Jungle Ka Bhoot/Hindi/#Realhorrorstories/#bhootpret

पृथ्वी पर इंसानों के अलावा भी कोई परालोकिक शक्तियां रहती है या नही रहती?? यह सवाल हजारों सालों से रहस्य ही बना हुआ है। कुछ लोग तो मानते हैं कि आत्माएं होती हैं, जो इसी पृथ्वी पर हमारे आस पास ही रहती हैं और कभी कबार हमारे सामने भी आ जाती हैं। 

Kya Bhoot Hote Hain..??

वैज्ञानिक आत्माओं के अस्तित्व को हमेशा नकारते आए हैं परंतु इतिहास में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जिनके रहस्य से पर्दा आज तक विज्ञान भी नहीं उठा पाया है।
 यह बात केवल आत्माओं की ही नहीं जबकि अन्य  परालौकिक शक्तियों की भी है जो किसी न किसी रूप में पृथ्वी के किसी न किसी कोने में आज भी विद्यमान है।
धरती पर पिछले कई लाख सालों से इंसानों का ही दबदबा रहा है। आज इंसानों ने धरती को खनिज संपदा और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए खुदाई कर कर के खाली कर दिया है। पृथ्वी के नीचे से हजारों लाखो टन सोना,चांदी बाकी अन्य धातुओं को निकाल के व्यापारी अपना पैसा बना रहे हैं और लोग अपनी सुंदरता निखार रहे हैं।
 आज की कहानी है भारत के एक राज्य मिजोरम की जहां की जंगलों की खूबसूरती इंसान का मन मोह लेती है। यहां को नदी नाले और झरने का आनंद लेने के लिए  कई लोग अच्छे मौसम के अंदर मिजोरम में जाकर यहां की प्राकृतिक वादियों का आनंद भी लेते हैं। आज की कहानी है मिजोरम के एक छोटे से गांव में रहने वाले नवीन (नाम बदला हुआ) की।
नवीन अपने गांव से कुछ किलोमीटर दूर कस्बे में काम करने के लिए जाता था क्योंकि घर चलाने के लिए केवल कृषि पर निर्भर नहीं रहा जा सकता था🤔🤔 क्योंकि उनके क्षेत्र में कृषि बहुत कम होती थी और होती  भी थी तो वह भी जंगलों के पास में।
 वहां के लोग ज्यादातर अपनी आजीविका के लिए जंगल पर ही निर्भर करते थे।जंगल उनकी आजीविका का मुख्य साधन था। कुछ नौजवान बच्चे अब समय की बदलती परिस्थितियों में  शहरों में जाकर काम करके अपनी प्रगति करना चाहते हैं। वह भी शहर आबोहवा का रुख देखना  चाहते हैं।

Jungle Ka Bhoot

नवीन पास ही के एक कस्बे में एक शोरूम पर नौकरी करता था, उसका काम बस इतना था की जो भी ग्राहक दुकान पर आते उनको उनकी पसंद का सामान दिखाता। 
नवीन का जीवन बहुत सुख से गुजर रहा था परंतु कहते हैं ना कि होनी को आज तक कोई नहीं जान पाया है। कब क्या हो जाए?? किसी को कुछ नहीं पता।
 ऐसे ही रोज की तरह 1 दिन नवीन शाम को अपनी ड्यूटी पूरी होने के बाद में शोरूम से अपने घर जाने के लिए निकला परंतु आज उसकी साइकिल खराब थी और अंधेरा होने के बाद में उसके घर तक जाने वाले मुख्य रास्ते से कोई ज्यादा साधन भी आते जाते नहीं थे।
 अब अंधेरा भी धीरे-धीरे बढ़ने लगा था नवीन को सोचना पड़ गया है कि अब घर कैसे जाया जाए उसने थोड़ी देर तो इंतजार किया, फिर अपनी साइकिल को शोरूम के अंदर ही खड़ा करके अपने घर के लिए निकल गया।
 वह मुख्य रास्ते से ना जाकर जंगल के रास्ते से जा रहा था क्योंकि जंगल के रास्ते से उसका घर और थोड़ा नजदीक पड़ जाता, जबकि मुख्य रास्ते से जाने में 7 से 8 किलोमीटर का चक्कर लग जाता।
 नवीन जंगल के अंदर आ चुका था और जंगल के अंदर बनी पगडंडियों के सहारे अपने घर के रास्ते की ओर जा रहा था। उसे नहीं पता था कि आज उसके साथ क्या होने वाला है??और क्या हो सकता है??  नवीन ने अपने गांव के बड़े बुजुर्गो से इस जंगल के बारे में कई रहस्यमई कहानियां सुनी थी कि यहां पर कोई नर पिशाच रहता है, जो इंसानों का खून पी जाता है।

Kya Uske Piche Koi Bhoot Tha??

