Horror Stories In Hindi

Horror Stories/ भूतिया कहानियां

19 वी शताब्दी मे भारत के कुछ हिस्सों में तांत्रिक क्रियाओं कर अंधविश्वास का बोलबाला हुआ करता था। देश की आम जनता इन तांत्रिको ओर पाखंडी बाबाओं पर बहुत विश्वास करने लगी थी जिससे किसी ना किसी रूप में सात्विकता का नास हो रहा था। 
देश के कुछ राज्य तो काले जादू के लिए विश्व विख्यात हैं इन राज्यों में देश विदेश से हजारों लोग काले जादू के द्वारा अपने इच्छित कम करवाने के लिए आते रहते हैं ओर अपनी मेहनत की कमाई इन पाखंडियों पर लुटाते रहते हैं।

भूत प्रेत के नाम पर आज भी बहुत से पाखंडी इन लोगो को लूटते रहते है ओर जब वास्तविकता मे इनका सामना किसी पारलौकिक शक्ति से होता है तो ये लोग दुम दबा के भाग जाते हैं ।
ऐसी ही एक सच्ची घटना जो भारत के जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश के महादेव के निवास वाराणसी में हुई थी।
इस घटने के बारे में हम आपको आज के ब्लॉग में विस्तार से बताने वाले हैं।
1980 के दशक में उत्तरप्रदेश में बड़े बड़े तांत्रिको का निवास हुआ करता था ओर बड़े से बड़े नेता ओर पैसे वाले लोग इनके कहने पर चला करते थे क्योंकि अंधविश्वास का स्तर अपने चरम पर हुआ करता था उस समय।

एक विदेशी लड़की वाराणसी घूमने के लिए आयी हुई थी, जों इस शिवनगरी के हर एक पल जों वो इस पवित्र जगह पर बिताने वाली थी उसका आनंद लेने वो विदेशी लड़की इस शहर में घूमती रहती थी। उस युवती का शिव के प्रति अथाह प्रेम था जो उसे हजारों किलोमीटर दूर किसी परदेश से इस शिवनगरी में खेंच लाया था।

वो युवती शहर में हर जगह घूमती रहती ओर इसके हर एक पल को जीने का प्रयास करती रहती थी, परन्तु इस शिवनगरी के कुछ रहस्यमई शक्तियों के बारे में उस युवती को कोई ज्ञान नहीं था वो बस हर समय इसको जीने का प्रयास करती थी।

एक बात वह रात के समय में अघोरियों के बारे में जानने के लिए अकेले ही निकल पड़ी अपने कैमरे के साथ में, संयोग से ये रात अमावस्या की थी ओर हिन्दू धमे के बारे में जानने वाले लोगो को ये अच्छे से पता  है कि बुरी शक्तियों के लिए अमावस्या से ज्यादा शुभ समय ओर कुछ नहीं होता है।
रात के अंधेरे में वो अघोरियों के बारे में जानने के लिए वाराणसी की गलियों से निकलते हुए अघोरियों के रहने के स्थान की ओर निरंतर चलते जा रही थी।  रास्ते पर आने वाले कुछ घाट पर उसने देखा कि आग जली हुई है ओर कुछ लोग मंत्र पाठ कर रहे हैं,  उसने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि उसके हिसाब से तो ये शिवनगरी हैं ओर इस जगह के लोग शिव को भक्ति में ही हर समय मगन रहते होंगे। उस क्या पता था कि जो मंत्रपाठ की ध्वनि उसके कानो मे आए रही थी वो किसी तांत्रिक के तांत्रिक साधना करने की आवाज थी।

