने मौत का वह मंदिर घूम कर आ जाएगा जो उनकी एक छोटी सी गलती का नतीजा था।
आज भी जब कभी कोई भूत प्रेत की बाते करता हैं तो मेरे दिमाग में सबसे पहले वही घटना आती हैं जिसका साक्षी में खुद था, मेने खुद अपनी आंखों से देखा था की केसे एक औरत उस गाड़ी में बैठी थी परंतु दुर्घटना के बाद वह औरत बिल्कुल गायब ही हो गई थी।
वह थी कोन??
भूत प्रेत होते हैं या नहीं इनका वाहन हमे तब तक ही रहता हैं जब तक हमारी आमने सामने उनसे मुलाकात ना हो जाए और हम अपनी खुद की आंखों से उन्हे न देख ले।
#bhootpret