 जितने मुंह उतनी बातें उसी तरह इस जंगल के बारे में भी हजारों कहानियां पढ़ी और सुनी थी। नवीन इन सबके अंदर नहीं मानता था। वह एक नौजवान था और विज्ञान को मानने वाला था इसलिए वह निर्भय होकर पगडंडी के सहारे जंगल में आगे बढ़ने लगा जंगल से आने वाली आवाजें बड़ी डरावनी तो जरूर थी परंतु नवीन को इन आवाजों से कोई डर नहीं था।  वह जानता था कि यह जंगल बियाबान है बहुत गहरा जंगल है और इसके अंदर कई प्रकार के जंगली जीव जंतु रहते हैं और यह उनकी आवाज हैं।
नवीन धीरे-धीरे आगे बढ़ता जा रहा था तभी उसे अपने पीछे से किसी के कुछ बोलने की आवाज सुनाई दी नवीन ने सोचा कि हो सकता है मेरी तरह कोई राहगीर हो जो जंगल के रास्ते से काम से वापिस जा रहा हो।
उसने आवाज लगाकर कहा क्या कोई है?? जो मेरे गांव जा रहा है??
 क्या कोई है जो आगे जा रहा है मेरे साथ??
 और यही उसकी सबसे बड़ी गलती थी उधर से एक आवाज आई हां मैं हूं परंतु नवीन को कोई भी दिखाई नहीं दिया नवीन थोड़ सहम सा जरूर गया था।
नवीन उस आवज के बाद थोड़ा डर जरूर गया था परंतु फिर भी वह अपनी मंजिल के लिए रास्ते पर आगे बढ़ता रहा,
 थोड़ी थोड़ी दूरी पर उसे जंगल में से कुछ अजीब सी आवाजें सुनाई देती थी। जैसे कि कोई उसके साथ चल रहा हो या फिर उसके आसपास कोई बात करते हुए चल रहे हो नवीन एक साहसी नौजवान था।
 जो भूतप्रेतों में नहीं विश्वास करता था इसी कारण से वह निर्भय होकर चला जा रहा था परंतु उसे क्या पता था कि आज उसकी विचारधारा का परिवर्तन होने वाला है।
 नवीन के साथ-साथ अब एक बुरी शक्ति भी उसके घर की ओर बढ़ने लगी थी और नवीन को इस बात का अंदाजा भी नहीं था। वह अपने घर पहुंचा और हाथ मुंह धोकर खाना खाने के लिए रसोई में चला गया, आज उसे आने में देरी हो गई थी इसलिए उसकी मां और पिताजी सो चुके थे जबकि नवीन की छोटी बहन अभी जाग रही थी। 
खाना आकर के नवीन घर के ऊपर छत पर रखी अपनी चारपाई पर आ चुका था। नवीन अक्सर घर के छत पर चारपाई पर ही सोता था क्योंकि यहां पर रात में ठंडी ठंडी हवा चलती थी जिससे गर्मी लगने का कोई डर नहीं था और घर की रखवाली भी हो जाती थी।

Bhoot Ne Naveen Ke Sath Kya Kiya??

