Real Horror Stories के अगले क्रम में हम आपके लिए लेकर आए है आज एक और नई Horror Story।
यह कहानी हैं एक छोटी सी बच्ची की जो राजस्थान के एक छोटे से Government School में पढ़ती थी। उस बच्ची के साथ ऐसा क्या हुआ था की वह आज तक उस घटना के सदमे से उबर नहीं पाई हैं।
Real School Horror Story
आगे इस घटना के बारे में उसी बच्ची के नजरिए से जानने की कोशिश करते हैं की आखिर उस बच्ची के साथ हुआ क्या था??
नमस्कार
मेरा नाम रचिता हैं और में राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र की रहने वाली हूं। मेरे परिवार में मैं, मेरे मम्मी पापा, और मेरा एक छोटा भाई हैं। यह कहानी आज से करीबन 10 साल पहले मेरे साथ हुई थी जब में मेरे गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ा करती थी।
हमारे स्कूल में बहुत कम बच्चे पढ़ा करते थे क्योंकि जो लोग अमीर थे वो अपने बच्चो को निजी विद्यालयों में पढ़ाया करते थे। मेरे पिताजी के आर्थिक स्तिथि उस समय इतनी अच्छी नही थी को वो हमे Private School 🏫 में पढ़ा सके। इसलिए हम दोनो भाई बहन का पिताजी ने उसी सरकारी स्कूल में दाखिला करवा दिया था।
में उसे समय 5 वी कक्षा में थी जबकि मेरा छोटा भाई उस समय पहली कक्षा में था।
गांव का स्कूल था तो वहां आस पास में बहुत से खेत भी थे। हमारी स्कूल के साथ ही किसी के खेत थे जिनमे हम बच्चे दोपहर की छुट्टी में खेलने जाया करते थे।
एक दिन की बात हैं हम सारे बच्चे उस खाली खेत में खेल रहे थे। हम में से किसी को भी पता नहीं था की जहां पर हम खेल रहे हैं वहीं पर पास ही में बड़ी मधुमक्खियों का छत्ता हैं।
हमारे स्कूल के कुछ बच्चे वहां Cricket खेल रहे थे।
बच्चो के खेलते खेलते अचानक से गेंद मधुमक्खियों के छत्ते में जा के लग गई जिसके बाद वहां पर चारो तरफ मधुमक्खियां ही फेल गई। हम सब बच्चे थे इसलिए हमे उस समय यह नहीं पता था की अगर मधुमक्खियां गुस्से में इधर उधर घूम रही हो तो उनसे बचने का एकमात्र तरीका हैं की आप एक जगह पर स्थिर खड़े हो जाओ, उसके बाद मधुमक्खियां काटती नही हैं।
सारे बच्चे मधुमक्खियों के डर से इधर से उधर भागने लगे। बहुत से बच्चो को मधुमक्खियों ने डंक मार दिए थे। मुझे भी कुछ मधुमक्खियों ने काट लिया था। हमारे Class का एक लड़का Rakesh उन मधुमक्खियों के काटने के बाद वहीं जमीन पर बेहोश होकर गिर गया था और मधुमक्खियां उसके बाद भी उस बच्चे को काट रही थी।
Horror Story India in Hindi
बहुत सी मधुमक्खियां उसके शरीर पर बेहोसी के बाद भी जोंक की तरह चिपकी हुई थी।
बच्चो के रोने चिल्लाने की आवाज सुनकर हमारे स्कूल के Teacher और कुछ गांव वाले जल्दी से उस तरफ दौड़कर आए। गांव के ही कुछ लड़को ने अपने शरीर पर मोटी कंबल डालकर बच्चो को बचाने की कोशिश की ओर कई बच्चों को वहां से बाहर निकाला।
Rakesh को भी गांव वालो ने खेत से बाहर निकाल कर गांव के ही एक व्यक्ति की गाड़ी में उसे पास ही के अस्पताल में लेकर गए।
हम सब को भी गांव में ही आकर Doctor ने दवाई दी। गांव में यह बात चारो तरफ फैल गई थी, दूसरे दिन हमे पता चला की राकेश की मधुमक्खियों के काटने के कारण उनके जहर से मौत हो गई थी। उसके शरीर पर बहुत सी मधुमक्खियां ने काट लिया था।
गांव में यह घटना बहुत ही बड़ी थी और सारा गांव एक गम में डूब गया था। वह बच्चा अपने मां बाप की इकलौती औलाद था। जिस माता पिता के अकेले संतान की इस तरह असमय मृत्यु हो जाए तो उनके ऊपर क्या गुजरेगी यह हम सब की समझ से बिल्कुल बाहर हैं।
कुछ दिन तक तो उस घटना के बाद हम में से काफी सारे बच्चे स्कूल गए ही नही। उस समय हम छोटे हुआ करते थे तो एक साथ वाले बच्चे के इस तरह मर जाने से सभी डर गए थे बहुत ज्यादा, कुछ दिनो बाद बच्चो ने स्कूल जाना शुरुं किया।
