भूत प्रेत से जुड़ी सच्ची घटनाओं के क्रम में आज हम आपके लिए लेकर आए हैं रोमांच और डर से भरी हुई एक भूतिया कहानी। ये घटना जिनके साथ हुई थी वो आज भी इस विषय में डर कर बात करतें हैं या फिर इस मुद्दे पर बात करना तक पसंद नही करते। Horror story short
ये कहानी हैं दिल्ली के रहने वाले सेठ रामनरेश जी की, जैसा की आप सब जानते हैं हम कहानी में गोपनीयता के कारण पात्रों के नाम और स्थान परिवर्तन कर देते हैं।
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सेठ रामदास जी का दिल्ली में बहुत अच्छा काम चल रहा था। वो अपने परिवार के साथ खुशी से जीवन यापन कर रहे थे। अपनी पत्नी, दो पुत्र जो की विवाहित थे और एक अविवाहित पुत्री के साथ दिल्ली के एक आलीशान घर में राजा की तरह रहा करते थे। Horror short stories
सेठ जी का जन्म तो राजस्थान के एक वणिक परिवार में हुआ था फिर परिवार में वृद्धि हो जाने के बाद, रामदास जी पर जब कमाई का दबाव बढ़ने लगा तो वे कमाने के लिए दिल्ली आ गए।
दिल्ली आने के बाद सेठ जी ने खूब मेहनत की ओर अपने मेहनत के बलबूते पर उन्होंने दिल्ली में एक प्लास्टिक के समान बनाने की कंपनी धीरे धीरे बना ली।
सेठ जी अब दिल्ली के सबसे रहीस लोगो में शुमार होने लगे थे। वक्त के साथ साथ सेठ जी का काम भी और ज्यादा बढ़ने लगा।
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सेठ जी के कुछ पारिवारिक सदस्य अभी भी राजस्थान में ही रहा करते थे। सेठ रामनरेश जी के बड़े भाई का राजस्थान में ही कारोबार था। बड़े भाई के लड़के की शादी पक्की हों जाने पर इस बार सेठ जी ने कुछ दिन राजस्थान में ही अपने परिवार के साथ बिताने का सोचा। Short horror story
शादी के करीबन 1 महीने पहले ही सेठ जी अपने परिवार के साथ राजस्थान के लिए निकल पड़े।
राजस्थान में सेठ जी ने अपनी पुश्तैनी हवेली को आज भी बचा कर रखा हुआ था। सेठ जी के बड़े भाई भी हवेली का ख्याल रखते थे जबकि सेठ जी ने भी वहां एक चौकीदार रखा हुआ था।
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सेठ रामनरेश जी दिल्ली से अपने परिवार के साथ गाड़ियों में राजस्थान के लिए निकल पड़े। राजस्थान के जैसलमेर जिले के एक छोटे से गांव में उनका पुश्तैनी घर था।
सेठ जी की दोनो बहुएं आज पहली बार अपने ससुराल के पुश्तैनी घर में जाने वाली थी और इस बात को ले कर वे बहुत ज्यादा उत्सुक थी।
गांव का जीवन शुद्ध जीवन होता हैं। जहां आदमी अपनी जरूरतों के हिसाब से काम संसाधनों में अपना जीवन यापन करता हैं।
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दिल्ली से जैसलमेर की दूरी बहुत थी। इसलिए गांव पहुंचने मे अभी उन्हें समय लगने वाला था। गर्मियों का मौसम था तो राजस्थान में चलने वाले मिट्टी के तूफान सड़क पर रास्ता रोकने लगे थे। गाड़ी को बहुत ध्यान से चलाना पड़ रहा था नही तो कोई भी दुर्घटना हो सकती थी।
धूल भरी आंधियां चलने के कारण पूरा आसमान मिट्टी से सटा हुआ था। चारो तरफ हवा में भी मिट्टी ही फैली हुई थी।