 नवीन को आज जंगल वाली घटना के बाद सब कुछ थोड़ा अजीब सा जरूर लग रहा था परंतु फिर भी वह अपना ध्यान कहीं और लगा कर सोने की कोशिश करने लगा अभी उसको चारपाई पर लेटे हुए करीबन आधा घंटा ही हुआ था कि उसको छत पर किसी के चलने की आवाज सुनाई दी नवीन ने उठकर घर की छत पर चारों तरफ जाकर देखा परंतु वहां पर कोई नहीं था।
 नवीन वापस आकर चारपाई पर सो गया रात के करीब 3:00 से 4:00 के बीच का समय था और नवीन गहरी नींद में सो रहा था अचानक उसे ऐसा लगा कि किसी ने उसकी चारपाई को हवा में उठाया हो नवीन की आंखें अचानक से झटके से खुल गई और  उसने देखा कि वह सच सचमुच हवा में चारपाई पर लेटा हुआ है। उसकी चारपाई हवा में तैर रही है, नवीन जोर से चिल्लाया इतने में उसके पिता की नींद भी खुल गई और घर के बाकी सदस्य भी जाग गए सारे उठकर छत के ऊपर आए तो नवीन अपनी चारपाई के ऊपर दुबक कर सोया हुआ था और बहुत डरा हुआ था।
जब घरवालों ने उससे पूछा तो उसने अपनी चारपाई का हवा में उड़ना बताया जिसके ऊपर घर वालों में से किसी ने भी विश्वास नहीं किया और नवीन वापस उसे अपना वहां मान कर सो गया। 
उस रात को तो फिर कोई घटना नवीन के साथ नहीं हुई परंतु अगले दिन सुबह वह जब जंगल के रास्ते से ही वापस अपने काम के ऊपर जा रहा था तो उसे ऐसा लगा कि उसके कंधे के ऊपर किसी ने हाथ रख रखा हो नवीन फिर थोड़ा सा डर गया था परंतु फिर भी वह आगे बढ़ता गया और अपने शोरूम में समय के ऊपर पहुंच गया।
 उस दिन काम खत्म करने के बाद में नवीन अपनी साइकिल सही करवा कर घर के लिए निकल पड़ा वह आज मुख्य रास्ते से जा रहा था और अपनी साइकिल चलाते हुए मस्ती में आगे बढ़ते जा रहा था।
 करीबन 3 से 4 किलोमीटर का रास्ता तय करने के बाद में नवीन को अचानक से ऐसा लगा कि उसकी साइकिल के ऊपर अचानक वजन बहुत बढ़ गया है और उसे साइकिल चलाने में भी बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है।
 उसे ऐसा लग रहा था कि साइकिल के ऊपर एक नहीं दो इंसान है जबकि उसने साइकिल के ऊपर पीछे घूम कर देखा तो वहां कोई भी नहीं था थोड़ा बहुत डर लगा था।
नवीन साइकिल चलाकर घर पहुंचा और रोज की तरह हाथ मुंह धोकर खाना खाकर घर की छत के ऊपर आकर सो गया।

Kya Cycle Par Koi Or Bhi Tha..??

