Ghost Of Graveyard/कब्रिस्थान का भूत/

सच्ची भूतिया कहानियों के क्रम में आज एक ओर नई कहानी आपने सामने प्रस्तुत कर रहा हूं, अगर ये कहानी आपको पसंद आए तो अपने दोस्तो और परिवार वालो के साथ जरूर शेयर करे।

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आज की कहानी हैं गुजरात के एक अंतर्राष्ट्रीय कॉल सेंटर में काम करने वाले कर्मचारी दीपक की, इस कहानी के बारे में विस्तार से जानने के लिए दीपक के नजरिए से जानना ही बेहतर होगा।
नमस्कार, मेरा नाम दीपक हैं और मैं गुजरात की व्यापारिक राजधानी अहमदाबाद का रहने वाला हूं। में एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूं। मेरे पिताजी एक निजी स्कूल में अध्यापक हैं तो वहीं मेरी मां एक गृहिणी हैं।
ये बात 2011 की हैं, उसे समय में अहमदाबाद के ही एक कॉलेज से अपनी  की पढ़ाई कर रहा था और साथ में ही एक बड़े कॉल सेंटर में काम भी किया करता था ताकि घर में पिताजी का हाथ बांटा सकूं और अपनी आगे की पढ़ाई भी जारी रख सकूं।
मुझे कॉल सेंटर में काम करते हुए लगभग 1 साल से ज्यादा का समय हो चुका था। मेरी आर्थिक स्तिथि भी अब सुधरने लगी थी। पिताजी को घर के खर्चे में सहायता करने के बाद बचे हुए पेसो की बचत से मेने एक सेकेंड हैंड बाइक खरीद ली।

Ghost in The Graveyard 🪦

बाइक लेने का मुझे मुख्य फायदा यह हुआ की एक तो मेरा समय बच जाता था, पहले मुझे अपनी निर्धारित स्थान तक जाने के लिए बस का लंबा इंतजार करना पड़ता था। अब में किसी भी समय बाइक से जा सकता हूं।
बाइक लेने का मुख्य उद्देश्य मेरा यह था की रात में जो कर्मचारी काम करते थे उन्हें कंपनी ज्यादा पर दिया करती थी। मेरा लक्ष्य रात की ड्यूटी करके का था जिससे में भी थोड़ा ज्यादा पैसा कमा सकूं। बाइक लेने के बाद मैंने अपनी काम की शिफ्ट चेंज करवा ली, और अब में रात में काम किया करता था। 
में जिस रास्ते से कॉल सेंटर जाया करता था उस रास्ते में एक पुराना कब्रिस्थान भी था। स्थानीय लोगो का मानना था की उस कब्रिस्थान में कई आत्माए आज भी इधर उधर घूमती रहती हैं। कई बार लोगो को इन बुरी आत्माओं ने नुकसान भी पहुंचाया था।
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में इन सब बातो में विश्वास नहीं किया करता था। पैसा जब थोड़ा ज्यादा आने लगा तो नशे की लत भी लग गई थी थोड़ी बहुत मुझे। में अब कभी कभार अपने साथी कर्मचारियों के साथ मदिरापान कर लिया करता था।
शराब के साथ मुझे धूम्रपान की आदत भी लग चुकी थी। रात में काम करते समय चाय के साथ सिगरेट पीने की आदत लग गई थी और अब तो हर रोज रात में जब भी काम से फ्री होकर चाय पीने जाया करता था तो  साथ में धूम्रपान भी करता था।
नवरात्र शुरू हो चुके थे। गुजरात में नवरात्र में माहोल पूरा अलग हो जाता हैं। गुजरात में नवरात्रि के नौ के 9 दिन हर रोज जगह जगह पर गरबे का आयोजन किया जाता है। जिसमें हजारों की संख्या में लोग भाग लेते हैं।
 मैंने नवरात्रि के अंदर भी अपनी रात की ही ड्यूटी चालू कर रखी थी। मैं अब भी रोज रात में अपने काम पर जाता और सुबह घर पर आ कर सो जाता था। इस कंपनी में काम करते हुए मुझे काफी समय हो चुका था। मुझे इस काम का भी ज्ञान अच्छे से हो गया था।
 नवरात्रि के अंदर ही मेरा प्रमोशन हुआ था। अब थोड़ी सैलरी भी ज्यादा हो गई थी। इससे मेरी जिंदगी में थोड़ी स्थिरता आ गई थी। मुझे अच्छे से याद है वह नवरात्रि का ही एक शनिवार था और अगले दिन रविवार का अवकाश होने के कारण, मैंने अपने साथी कर्मचारियों के साथ में ऑफिस से फ्री होने के बाद दारू साथ में पीने का प्रोग्राम बनाया।
 सुबह के 5:00 बजे जब हमारी शिफ्ट खत्म हुई तो हम सभी शराब लेकर आए और  एक दोस्त के फ्लैट पर बैठकर शराब पीने लगे।
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 मैंने मेरे घर वालों को फोन करके झूठ ही बोल दिया था कि मैं आज किसी काम से थोड़ा बाहर जा रहा हूं, इसलिए रात को देर तक आ पाऊंगा।
 उस दिन हमने करीबन 3 से 4 घंटे शराब पी और उसके बाद नशे में धुत होकर सभी सो गए। जब मेरी आंख खुली तो शाम के 6:00 बज चुके थे और मेरे को बहुत ही ज्यादा थकान महसूस हो रही थी।