सामने कुछ साफ नही दिखने के कारण इनकी गाड़ी एक मिट्टी के तूफान के अंदर से निकल गई।
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कुछ देर तक तो गाड़ी के सामने बिल्कुल अंधेरा सा छा गया था परंतु कुछ ही देर में उन्हें मिट्टी के तूफान में एक आदमी दिखा जो शायद कुछ इशारे कर के कुछ कहने की कोशिश कर रहा था, परंतु मिट्टी के तूफान के कारण कोई भी कुछ भी नही समझ पाया की आखिर वो कहना क्या चाहता था।
सेठ जी की गाड़ी मिट्टी का तूफान हटने के बाद अपने आगे के सफर के लिए निकल पड़ी। Horror stories for kids
रामनरेश जी और उनका परिवार अभी यह नहीं जानते थे कि उनके साथ गाड़ी में उनके परिवार के अलावा कोई और भी सफर कर रहा है।
वह क्या है??🤔🤔
यह तो अभी कोई नहीं जानता था परंतु उसका असर गाड़ी में बढ़ रही बेचैनी से दिखने लगा था।
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तूफान में फंसने से पहले सभी के मन शांत थे परंतु अब मन थोड़ा विचलित सा हो गया था, जिसे सबने रास्ते के अंदर आई परेशानियों का नतीजा मानकर इग्नोर कर दिया। रामनरेश जी अपने गांव पहुंच चुके थे।
रात में अपने बड़े भाई साहब से मिलकर सभी परिवार वाले खाना खाकर अब सोने की तैयारी करने लगे थे। आज सभी लोग सफर के कारण बहुत ज्यादा थक चुके थे।
जिससे सोते हैं सब की आंख लग गई रामनरेश जी की पुश्तैनी हवेली का चौकीदार हवेली के बाहर पहरा दे रहा था। Scary Story
रात को तकरीबन 1:00 बजे के आसपास हवेली के अंदर कुछ चहल पहल हुई, जिसे चौकीदार ने किसी को जगा हुआ मानकर नजरअंदाज कर दिया।
जो हरकते या चहल-पहल हवेली में हो रही थी, वो कोई इंसान नहीं कर रहा था जबकि वही शक्ति कर रही थी जो सेठ रामनरेश जी के परिवार के साथ रास्ते से आ गई थी।
हवेली के चौकीदार ने एक कुत्ता पाल रखा था। जिसे वह अपने साथ ही हवेली में रखता था।
रात को अचानक से कुत्ता हवेली की तरफ देख कर जोर जोर से भौंकना शुरू कर देता है। चौकीदार को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर आज उसके पालतू कुत्ते को भी क्या हो गया??
जो वह इतना ज्यादा भौंक रहा है। सेठ रामदास जी आने वाली परेशानी से अनभिज्ञ होकर आराम से सो रहे थे।
दूसरे दिन जब सब उठे तो हवेली से बाहर जाने पर पता चला कि हवेली के चौकीदार का कुत्ता,
हवेली के गेट के बाहर मरा पड़ा है, अब चौकीदार को कुछ बुरी शक्ति के होने का एहसास होने लगा था, क्योंकि उसका कुत्ता बिल्कुल स्वस्थ था और वह रात में किसी चीज को हवेली में देखकर भोंक रहा था। #ghoststoriesforkids
यह भी संभव हैं की जिसे देखकर वह भौंक रहा था क्या पता उसी ने उसकी जान भी ले ली हो🤔🤔
सेठ रामदास जी और उनके परिवार ने इसे सामान्य घटना जानकर कुत्ते को दफनाने के लिए चौकीदार को पैसे दे दिए और घर का ध्यान रखने को कहा।
दोपहर के अंदर सभी हवेली के अंदर आराम कर रहे थे। रामदास जी के बड़े भाई का परिवार भी आज उन्हीं के घर आया हुआ था।
परिवार के सभी लोग एक जगह पर बैठे हुए बातें कर रहे थे, तभी रामदास जी की छोटी बहू परिवार में नए मेहमान आने की खुशखबरी सबको सुनाती है।