विदेश से होने के कारण उसने साज सज्जा का सामान अपने चेहरे पर लगा रखा था ओर एक भीने इत्र की महक उस लड़की के बदन से आ रही थी। वो उन वीरान गलियो में घूम रही थी उसे ना तो समय का अंदेशा था ओर ना ही उस पर आने वाली विपदा का।
चलते चलते बहुत थक गई थी वो, उस कोई स्थान चाहिए था जिस जगह बैठकर वो थोड़ी देर विश्राम कर सके। थोड़ी दूर पर उस एक बड़ा सा पेड़ दिखा ओर उस युवती के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई। उसने उस पेड़ के नीचे विश्राम किया ओर ओर चल रही ठंडी हवा का आनंद लेने लगी। 

उसके शरीर पर लगे इत्र की महक ने उस बरगद के पेड़ पर बैठी एक आत्मा को आकर्षित कर लिया ओर वो उस लड़की के पीछे पीछे हो गई। जब वो युवती आगे जाने के लिए बड़ी तो उसे थोड़ा अजीब सा अनुभव हुआ परन्तु उसने उस पर ध्यान ना देते हुए अपने काम को प्राथमिकता दी ओर अघोरियों के बारे में जानने के लिए आगे बढ़ गई।

 ठंडी हवाओं के साथ साथ उस किसी ओर के अपने साथ चलने का अनुभव हुआ ओर वो थोड़ा रुक सी गई ये देखने की उसके आस पास कोन हैं, परन्तु जब चारो तरफ देख लिए फिर भी कुछ नहीं मिला तो वो आगे बढ़ गई परन्तु अजीब सी घटनाओं ने उसका पीछा नहीं छोड़ा, कभी उस अपने पास में किसी के होने का अहसास होता तो कभी एसे लगता की उस कोई पुकार रहा है परन्तु ये सोच कर कि अंजान देश में अंजान जगह पर मुझे कोन जानता होगा शायद ये मेरा वहम हो ये सोचकर आगे बढ़ती गई ओर अपने साथ होने वाली घटना से अनजान वो लड़की अपने अगले कदम की बढ़ती चली गई।

उस रात वो अघोरियों के बारे में तो कुछ पता नहीं लगा पाई परन्तु उसमे अपने जीवन को एक अजीब से संकट में डाल दिया था।

उसके साथ बाहर से आए हुए ग्रुप के साथियों ने जब अगले दिन उस अपने साथ घूमने जाने के लिए उस का इंतजार कर रहे थे ओर वो आयि नहीं तो होटल स्टाफ के साथ वो जब उसके रूम मे गए तो उस कमरे कि हालत ही कुछ ओर थी, वो कमरा भयावह स्थिति था जेसे की उस कमरे में काफी सारे लोगो ने एक साथ कमरे के समान के साथ छेड़खानी की हो या फिर तोड़फोड़ की हो,
ओर वो लड़की एक कोने में बैठी अजीब अजीब सी आवाजें निकाल रही थी।
कमरे की स्तिथि ओर लड़की की हालात को देखकर पहली नजर में सबको ये लगा कि रात में इस लड़की के साथ कुछ असामाजिक तत्वों ने जबरदस्ती ओर दुर्व्यवहार किया है जिसके कारण ये सदमे में हैं।
उसके समूह के साथियों ने उससे जानने की कोशिश की उसके साथ हुए वृतांत के बारे में परन्तु वो युवती कुछ भी बताने की स्तिथि में नहीं थी ओर लगातार हिंसक ओर अजीब व्यवहार कर रही थी साथ ही साथ अजीब सी आवाजे निकाल रही थी।
होटल का स्टाफ इस बात से भयभीत था कि उसके होटल में हुई इस दुर्घटना के बारे में अगर बाहर बात फैल गई तो उसके होटल की इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी ओर उनके बिजनेस का नुकसान हो जाएगा, इस बात को ध्यान में रखते हुए होटल के मालिक ने एक बड़े डॉक्टर को उस लड़की को चैक करने के लिए होटल में हो बुलाया,डॉक्टर ने लड़की की जांच की ओर उसके साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं हुई ये कहा,इस बात को सुनते ही सब इस सोच में पड़ गए की आखिर हुआ क्या हैं फिर लड़की के साथ??