Ghost on Back Seat of Bike

 मैं उठकर नहाया और अपने दोस्तों को भी उठाया हमने चाय बनाई और चाय पी कर जब शरीर थोड़ा तंदुरुस्त ही गया।
   नहाने के बाद अब सारे फ्रेश फील करने लगे थे। बैचलर लड़को का जब कोई अवकाश होता है तो उनके तो एक ही काम होता है, कैसे भी हो मस्ती की जाए। #scarystory
 अभी मेरे दोस्तो का फिर से प्रोग्राम बन चुका था कि दारू पिएंगे। एक दोस्त ने दारु मंगवा भी ली थी।
 8:00 बजे के आसपास तक हमारे पास दारु आ चुकी थी। हम फिर से दारु पीने के लिए बैठ गए रात को 12:00 से 1:00 के बीच तक हमने दारू पी, और नशे में मस्त हो गए। शराब पीने के बाद अब भूख भी बहुत ज्यादा लगने लगी थी, परंतु घर में कुछ भी खाने को नहीं था।
 शराब पीने के कारण आज खाना बनाने वाली को हमने बुलाया नहीं था। भूख का असर अब बहुत ज्यादा हो गया था।  मैं और मेरे दोस्त गाड़ी लेकर खाना खाने के लिए निकल पड़े।
 उस फ्लैट से कुछ ही दूरी पर एक होटल था, जो पूरी रात खुला रहता था। हम सब उसी होटल पर खाना खाने चले गए।
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 हमने होटल के अंदर अच्छे से खाना खाया। खाना खाने के बाद अब शरीर में थोड़ी ताकत आ चुकी थी।  हम सब खाना खाकर फ्लैट पर वापस आए  मैंने अब घर के लिए निकलने का सोच लिया था। रात बहुत ज्यादा हो चुकी थी तो घर वाले सो चुके होंगे। में अपने दोस्तों का अलविदा कह कर अपनी बाइक लेकर,  घर के लिए निकल पड़ा था।
 रात के करीबन 2 से ऊपर का समय हो चुका था। मेरे दोस्त का फ्लैट हमारी कंपनी के ऑफिस के पास में ही था, इसलिए मेरा जाने का रास्ता रोज वाला, वही कब्रिस्तान वाला था।
 मेरे घर की तरफ जाने वाली मुख्य सड़क पर जाने के लिए एक रास्ता कब्रिस्तान के बीच में छोड़कर जाता था, जबकि दूसरा रास्ता कब्रिस्तान के दूसरी तरफ से होकर जाता था। जिसमें समय थोड़ा ज्यादा लग जाता था। मैं क्योंकि इन सब चीजों में विश्वास नहीं करता था, इसलिए रोज की तरह आज भी कब्रिस्तान के बीच में से होकर ही निकलने का प्रोग्राम बनाया। #besthorrorstory
 मुझे नहीं पता था कि आज यह रास्ता और दिनों की तरह सामान्य नहीं है। मैं जब कब्रिस्तान के बीच में से निकल रहा था, तब मुझे किसी के चीखने की आवाज सुनाई दी थी, परंतु बाइक पर होने के कारण मैं रुका नहीं और चलता रहा। #horrorstoryshort
वहां से थोड़ी दूर जाने के बाद मुझे अचानक से ऐसा लगा कि मेरी बाइक थोड़ी भारी हो गई है। मैने पूरे दिन बहुत शराब पी थी इसलिए शायद मुझे नशे में ऐसा लग रहा होगा, इसलिए मैंने इस बात को  नजरअंदाज कर बाइक चलाता रहा।
 मुख्य रास्ते पर आने के बाद थोड़ी खुली हवा और गाड़ियों का शोर सुनकर मेरा दिकाग वापिस सही से काम करने लगा।
मुझे बाइक चलाते हुए ऐसा लग रहा था की शायद बाइक पर दो बंदे सवार हो, जो इंसान अपनी बाइक रोज चलाता हो उसे अच्छे से पता चल जाता हैं की बाइक दो व्यक्तियों के बैठने के बाद थोड़ी भारी हो जाती हैं।
मैने बैक मिरर में से पीछे देखा तो मेरे कंधे पर किसी का हाथ था, यह मुझे मेरी बाइक के बैक मिरर में साफ साफ दिखाई दे रहा था।