रामदास जी की छोटी बहू पेट से थी और उसे आज ही पता चला था कि वह गर्भवती है। उसने खुशी की खबर को अपने पूरे परिवार के साथ बांटा, रामदास जी का परिवार आज बहुत खुश था।
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घर में एक नए मेहमान के आने की आस रामदास जी को बहुत ही रोमांचित कर रही थी, वैसे भी कहा जाता है कि बुजुर्गों को अपनी औलाद से ज्यादा उनके बच्चे ज्यादा पसंद होते हैं, शायद रामदास जी भी यही सोच रहे होंगे कि परिवार में कोई छोटा बच्चा आ जाए तो मेरा भी मन अब इस बुढ़ापे में लगा रहेगा।
रामदास जी के परिवार में से कोई भी अब तक यह नहीं जानता था कि नए मेहमान के आने की यह खबर जिसे वह खुशी का समाचार समझ रहे थे, वह उनके परिवार के लिए सबसे बुरी खबर बन चुकी है।
अगला दिन शनिवार का दिन था और आज सुबह से ही छोटी बहू की तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब थी उसे बार-बार उल्टियां हो रही थी जिसके बाद उसे अस्पताल भी लेकर गए थे परंतु कोई परिणाम नहीं निकला। #besthorrorstory
अभी भी उसे उल्टी दस्त की तकलीफ हो रही थी।
शाम का समय हो चुका था और सूर्य देव भी अब अस्त होने वाले थे, उसी समय के ऊपर रामदास जी का छोटा बेटा अपने कमरे के अंदर अपनी पत्नी का हाल चाल पूछने के लिए गया तो वह वहां का नजारा देखकर बिल्कुल चौक गया, क्योंकि उसकी पत्नी अजीब से कपड़े पहन कर अपने बाल पुरे खोलकर सर के बल बेड के ऊपर खड़ी हो रखी थी।
जिसे देखकर उसका पति बहुत ज्यादा डर गया और वहां से चिल्लाकर बाहर भागा। जब उसकी मां ने उससे पूछा कि तू ऐसे डर क्यों भागा ऐसा तूने तेरे कमरे में क्या देख लिया तो उसने बताया कि उसकी पत्नी सर के बल उल्टी खड़ी है।
उसकी बात पर किसी को भी विश्वास नहीं हो रहा था, क्योंकि सुबह तक तो बहू बिल्कुल स्वस्थ थी बस उसे कुछ मौसम के कारण पेट दर्द वगैरह की तकलीफ थी।
जो ऐसे समय में होना स्वभाविक सा है। बेटे को डरा हुआ देखकर रामदास जी और उनके बड़े भाई और परिवार के बाकी लोग उसके कमरे में जाकर देखने लगे कि आखिर हुआ क्या??
जो बेटा चिल्लाते हुए इतना जोर से डर कर भागा था। कमरे में जाकर देखते हैं तो बहू आराम से लेटी हुई है और कमरा पूरा व्यवस्थित है।
उन्होंने बाहर आकर अपने बेटे को वापस कमरे में बुलाया तो वह यह देखकर थोड़ा चौक सा गया अपनी पत्नी को आराम करने के लिए छोड़कर बाहर आकर अपने परिवार को बताने लगा कि, अभी थोड़ी देर पहले सच में यह बहुत अजीब सी हरकतें कर रही थी।
यह हमारे बेड के ऊपर सर के बल खड़ी होकर कुछ बुदबुदा रही थी परंतु मैं बहुत ज्यादा डर गया था इसलिए सुन नहीं पाया था कि वह क्या कह रही थी।
परिवार वाले सोचने लगे कि शायद सफर की थकान के कारण बेटे ने कोई शराब वगैरह पी ली होगी, जिसके कारण वह ऐसी बातें कर रहा है और उन्होंने इस बात को थोड़ा नजरअंदाज ही किया।
जब शाम को छोटा बेटा बाहर जा रहा था उसी समय के ऊपर चौकीदार ने उसे राम-राम करके रोका और उससे बात करने लगा। #realhorrorstories
जब उसने पूछा कि आज दोपहर में मेम साहब को क्या हुआ था??