होटल स्टाफ में वाराणसी का एक अधेड़ उम्र का इंसान भी था जो एसा व्यवहार काफी लोगो मे पहले भी देख चुका था उसने उस लड़की के समूह वालो को सुझाव दिया कि इसको किसी तांत्रिक या पंडित के पास ले जाओ इस लड़की का इलाज अब वहीं लोग कर सकते हैं इसमें किसी ऊपरी शक्ति का साया है परन्तु आधुनिक होने के कारण उसके समूह के लोगो ने उस बन्दे का मज़ाक बना दिया ओर किया ओर अच्छे डॉक्टर को दिखाने का निर्णय किया ओर लड़कों को समूह वालो ने अपने साथ रख लिया ओर उस अकेले नहीं रहने दिया।

अगले ही दिन किसी बड़े डॉक्टर से उस लड़की का फिर से जांच करवाई गई परन्तु परिणाम एक बार फिर से वही की इस लड़की को डॉक्टर की आवश्यकता नहीं है इसे किया मनोचिकित्सक को दिखाओ।
समूह वालों ने उस लड़की के इलाज के लिए एक मनोचिकित्सक से संपर्क किया ओर उसके इलाज के लिए उसे बुला लिया,  उस डॉक्टर ने उसको करीबन 48 घंटे से ज्यादा अपनी निगरानी में रखा परन्तु वो भी उसकी बीमारी को नहीं समझ पाया आखिर में समूह वालो को उस अधेड़ कर्मचारी की बात ध्यान में आई ओर उन्होंने उससे संपर्क किया।
उस कर्मचारी के संपर्क से वो एक पंडित जी से मिले ओर उस लड़की को दिखाया पंडित जी ने उसके बारे में जांच की ओर जवाब दिया की इस ताकत से लड़ना मेरे वस की बात नहीं है में इस ताकत के सामने नहीं टिक सकता आप किसी बड़े ओझा या तांत्रिक से ही संपर्क करिए।

लड़की के साथियों ने उस समय के बड़े जाने मैने तांत्रिक से संपर्क किया ओर उसने उस लड़की का इलाज करने के बदले में एक बहुत बड़ी रकम मांग ली, परन्तु मजबूरी मे अब वो लोग कर भी क्या सकते थे उन लोगो ने पैसे दिए ओर अपनी साथी का इलाज करवाने के लिए उस तांत्रिक के आश्रम में आ गए।
तांत्रिक ने अपना आसन जमाया ओर उस लड़की का इलाज करने लगा, वह अपने तांत्रिक मंत्रोच्चार से उसका इलाज करने की कोशिश करने लगा परन्तु काफी देर तक कोशिश करने के बाद भी कोई असर नहीं हुआ बल्कि लड़की उस तांत्रिक पर हावी हो रही थी।
थोड़ी देर ओर प्रयत्न करने के बाद जब तांत्रिक उस ताकत के सामने कमजोर पड़ने लगा तो उसने हार मान ली, उस ताकत ने तांत्रिक का बुरा हाल कर दिया था, इस भयानक दृश्य को देखकर लड़की के समूह वाले भी काफी परेशान हो गए उन्हें उसका इलाज किसी भी जगह पर होता नहीं दिख रहा था। तांत्रिक अपनी तंत्र साधना से उस युवती का इलाज नहीं कर पाया वो लड़की निरंतर अजीब सी आवाजें निकाल रही थी ओर अजीब अजीब हरकते कर रही थी।
तांत्रिक के आश्रम से भी उसको लेके उसके समूह वाले बिना इलाज के ही चाले गए ओर इधर लड़की की मानसिक के साथ साथ शारीरिक हालात भी बेकार होती जा रही थी। 
उसके आंखो के नीचे काले धब्बे ओर गड्ढे ही गड्ढे बन गए थे।
उसका शरीर भी पहले से काफी कमजोर हो गया था। वे एकदम निराश हो गए थे इसी निराशा के साथ उन्होंने मन बना लिया था कि वो लोग अगले ही दिन इस देश ओर इस जगह को छोड़ कर चले जाएंगे, परन्तु जो लड़की आई ही इस शहर में शिव के लिए थी उसे अंतिम बार काशी विश्वनाथ के दर्शन कराने रात की आरती के समय ले जाने लगे।
वो लड़की मंदिर के बाहर जा के खड़ी हो गई परन्तु मंदिर जाने की राजी नहीं हुई, जोर से भी उसकी उसके साथी मंदिर के अंदर प्रवेश कराने की कोशिश करने लगे परन्तु वो भी विफल हो गए।