What did I saw in back mirror?? 

मैने वहीं अपनी बाइक को रोड के एक साइड में कर के रोकी और बाइक से नीचे उतर कर चारो तरफ देखने लगा। मैने फ्लैट से निकलने के बाद रास्ते में कहीं पर भी अपनी बाइक को नही रोका था तो वो इंसान बाइक पर पीछे की सीट पर कब बैठा?? 
मैने उस इंसान के हाथ को खुद अपनी आंखो से देखा था और अपने कंधे पर महसूस किया था। कुछ ही क्षण में वह इंसान चलती बाइक से केसे उतर गया?? कहां गायब हो गया??
मैने वहीं रोड के साइड में खड़े होकर एक सिगरेट पी। सिगरेट पीने के बाद मैं वापिस अपने घर के लिए बाइक को स्टार्ट कर के निकल पड़ा।
कुछ दूर बाइक चलाने के बाद मुझे फिर से ऐसा ही महसूस हुआ कि बाइक पर कोई और भी आकार बैठ गया हो, मेने जब इस बार फिर से बैक मिरर में देखा था तो देख कर चौंक गया। #ghoststoriesofkids
मेरे बाइक के पीछे वाली सीट पर एक औरत बैठी थी जिसकी सारी हवा में लहरा रही थी। उस औरत ने अपना एक हाथ मेरे कंधे पर रख रखा था।
मेरी आंखे ये क्या देख रही थी, चलती हुई बाइक पर कोई औरत केसे बैठ सकती हैं, जबकि वो मुझे कहीं पर भी रास्ते में दिखाई तक नहीं दी थी।
मेने फिर से एक बार बाइक रोकी परंतु इस बार भी बाइक या मेरे आस पास भी कोई औरत तो क्या इंसान भी नही था। 
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“आज शायद शराब कुछ ज्यादा ही हो गई, क्या अजीब अजीब सी चीजे दिखाई दे रही हैं। आज से शराब अपनी लिमिट में ही पियूंगा”
मैं मन ही मन यही सोच रहा था। मैने बाइक स्टार्ट की ओर घर आ गया। घर की दूसरी चाबी जो मेरे पास रहा करती थी उससे ताला खोलकर घर के अंदर मेरे कमरे में आकर सो गया।
अगले दिन दोपहर में करीबन 1 बजे में उठा। घर पर मम्मी ने मेरी पसंद का खाना बना रखा था। भर पेट खाना खाकर में मोबाइल चलाने में व्यस्त हो गया।
आज मेरी ड्यूटी रात को 7 बजे से सुबह 3 बजे तक थी। घर पर थोड़ी बहुत देर घर के कुछ काम कर के में बाजार चला गया।
शाम को वापिस घर आया और नहा धोकर खाना खा के ऑफिस के लिए निकल पड़ा। आज दिमाग बहुत ताजा महशुस कर रहा था। कल की थकान मेने आज अच्छे से उतार दी थी।
ऑफिस में में समय से पहुंच गया था। ऑफिस आकार मेने एक कॉफ़ी पी, उसके बाद अपने केबिन में आकर मेरे ऑफिस का काम करने लगा था। #shorthorrorstory
आज ऑफिस में 2 बजे तक मेरा काम समाप्त हो गया था। मुझे लगा कि अब काम तो खत्म हो गया हैं ही, मुझे भी अब घर के लिए निकल जाना चाहिए। 
मेने ऑफिस की कैंटीन में एक कॉफ़ी पी, इसके बाद में सीधा घर के लिए निकल पड़ा। आज में फिर से उसी कब्रिस्थान वाले रास्ते से ही जा रहा था। कब्रिस्थान वाली सड़क पर करने के बाद में मुख्य सड़क पर आ चुका था जो सीधा मेरे घर के पास जाती थी।
मुझे ऑफिस से निकले हुए करीबन 20 मिनट से ज्यादा का समय हो चुका था। किसी गाड़ी वाले ने मेरे पीछे से हॉर्न मारा तो में अचानक से चौंक गया, सड़क पर चलते हुए बेवजह के हॉर्न आपको बहुत ज्यादा परेशान कर देते हैं। मेरे मन भी उस गाड़ी वाले के लिए सिर्फ गालियां ही आ रही थी।
मैंने यह देखने के लिए पीछे बैक मिरर में देखा की, क्या में गलत जगह चल रहा हूं, और गाड़ी मेरे कितने पीछे हैं। मेने लेफ्ट साइड की तरफ जाने का इंडिकेटर देकर बाइक को रोड के एक साइड की तरफ कर के गति कम कर दी।
बैक मिरर में पूछे देखने पर मुझे उस गाड़ी के साथ साथ कल वाली वही साड़ी में बाइक के पीछे वाली सीट पर औरत दिखी। #realhorrorstories
आज तो मेने शराब को हाथ तक नहीं लगाया था। ये नशा तो नही था, मतलब सच ने कल भी कोई औरत मेरे बाइक के पीछे वाली सीट पर बैठी थी। मेने जल्दी से बाइक को रोककर पीछे घूम कर देखा तो वहां कोई भी नही था।
अब मुझे थोड़ा अजीब सा लगने लगा था, आज तक मेरे साथ कभी ऐसा कुछ भी नही हुआ था, इसलिए इस पर विश्वास करना जरा मुश्किल हो रहा था की आखिर कुछ ही क्षण में कोई इंसान गायब होकर आंखो से ओझल केसे हो सकता हैं।
मैं वहां से सीधे अपने घर आया और सो गया। जब दोपहर में मैं सोकर उठा तो बहुत ज्यादा थक हुआ महसूस कर रहा था। बाथरूम में जब में नहा रहा था तो मेने आईने में देखा की जहां पर उस औरत ने मेरे कंधे पर हाथ रख रखा था, उस जगह पर नीले निशान से बन गए हैं।
मेने बाहर आकर अपनी मां को सारी बाते बताई। कल वाली घटना के बारे में भी मेने अपनी मां को बताया। मां यह सब सुनकर और मेरे कंधे पर वो निशान देख कर बहुत ज्यादा परेशान हो गई थीं।
मां मुझे लेकर उसी दिन एक पंडित जी के पास गई, पंडित जी ने वो निसान देखे तो वह भी सोच में पड़ गए।।पंडित जी ने मुझे कहा की एक हनुमान जी की छोटी सी मूर्ति अपने पास रखो और हनुमान चालीसा की एक छोटी से जेब में आने वाली पुस्तक भी अपने पास रखो, अगर आगे से फिर से तुझे वो औरत कहीं दिखाई देती हैं या महसूस होती हैं, तब हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर देना।