वह बताने लगा कि वह कुछ अजीब सी हरकतें कर रही थी इस बात पर चौकीदार बताता है कि साहब इस बार आपके आने के साथ कोई और बुरी शक्ति भी इस हवेली के अंदर आई है, क्योंकि मेरे कुत्ते को भी ऐसी ही किसी बुरी शक्ति ने मारा है। वह इसी हवेली के अंदर है।
माना जाता है कि कुत्तों को बुरी शक्तियों का एहसास बहुत पहले हो जाता है और यह अपने मालिक के प्रति वफादार होते हैं।
जिस कारण से कोई भी बुरी शक्तियां सबसे पहले घर के कुत्ते को ही अपना शिकार बनाती है ताकि वह अपने मालिक को आने वाले खतरे के बारे में आगाह है ना कर सके।
उसी रात को जब बेटा और बहू अपने कमरे में सो रहे थे और सेठ रामदास जी अपनी पत्नी के साथ बातें कर रहे थे कि इतने सालों बाद गांव में आकर इतना अच्छा लग रहा है।
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इस खुली हवा में जीना एक अलग ही सुकून देता है गांव की मिट्टी की खुशबू मेरे मन को हमेशा खुशनुमा बनाए रखती है। सेठ जी अपनी पत्नी से बातें करने में व्यस्त थे, तभी उन्हें घर के रसोई से कुछ आवाज आई जैसे कोई रसोई में बर्तनों को नीचे गिरा रहा हो और बर्तनों को आपस में जोर जोर से टकरा रहा हो, सेठानी जी ने जाकर देखा तो रसोई में सारे बर्तन बिखरे हुए थे, परंतु वहां था कोई भी नहीं, उसने आकर सेठ जी को सारी बात बताई।
घरवाले यही सोच रहे थे की हवेली काफी सालों पुरानी है और काफी समय से बंद भी थी। जिसके कारण हो सकता है बिल्लियों का आना जाना हवेली में रहता हो।
शायद कोई बिल्ली ही होगी जिसने रसोई में उथल पुथल मचाई है।
कुछ दिनों तक घर के अंदर लगातार ऐसी ही स्थिति बनी रही। कभी रात को घर की छत पर किसी के चलने की आवाज आती, तो कभी किसी के जोर जोर से चिल्लाने की आवाज। सेठ जी को हवेली में आए हुए 10 दिन से ज्यादा का समय हो चुका था।
रोज रोज होने वाली इन अनजान हरकतों से परेशान होकर सेठ जी ने यह बात अपने बड़े भाई साहब को बताना उचित समझा। रामनरेश जी उसी रात अपने बड़े भाई साहब के घर गए और उन्हें घर में हो रही अनजान हरकतों के बारे में विस्तार से बताया।
रामनरेश जी के बड़े भाई सुल्तान जी, भगवान के अंदर बहुत ज्यादा आस्था रखते थे। वे और उनकी पत्नी हमेशा पूजा-पाठ में लीन रहते थे। जब सुल्तान जी की पत्नी अर्थात रामनरेश जी की भाभी को इस बारे में खबर हुई तो उन्होंने रामनरेश जी को बताया कि ऐसी हरकतें किसी भी घर में तब होती है, जब कोई बुरी शक्ति घर के अंदर प्रवेश कर जाती है और कुछ नुकसान करना चाहती है।
आप पास ही के गांव के एक मंदिर में पुजारी जी रहते हैं जिन्हें इन सब के बारे में बेहतर ज्ञान है। वह आपको इस समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं। छोटी बहू को अभी बहुत सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि गर्भवती स्त्रियों को बुरी शक्तियां सबसे पहले लक्ष्य करती हैं, ताकि वह अपनी शक्तियों में वृद्धि कर सकें।
रामनरेश जी अपनी भाभी से यह सारी बातें सुनकर अब थोड़ा सा डरने लगे थे, क्योंकि उनके घर में खुशियां आने वाली थी और उससे पहले ही खुशियों पर लगे इस ग्रहण को हटाना उनके लिए अति आवश्यक था।
रामनरेश जी घर आए और उन्होंने अपनी पत्नी को सारी बातें बताई। जैसा भाभी जी ने बताया था, अगले दिन ही रामनरेश जी और उनकी पत्नी पास ही के गांव के मंदिर के पुजारी जी से मिलने के लिए घर से निकल पड़े।