इस घटना के बाद करीबन एक महीने तक तो में भी स्कूल नही गई थी।
स्कूल भी अब वापिस धीरे धीरे उस घटना को भूलकर वापिस अपनी पुरानी रंगत में आने लगा था। बच्चे धीरे धीरे वापिस उस खेत में खेलने जाने लगे थे और अब वहां से मधुमक्खियों के छत्ते को गांव वालो ने बच्चो के कारण हटवा दिया थे।
एक दिन एक लड़के ने हम सबको बताया की आज उसे खेलते हुए Rakesh उस खेत में दिखाई दिया। हम सब ने यह बात उस समय तो नजरंदाज कर दी परंतु गांव में काफी लोगो को उसकी आत्मा कई बार दिखाई दे चुकी थी जिसके कारण अब हम सब थोड़ा डरने लगे थे और उस तरफ जाना एकदम बंद सा ही कर दिया था।
कुछ बच्चे वहां खेलने जाया करते थे जिनमे से कई बच्चे बीमार हो जाते थे। उनका शरीर बुखार से तपने लग जाता था और वो नींद में ही कुछ अजीब सी बहकी हुई से हरकते करने लग जाते थे।
जनवरी का महीना शुरू हो चुका था और Republic Day भी आने वाला था जिसकी तैयारी स्कूल के बच्चे जोर शोर से करने में लगे थे।
26 जनवरी के Function के लिए हम सब तैयारियो में जुट गए थे। हमारे स्कूल के Teachers ने हमे नाच, गाने का अभ्यास करवा कर हमे स्कूल में होने वाले कार्यकर्म के लिए पूरी तरह तैयार कर दिया था।
एक दिन में अपनी दोस्तो के साथ जिस गाने पर हम नाचने वाले थे उसका अभ्यास कर रह थे। मुझे नाचने का बहुत शोक हैं बचपन से ही तो में उस समय अपने गाने की तैयारी में मशगूल थी। मेरी दोस्त कुछ देर तक तो मेरे साथ अभ्यास कर रही थी परंतु फिर सब धीरे धीरे बाहर चली गई।
में अकेले ही कुछ देर तक नाचने का अभ्यास करती रहीं।
मेरी नजर अचानक से नाचते हुए कमरे के दरवाजे पर पड़ी तो में चौंक गई क्योंकि वहां दरवाजे पर वही लड़का राकेश खड़ा था जिसकी मृत्यु कुछ दिन पहले मधुमक्खियों के काटने के कारण हो गई थी।
Ghost of the school real story
वह मुझे घूर कर देख रहा था, मेने अपनी दोस्तो को Teacher को आवाज लगाने की कोशिश की परंतु मेरे मुंह से जरा सी भी आवाज नही निकल रही थी। में अपनी तरफ से पूरा जोर लगाकर चिल्लाने की कोशिश कर रही थी पर मेरी सारी कोशिशें बेकार जा रही थी।
मेरी आवाज मेरे गले से बाहर तक नही निकल रही थी।में बहुत ज्यादा डर गई थी और तभी मेने देखा की वह लड़का मेरी तरफ ही बढ़ रहा हैं।
उसका चेहरा अचानक से बहुत ही भयानक हों गया और वह जल्दी से मेरी तरफ बढ़ने लगा। में डर के मारे बेहोश हो गई और जब मेरी आंख खुली तो में अपने घर पर थी और अब रात हो चुकी थी।
मेरे घर वालो ने बताया की आज दिन में में कक्षा में बेहोश मिली थी बच्चो को और फिर स्कूल वालो ने मुझे अस्पताल में दिखाया और फिर घर ले कर आ गए। में करीबन 6 घंटे से ज्यादा बेहोश रही थी। मेने आज दिन में मेरे साथ जो घटना हुई थी उसके बारे में अपने घर वालो को विस्तार से बताया, मेरे परिवार वाले मेरी बात सुनकर जरा हैरान से हो गए, परंतु मेरी हालत देखकर उन्हे मेरी बात पर विश्वास हो गया था।
मेने उन्हें बताया की मेने बहुत चिल्लाने की कोशिश भी की थी परंतु मेरे मुंह से आवाज ही नहीं निकल रही थी तब मेरे पापा ने मुझे बताया की ऐसी शक्तियां जब हमारे आस पास होती हैं तो हमारी आवाज निकल नही पाती हैं।
Horror Story short
मेरे घरवाले मुझे गांव के मंदिर के पुजारी जी के पास लेकर गए और उन्हें सारी बात बताई। पुजारी जी ने कुछ झाड़ फूंक की ओर हमे बताया की वह बच्चा गांव के कई लोगो को दिखाई दे चुका हैं। असमय मृत्यु हो जाने के कारण उसकी आत्मा भटक रही हैं।
उस घटना के बाद मेने गांव का वह स्कूल छोर दिया और दूसरे स्कूल में पढ़ने लगी।
आज उस घटना को काफी समय बीत चुका हैं परंतु फिर भी कभी कभार वह उसका भयानक चेहरा मेरे सामने आ जाता हैं तो में आज भी बहुत ज्यादा डर जाती हूं।
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