Hanuman chalisa se kya hua??

बड़ी से बड़ी बुरी शक्तियां भी हनुमान जी के सामने टिक नही सकती है। आज से पहले तक मुझे ये भूत प्रेत सब अंधविश्वास ही लगता था, परंतु अब मुझे भी इन सब पर विश्वास सा होने लगा था।
उस रात को फिर से जब में ऑफिस से वापिस घर आ रहा था तो बाइक पर मुझे लगा कि आज फिर कोई मेरे बाइक के पीछे वाली सीट पर बैठा हैं।
मेने हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू किया और थोड़ी ही देर में स्तिथि सामान्य हो गई। हनुमान चालीसा की शक्ति का मुझे अब एहसास हो गया था। हनुमान चालीसा अब तो मुझे पूरी याद हैं। जब से मेने हनुमान जी का एक छोटा सा लॉकेट गले में पहनना शुरू किया और हनुमान चालीसा अपने पास रखना शुरू किया, उसके बाद मुझे कभी फिर से वो औरत या फिर कोई अन्य बुरी शक्ति नहीं दिखाई दी।
में आज भी उस कंपनी में ही काम करता हूं, और मुझे अब तक तीन प्रमोशन और मिल चुके हैं। मेरी जिंदगी जब से हनुमान चालीसा आई हैं तब से बहुत बदल गई हैं।
अब मेने शराब पीना बिल्कुल छोर दिया हैं।
जय बजरंगबली🙏🙏
कहानी के पात्रों और स्थान के वास्तविक नाम बदल दिए गए हैं। ऐसी ही और सच्ची भूतिया घटनाओं के बारे में जानने के लिए हमे फॉलो कीजिए।

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