पुजारी जी के पास जाकर उन्हें प्रणाम कर पुजारी जी के आग्रह करने पर बैठकर उनसे अपनी समस्या के बारे में बात करने लगे पुजारी जी सेठ जी को वैसे नाम से तो जानते थे परंतु आज मिल पहली बार रहे थे।
रामनरेश जी अक्सर अपने क्षेत्र के अंदर कुछ धार्मिक कार्य और विकास के कामों में आर्थिक सहायता किया करते थे। जिससे आसपास के गांवों के लोग इनकी बहुत इज्जत किया करते थे।
पुजारी जी को जब पता चला कि रामनरेश जी खुद ही मेरे पास किसी अपनी निजी समस्या का हल निकालने के लिए आए हैं तो उन्होंने उसे अपना सौभाग्य समझा और उनसे बहुत प्रेम से बात करने लगे।
रामनरेश जी की समस्या को सुनकर पुजारी जी ने उन्हें कहा कि इस समस्या के बारे में विस्तार से जानने के लिए पुजारी को उनके घर पर आकर, घर का निरीक्षण करना पड़ेगा तभी वह इस सब के बारे में जान सकता है। पुजारी जी रामनरेश जी के साथ ही उनके घर के लिए निकल पड़े।
पुजारी जी ने घर आकर हवेली में बने मंदिर में बैठकर ध्यान लगाना शुरू किया और पूरे घर का चारों तरफ जाकर निरीक्षण किया।
पंडित जी ने अपने ज्ञान से जो पता किया उसके बारे में रामनरेश जी को जब बताया तो उनके होश ही उड़ गए। पुजारी जी ने बताया कि यह कोई गर्भवती स्त्री की ही आत्मा है जो किसी कारणवश अपने बच्चों को जन्म देते ही मर गई थी।
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रास्ते में इसकी आत्मा वहां से गुजर रही होगी और उसी समय आप लोग उसके क्षेत्र से गुजर रहे थे। आपकी छोटी बहू के गर्भवती होने के कारण इसका मातृत्व प्रेम फिर से जाग उठा। इसलिए यह आपके पीछे-पीछे हवेली आ गई।
अब इसका लक्ष्य आपकी छोटी बहू के बच्चे को मारना हैं। रामनरेश जी यह सब सुनकर बहुत ज्यादा डर गए थे। उनके साथ पहले कभी ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी।
जिसके कारण वह इन सब चीजों में कम ही विश्वास किया करते थे परंतु पिछले कुछ दिनों से जो घटनाएं उनके साथ हो रही थी। उसे देखकर उनके दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया, बहुत सोच विचार करने के बाद रामनरेश जी ने पुजारी जी से इस समस्या का हल निकालने के लिए कहा।
पुजारी जी ने मंगलवार का दिन पूजा करें करने के लिए उपयुक्त बताकर मंदिर के लिए निकल पड़े। पुजारी जी ने राम नरेश जी को कुछ अभिमंत्रित जल और भभूति दी थी जिसका प्रयोग उस बुरी शक्ति के खिलाफ बचाव के लिए करना था। Scary story
मंगलवार का दिन पुजारी जी सुबह-सुबह रामनरेश जी की हवेली आ गए। रामनरेश जी के बेटे से हवन के लिए पूरी सामग्री मंगवा कर पुजारी जी ने हवन की वेदी तैयार की, और घर के अंदर हवन करने लगे, करीबन 3 घंटे तक पुजारी जी ने घर के अंदर हवन किया।
हवन के बाद आरती और उसके बाद उस आरती के शुद्ध पवित्र धुंए को पूरे घर के अंदर फैला दिया। पुजारी जी ने सभी घरवालों को ताबीज बना कर दिए थे।
जिससे यह बुरी आत्मा से अपना बचाव कर सकें। पुजारी जी ने उनके घर हवन करके उस बुरी शक्ति से उनका बचाव किया था।
पुजारी जी के हवन करने के बाद उस हवेली के अंदर फिर से ऐसी हरकतें कभी नहीं हुई।
कुछ महीनों बाद रामनरेश जी की छोटी बहू ने भी एक लक्ष्मी जैसी बेटी को जन्म दिया।🙏🙏
ऐसी घटनाएं किसी के साथ भी हो सकती है बस हमें उस समय घबराना नहीं चाहिए और ईश्वर को याद कर जो रास्ता ईश्वर दिखाएं उसके ऊपर चलना चाहिए।