 आज उसे साइकिल के ऊपर अचानक से वजन बढ़ जाने की घटना बहुत ही ज्यादा अजीब लग रही थी क्योंकि यह घटना उसके खुद के साथ हुई थी। इसलिए वह परेशान था कि जब  उसकी साइकिल के ऊपर पीछे कोई भी नहीं बैठा हुआ था तो साइकिल का वजन इतना बढ़ केसे गया था। 
नवीन को ऐसा लगा था की कोई पीछे बैठा हुआ था। यह एक रहस्य था जिसकी तलाश में वह जुट गया और यही सोचते-सोचते नींद के आगोश में चला गया।
रात को जब नवीन गहरी नींद में सो रहा था तो अचानक उसे ऐसा लगा कि कोई उसको नींद में छेड़ रहा है, उसे बार-बार ऐसा लग रहा था कि उसने जो चद्दर ओढ़ रखी है उसको कोई खींच रहा है। उसने जब उठकर देखा तो उसकी चद्दर छत के एक  कोने में पड़ी हुई थी परंतु नवीन ने सोचा कि हवा के झोंके के कारण उड़ कर गिर गई होगी। नवीन ने अपनी चद्दर उठाई और वापस अपनी चारपाई पर आकर चद्दर ओढ़ कर लेट गया।
बमुश्किल से उसे चारपाई पर लेटे हुए 15 मिनट भी नहीं हुए थे कि चद्दर फिर से उड़ गई, नवीन ने देखा की वास्तव में हवा बहुत तेज चल रही थी।
 नवीन उठ कर आया और अपनी चद्दर को छत पर इधर उधर देखने लगा तभी उसने देखा कि उसकी चद्दर छत के एक तरफ इंसानी आकार में हवा में लहरा रही है। यह दृश्य देखकर  वह बहुत डर गया और जोर से चिल्लाया उसके घर वाले आज फिर छत पर आए परंतु उसकी बात पर फिर से विश्वास नहीं किया कि कोई भूत इस चद्दर को ओढ़कर खड़ा हुआ था।
नवीन के पिता ने उसको घर के आंगन में आकर सोने के लिए कहा उन्हें लगा कि बच्चा जवान है कोई नशा वसा करने लग गया होगा इसलिए ऐसी हरकतें कर रहा है, परंतु वह लोग नवीन की वास्तविक स्थिति का अंदाजा भी नहीं लगा पा रहे थे।
 नवीन अपने पिता की बात मानकर घर के आंगन में आकर सो गया अगले दिन सुबह जल्दी उठा और नित्य कर्म से निवृत्त होकर अपने शोरूम के लिए निकल पड़ा।
जब वह सइकिल पर अपने काम के लिए घर से निकल गया तो उसके पीछे पीछे ही वह शक्ति भी निकल गई। रास्ते में नवीन को कभी कबार ऐसे लग रहा था कि कोई उसको आवाज लगा रहा है परंतु यह उसका वहम था, वह यही सोच कर आगे बढ़ता रहा। समय पर सुबह शोरूम के अंदर आकर अपना काम करने लगा।
Kya Bhoot Ne Awaj Lagayi Thi??
 दोपहर का समय हो चुका था और नवीन के खाने का भी, नवीन ने अपना टिफिन निकाला और खाना खाने के लिए बैठ गया तभी वह क्या देखता है कि उसके टिफिन में से रोटी और सब्जी गायब है जबकि उसे अच्छे से याद था कि उसने टिफिन खोला भी नहीं है। अब नवीन थोड़ा सा परेशान होने लगा था क्योंकि यह हरकतें उसके साथ पहली बार हो रही थी और बहुत ही अजीब थी। आज फिर शाम को जब घर जा रहा था तो अचानक से किसी ने उसे धक्का दिया और वह एक ट्रक से टकरा जाता। नवीन भी अब सोचने लग गया था की कुछ तो ऐसा हैं जो मेरी समझ से बाहर हैं और ये उस दिन से मेरे साथ हो रहा हैं जिस दिन से में शाम में अंधेरे के समय जंगल से निकला था। जैसे तैसे करके वह अपने घर पहुंचा और अपने मां बाप को उस रात वाली जंगल की घटना से लेकर अब तक उसके साथ जितने भी घटनाएं हुई सब बता दिया।
 घर वाले भी अब थोड़ा सा नवीन के बारे में सोचने लगे उन्हें भी लगा कि कुछ तो गड़बड़ है नहीं तो आज तक बच्चे ने यह बातें कभी नहीं कहीं। नवीन के पिता पंडित जी के पास इस समस्या का हल जानने के लिए घर से निकल गए, पंडित जी गांव के ही हनुमान जी के मंदिर में पुजारी थे।
नवीन के पिता तो पंडित जी के घर के लिए निकल पड़े थे, परंतु पीछे से अब नवीन के घर में कुछ अजीब सी हरकत होना शुरू हो गई थी। उनकी रसोई में कोई नहीं था परंतु फिर भी वहां से बर्तनों के गिरने की आवाज आना शुरू हो गई।
 नवीन की मां ने जब रसोई में जाकर देखा तो पूरी रसोई में उथल-पुथल मची हुई थी और कोई भी सामान अपनी जगह पर नहीं था और नवीन की छोटी बहन एक कोने में डुबकी बैठी थी। मां ने जा कर उसको हिलाया तो उसने बताया कि अभी कोई रसोई में था उसकी बहन की हालत भी कुछ अजीब सी हो रखी थी उसके बाल बिखरे हुए थे और उसके हाथों पर कुछ खरोच के निशान थे।

Kitchen Me Kon Tha..??