वाराणसी के ही एक प्रकांड संस्कृत के विद्वान उस समय उस रास्ते से गुजर रहे थे मंदिर जाने के लिए, ओर उन विदेशी लोगो को किसी परेशानी मे देखकर वो उनसे उनकी समस्या के बारे में जानने का प्रयास करने लगे। पंडित जी संस्कृत के विद्वान होने के साथ साथ एक बड़े महाविद्यालय से सेवानिवृत्त व्याख्याता थे।
उन्होंने उस विदेशी समूह के लोगो से उनकी समस्या के बारे में जाना ओर उनकी सहायता करने का निर्णय लिया। उन्होंने उस लड़की के माथे पर अपना हाथ रखा और हनुमान चालीसा का जाप करने लगे,  उस लड़की के शरीर में बसी उस पारलौकिक ताकत मे काफी जोर लगाया परन्तु वो पंडित जी के वैदिक सामर्थ्य के सामने टिक नहीं पाई, थोड़ी ही देर में उस लड़की का शरीर बिना जान का से दिखने लगा ओर कुछ अजीब सी अवाजो के साथ  ओर चीख ओर चिल्लहट के साथ मे वो लड़की बेहोश हो गई।
उस युवती की साथी ने उसके चेहरे पर कुछ पानी की बूंदे डाली तो वो वापिस होश मे आई, ओर उसका होश में आते ही पहला वाकया था??

में किस जगह पर हूं में तो रात में बाहर गई थी ओर अब ये दिन क्यो हैं??
उस लड़की से बात करने पर पता चला कि पिछले कुछ दिन कि यदि उसके मस्तिष्क से गायब थी, उसे उस रात के बाद का कुछ भी याद नहीं था।
उसके बाद वो लोग पंडित जी के साथ काशी विश्वनाथ के दर्शन करके आए ओर पंडित जी का शुक्रिया अदा कर के अपने निवास स्थान पर चले गए।
अगले ही दिन वो लोग अपने देश के लिए निकल गए भारत में घटी इस पारलौकिक घटना की कुछ भयंकर यादों के साथ मे ।
वो लड़की आज भी शिव भक्त हैं परन्तु उस समय के बाद से आज तक वो भारत के दुबारा  नहीं आई।
इस सत्य घटना से हमे ये पता चलता है कि कुछ पारलौकिक शक्तियां तो हैं जो अपने साथ ही इस धरती पर निवास करती हैं परन्तु उनसे सामना हमारा कभी कभार ही हो पाता है ओर वो सामना कई बार काफी लोगों को कुछ भयंकर यादे दे जाता है ओर कई बार हमारे कुछ करीबी लोगों को हमसे दूर भी कर जाता है।

आज के समय पर अधिकतर तांत्रिक ओर पंडित पाखंडी होते हैं जेसे इस घटना में वो तांत्रिक था, जिसको आता कुछ नहीं है बस लोगो को आस्था का फायदा उठाकर अपना काला धंधा चलाते रहते है।
उन विद्वान पंडित जी जेसे भी कुछ लोग है हो इन शक्तियों से निपटना जानते हैं परन्तु वो लोग इन पाखंडियों की तरह दिखावा नहीं करते अपने इष्ट का ध्यान कर के उनकी भक्ति में मगन रहते हैं।
जय बाबा भोलेनाथ की।

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