 नवीन और उसकी मां यह देख कर थोड़ा डर गए थे और अपने पड़ोसी के घर जा कर तीनों मां बेटे और बेटी बैठ गए।
 नवीन के पिता जब कुछ देर बाद वापस अपने घर की तरफ आए तो घर में किसी को भी ना पाकर आवाज लगाई तो पड़ोस में से उनकी पत्नी ने आवाज लगाई और उन्हें वहीं पर बुलाया।
 नवीन की मां ने अपने पति को उनके पीछे से घर में जो भी हरकतें हुई थी उनके बारे में बताया और पंडित जी को तुरंत घर बुलाने के लिए कहा। नवीन के पिता दौड़कर पंडित जी के पास वापस गए और उन्हें घर पर लेकर आए।
 पंडित जी ने घर पर आकर देखा तो उन्हें इस चीज का आभास हो चुका था कि कोई नकारात्मक शक्ति इस घर के अंदर प्रवेश कर चुकी है। उन्होंने घर के हर एक सदस्य से इसके बारे में जानना चाहा कि क्या कभी किसी के साथ भी कुछ ऐसी हरकतें हुई है जो सामान्य ना हो तब नवीन ने अपने साथ हुई सारी घटनाओं के बारे में पंडित जी को सविस्तार बता दिया।
 पंडित जी ने बताया कि उस जंगल के अंदर कई सालों पहले एक नई नवेली दुल्हन को जलाकर मार दिया था उसके ससुराल वालों ने और उसकी आत्मा आज भी उसी जंगल में भटकती रहती है,और गाहे-बगाहे कई बार किसी न किसी राहगीर को अपनी चपेट में ले लेती है। तुमने तो उसे अपने साथ आने का निमंत्रण भी दे दिया था तो वह तुम्हारे साथ तो तुम्हारे घर पर आएगी ही।

Vo Kon Thi??

 वही नकारात्मक शक्ति तुम्हारे घर के अंदर है और उसको वश में करने के लिए पूजा करनी पड़ेगी जो कि मंगलवार या शनिवार के दिन ही हो सकती है परंतु आज तो बुधवार का दिन था और अभी शनिवार आने में भी समय था। नवीन और उसके घरवाले इतना ज्यादा डर गए थे कि इस घर के अंदर शनिवार तक रहने की हिम्मत भी उनमें नही बची थी। पंडित जी भी उनके डर को समझ सकते थे इसलिए उन्होंने पवित्र अभिमंत्रित जल उनको दिया और उस जल का पूरे घर में छिड़काव करने को कहा।
नवीन ने पवित्र जल से अपने पूरे घर में छिड़काव किया और सो गए। नवीन के घर पर तो उस रात कुछ नहीं हुआ परंतु आधी रात के बाद नवीन को ऐसा लगा कि घर के दरवाजे पर कोई खड़ा हैं और उसे आवाज लगा के बुला रहा हैं। ये कोई औरत थी जो नवीन को आवाज लगा कर बुला रही थी। पंडित जी को बात सुनकर नवीन अब थोड़ा सावधान हो चुका था,उसने कोई जवाब नही दिया और मन ही मन हनुमान चालीसा का पाठ करने लगा। 
थोड़ी देर में घर के बाहर से आवाजे आना भी बंद हो चुकी थी। अगले दिन नवीन अपने काम के लिए घर से निकल पड़ा और नवीन के पिताजी भी खेतो में काम करने निकल पड़े। 
घर में अब नवीन की मां और उसकी चोटी बहन ही बच्चे थे। दोनो कल रात को घटना से बहुत सहमे हुए थे और घर का काम करने में व्यस्त थे।
नवीन की मां घर के आंगन में कुछ काम कर रही थी और उसकी बहन अपने कमरे में कुछ काम कर रही थी। जब काफी देर तक उसने बेटी की कोई आवाज नहीं सुनी और उसे देखा नही तो वो उसके कमरे में गई की क्या कर रही हैं वो?. 
नवीन की मां ने जैसे ही कमरे की तरफ अपना रुख किया ओर कमरे के पास पहुंची तो उन्हें बहुत गंदी बदबू उस कमरे से आई। बेटी को आवाज लगाई तो अंदर से कोई जवाब नहीं आया और अजीब सी आवाज कमरे से आ रही थी।
नवीन की मां ने जब कमरे का दरवाजा खोल कर कमरे में झांक कर देखा तो वो बेहोश हो गई🤔🤔
आगे क्या हुआ जानने के लिए इस कहानी का अगला पार्ट जरूर पढ़े।
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